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अलग झंडा और संविधान की मांग ने नगा वार्ता में अटकाया पेंच - एनएससीएन आईएम

केंद्र सरकार और नगा भूमिगत नेताओं के बीच 23 वर्षों से चल रही नगा वार्ता दो मुख्य बिंदुओं पर अटक गई है. नगा राष्ट्रीय ध्वज और अलग नगा संविधान को लेकर दोनों पक्षों के बीच गतिरोध बढ़ गया है. पढ़ें वरिष्ठ संवाददाता संजीब कुमार बरुआ की रिपोर्ट.

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नगा वार्ता
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Published : Oct 18, 2020, 7:55 PM IST

Updated : Oct 19, 2020, 7:12 AM IST

नई दिल्ली : नगा भूमिगत नेताओं और केंद्र सरकार के बीच 23 वर्षों से चल रही नगा वार्ता दो मुख्य बिंदुओं पर अटक गई है. नगा राष्ट्रीय ध्वज और अलग नगा संविधान को लेकर दोनों पक्षों के बीच गतिरोध है. नगा नेतृत्व इन दोनों मांगों पर अडिग हैं और पीछे हटने को तैयार नहीं हैं. वहीं केंद्र सरकार भी इसे स्वीकार करने को राजी नहीं है. इसे स्वीकार करने का खामियाजा सरकार को भुगतना पड़ेगा, यह सरकार भी अच्छे से समझ रही है. दोनों पक्षों के अपने-अपने स्टैंड के साथ चिपके रहने के कारण एक मध्य दृष्टिकोण पर अनौपचारिक स्तर पर बातचीत चल रही है.

ध्वज और संविधान

झंडे के मुद्दे पर प्यूर्टो रिकान ध्वज मॉडल के अनुकरण की बात चल रही है. हालांकि, कुछ भी अंतिम रूप से तय नहीं है. कैरिबिया में स्थित प्यूर्टो रिकान संयुक्त राज्य अमेरिका का एक स्व-शासित असंबद्ध क्षेत्र है और अमेरिकी सरकार द्वारा नियंत्रित है, लेकिन अमेरिकी राज्यों में से एक नहीं है. सभी प्यूर्टो रिकान के लोग जन्म से अमेरिकी नागरिक हैं और स्वतंत्र रूप से अमेरिका में प्रवेश कर सकते हैं. प्योर्टो रिकान ध्वज केवल अमेरिकी ध्वज के साथ ही फहराया जा सकता है और हमेशा अमेरिकी ध्वज के बाईं ओर स्थित होना चाहिए. दोनों को एक ही ऊंचाई पर फहराया जाता है. प्योर्टो रिकान ध्वज को अमेरिकी ध्वज के फहराए जाने के बाद ही फहराया जा सकता है और अमेरिकी ध्वज के उतरने से पहले इसे उतारा जाता है. संविधान के मुद्दे पर अलग नगा संविधान या 'यजहाबो' की मांग की जा रही है. इस पर भी बात जारी है.

वर्तमान स्थिति

नगा वार्ता में चल रहे घटनाक्रम से परिचित सूत्रों के अनुसार, नई दिल्ली में नियमित रूप से व्यस्त वार्ता तो हो रही है, लेकिन अनौपचारिक स्तर पर. चेयरपर्सन और महासचिव को छोड़कर एनएससीएन आईएम (NSCN IM) की एक बहुत बड़ी टीम इंटेलिजेंस ब्यूरो के शीर्ष अधिकारियों से बात कर रही है. बातचीत राजनीतिक स्तर पर और प्रशासनिक स्तर पर चल रही है. प्रशासनिक स्तर पर सभी मुद्दों संघ और समवर्ती राज्य सूची में शक्तियों के सीमांकन और वितरण का समाधान कर लिया गया है. राजनीतिक स्तर पर ही गतिरोध है. खास तौर पर नगा झंडा और 'यजहाबो' मुद्दे पर.

नगाओं को मूर्त परिणाम दिखाने का है दबाव

शुक्रवार को एनएससीएन आईएम (NSCN IM) के महासचिव थुइनगलेंग मुइवा ने एक टीवी साक्षात्कार में कहा कि उनका संगठन नगा ध्वज और नगा संविधान पर कभी समझौता नहीं करेगा. उन्होंने कहा कि हम इन दो मुद्दों पर अपना आधार बनाए हुए हैं और हम अंतिम व्यक्ति के खड़े होने तक बने रहेंगे. भारतीय राज्य के खिलाफ गुरिल्ला युद्ध छेड़ने के लगभग सात दशक और सरकार के साथ दो दशकों से अधिक की बातचीत के बाद एनएससीएन आईएम (NSCN IM) पर नगाओं को मूर्त परिणाम दिखाने के लिए दबाव बढ़ रहा है.

नई दिल्ली : नगा भूमिगत नेताओं और केंद्र सरकार के बीच 23 वर्षों से चल रही नगा वार्ता दो मुख्य बिंदुओं पर अटक गई है. नगा राष्ट्रीय ध्वज और अलग नगा संविधान को लेकर दोनों पक्षों के बीच गतिरोध है. नगा नेतृत्व इन दोनों मांगों पर अडिग हैं और पीछे हटने को तैयार नहीं हैं. वहीं केंद्र सरकार भी इसे स्वीकार करने को राजी नहीं है. इसे स्वीकार करने का खामियाजा सरकार को भुगतना पड़ेगा, यह सरकार भी अच्छे से समझ रही है. दोनों पक्षों के अपने-अपने स्टैंड के साथ चिपके रहने के कारण एक मध्य दृष्टिकोण पर अनौपचारिक स्तर पर बातचीत चल रही है.

ध्वज और संविधान

झंडे के मुद्दे पर प्यूर्टो रिकान ध्वज मॉडल के अनुकरण की बात चल रही है. हालांकि, कुछ भी अंतिम रूप से तय नहीं है. कैरिबिया में स्थित प्यूर्टो रिकान संयुक्त राज्य अमेरिका का एक स्व-शासित असंबद्ध क्षेत्र है और अमेरिकी सरकार द्वारा नियंत्रित है, लेकिन अमेरिकी राज्यों में से एक नहीं है. सभी प्यूर्टो रिकान के लोग जन्म से अमेरिकी नागरिक हैं और स्वतंत्र रूप से अमेरिका में प्रवेश कर सकते हैं. प्योर्टो रिकान ध्वज केवल अमेरिकी ध्वज के साथ ही फहराया जा सकता है और हमेशा अमेरिकी ध्वज के बाईं ओर स्थित होना चाहिए. दोनों को एक ही ऊंचाई पर फहराया जाता है. प्योर्टो रिकान ध्वज को अमेरिकी ध्वज के फहराए जाने के बाद ही फहराया जा सकता है और अमेरिकी ध्वज के उतरने से पहले इसे उतारा जाता है. संविधान के मुद्दे पर अलग नगा संविधान या 'यजहाबो' की मांग की जा रही है. इस पर भी बात जारी है.

वर्तमान स्थिति

नगा वार्ता में चल रहे घटनाक्रम से परिचित सूत्रों के अनुसार, नई दिल्ली में नियमित रूप से व्यस्त वार्ता तो हो रही है, लेकिन अनौपचारिक स्तर पर. चेयरपर्सन और महासचिव को छोड़कर एनएससीएन आईएम (NSCN IM) की एक बहुत बड़ी टीम इंटेलिजेंस ब्यूरो के शीर्ष अधिकारियों से बात कर रही है. बातचीत राजनीतिक स्तर पर और प्रशासनिक स्तर पर चल रही है. प्रशासनिक स्तर पर सभी मुद्दों संघ और समवर्ती राज्य सूची में शक्तियों के सीमांकन और वितरण का समाधान कर लिया गया है. राजनीतिक स्तर पर ही गतिरोध है. खास तौर पर नगा झंडा और 'यजहाबो' मुद्दे पर.

नगाओं को मूर्त परिणाम दिखाने का है दबाव

शुक्रवार को एनएससीएन आईएम (NSCN IM) के महासचिव थुइनगलेंग मुइवा ने एक टीवी साक्षात्कार में कहा कि उनका संगठन नगा ध्वज और नगा संविधान पर कभी समझौता नहीं करेगा. उन्होंने कहा कि हम इन दो मुद्दों पर अपना आधार बनाए हुए हैं और हम अंतिम व्यक्ति के खड़े होने तक बने रहेंगे. भारतीय राज्य के खिलाफ गुरिल्ला युद्ध छेड़ने के लगभग सात दशक और सरकार के साथ दो दशकों से अधिक की बातचीत के बाद एनएससीएन आईएम (NSCN IM) पर नगाओं को मूर्त परिणाम दिखाने के लिए दबाव बढ़ रहा है.

Last Updated : Oct 19, 2020, 7:12 AM IST
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