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अमरनाथ हादसा: मृतकों की संख्या 16 हुई, 15000 श्रद्धालुओं को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया

पवित्र अमरनाथ गुफा क्षेत्र में बादल फटने की घटना में मृतकों की संख्या बढ़कर 16 हो गई. अब भी कई तीर्थयात्रियों के फंसे होने की आशंका है. फिलहाल राहत-बचाव कार्य जारी है. अधिकारियों ने बताया कि कम से कम 15,000 तीर्थयात्रियों को निचले आधार शिविर पंजतरणी ले जाया गया है और 25 घायलों को अस्पताल ले जाया गया.

अमरनाथ गुफा क्षेत्र में बादल फटा
अमरनाथ गुफा क्षेत्र में बादल फटा
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Published : Jul 9, 2022, 9:53 AM IST

Updated : Jul 9, 2022, 10:20 PM IST

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर में अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने के कारण अचानक आई बाढ़ के चलते मरने वाले लोगों की संख्या शनिवार को बढ़कर 16 हो गई. वहीं, कई लोगों के अब भी मलबे में फंसे होने की आशंका के बीच बगैर रूके तलाश अभियान जारी है. अधिकारियों ने बताया कि वहां फंसे कम से कम 15,000 तीर्थयात्रियों को निचले आधार शिविर पंजतरणी ले जाया गया है और 25 घायलों को अस्पताल ले जाया गया. उन्होंने बताया कि बादल फटने के चलते अचानक आई बाढ़ का पानी शुक्रवार दोपहर तंबू और सामुदायिक रसोई में घुस गया और वे स्थान भूस्खलन की चपेट में भी आ गये.

अमरनाथ हादसा : रेस्क्यू ऑपरेशन जारी

सेना के एक अधिकारी के अनुसार, पर्वतीय तलाश दल, बचाव दल और खोजी श्वान को तलाश व बचाव अभियान में लगाया गया है. अधिकारियों ने कहा, 'शनिवार सुबह हवाई बचाव अभियान शुरू किया गया और थल सेना के हेलीकॉप्टरों से छह तीर्थयात्रियों को वहां से निकालकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया. नीलग्रथ हेलीपैड पर मरीजों और घायलों को पहुंचाया जा रहा है.'

हादसे के बावजूद श्रद्धालुओं में उत्साह

सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की एयर विंग के एक एमआई-17 हेलीकॉप्टर को बचाव अभियान में लगाया गया है. जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने बचाव कार्यों के लिए उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर भी तैनात किए हैं. दिल्ली में सीमा सुरक्षा बल के एक अधिकारी ने कहा, '16 शवों को बालटाल ले जाया गया है.' प्रवक्ता ने बताया कि भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) ने पवित्र गुफा के निचले हिस्से से पंजतरणी तक जाने वाले मार्ग में अपने कर्मियों की संख्या भी बढ़ा दी है.

जम्मू-कश्मीर पुलिस के अतिरिक्त महानिदेशक व कश्मीर रेंज के प्रभारी विजय कुमार सुरक्षा बलों और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) द्वारा चलाए जा रहे बचाव कार्यों की निगरानी के लिए शनिवार सुबह पवित्र गुफा पहुंचे. कुमार ने कहा कि बचावकर्मी जीवित बचे लोगों की तलाश के लिए मलबा हटा रहे हैं. उन्होंने कहा कि प्रशासन हताहतों की सही संख्या जानने के लिए तीर्थयात्रियों के आंकड़ों की जांच कर रहा है. उन्होंने बताया कि आतंकी खतरों के मद्देनजर इस बार हर तीर्थयात्री को रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (आरएफआईडी) कार्ड मुहैया कराया गया है.

Cloud burst in Amarnath cave area
अस्पताल में चल रहा इलाज

आईटीबीपी के प्रवक्ता ने कहा, 'मार्ग में कोई यात्री नहीं है. अब तक करीब 15,000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है.' बीएसएफ के प्रवक्ता ने कहा कि अर्धसैनिक बल के डॉक्टर और चिकित्सा कर्मियों ने बाढ़ में गंभीर रूप से घायल नौ मरीजों का इलाज किया. उन्होंने बताया कि पवित्र गुफा से आने वाले तीर्थयात्रियों की सहायता के लिए नीलग्रथ हेलीपैड पर बीएसएफ की एक छोटी टीम भी तैनात की गई है. उन्होंने बताया कि शुक्रवार रात पंजतरणी में बनाए गए बीएसएफ शिविर में करीब 150 यात्री रुके थे और शनिवार सुबह 15 मरीजों को हवाई मार्ग के जरिये बालटाल पहुंचाया गया.

Cloud burst in Amarnath cave area
6 लोगों को एयरलिफ्ट किया गया

थल सेना के एक अधिकारी ने शनिवार को कहा कि एक कर्नल की अगुवाई में इंफेंट्री बटालियन के साथ ही त्वरित प्रतिक्रिया दल, राष्ट्रीय राइफल्स सेक्टर के कर्मियों की एक अतिरिक्त कंपनी और विशेष बलों का एक दल विशेष बचाव उपकरणों के साथ पवित्र गुफा पहुंचा. अधिकारी ने कहा, इंफेंटरी बटालियन और राष्ट्रीय राइफल्स के वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों ने रातभर बचाव अभियान की निगरानी की. अधिकारी के मुताबिक, हताहतों को निकालने के लिए दो अत्याधुनिक हल्के हेलीकॉप्टरों को तैनात किया गया है. हालांकि, खराब मौसम के कारण गुफा के पास रात को हेलीकॉप्टर नहीं उतर सके.

तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के लिए हवन-पूजन
वहीं, अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने की घटना में हुए नुकसान को लेकर जम्मू शहर में हवन-पूजन किया गया. इस अवसर लोगों ने तीर्थयात्रियों की सुरक्षित वापसी की प्रार्थना की. साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार और जम्मू-कश्मीर प्रशासन से अमरनाथ यात्रा को तत्काल रोकने की अपील की. इस बीच, जम्मू शहर से शनिवार को कश्मीर स्थित दो आधार शिविरों के लिए करीब 6,000 श्रद्धालुओं का 11वां जत्था रवाना हुआ.

तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के लिए हवन-पूजन

गौरतलब है कि शुक्रवार की शाम बादल फटने से अमरनाथ गुफा क्षेत्र में बने कई लंगर और शिविर इसकी चपेट में आ गए थे. इसके बाद पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने एलजी मनोज सिन्हा से हालात की जानकारी ली. माउंटेन रेस्क्यू टीम और अन्य दल लापता लोगों की तलाश में जुटे हैं. रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे सुरक्षाकर्मियों ने दावा किया है कि हालात काबू में हैं और काफी लोगों को रेस्क्यू कर लिया गया है. सुरक्षाबलों का भी कहना है कि रेस्क्यू ऑपरेशन जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा. बचाव कार्य में सर्च और रेस्क्यू डॉग को भी लगाया गया है. शरीफाबाद से 2 सर्च और रेस्क्यू डॉग को हेलीकॉप्टर के जरिए पवित्र गुफा में ले जाया गया है.

  • एनडीआरएफ हेल्पलाइन- 01123438252, 01123438253, 919711077372
  • कमांड सेंटर हेल्पलाइन- 01942496240, 01942313149
  • जम्मू कश्मीर एसडीआरएफ- 911942455165, 919906967840
  • अमरनाथ यात्रा हेल्पलाइन- 01912478993

भारतीय सेना भी मौके पर रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही है. हेलीकॉप्टर के जरिए घायलों को लेकर सुरक्षित स्थानों और अस्पतालों में भेजा रहा है. सोनमर्ग के बालटाल बेस कैंप से अमरनाथ यात्रा अस्थाई रूप से स्थगित की गई है. एक श्रद्धालु ने कहा है कि हमें आज के लिए यहां टेंट में रहने के लिए कहा गया है. वहां (अमरनाथ गुफा) मौसम साफ नहीं है.

Cloud burst in Amarnath cave area
हेलीकॉप्टर के जरिए घायलों को लेकर सुरक्षित स्थानों और अस्पतालों में भेजा रहा है.

अमरनाथ यात्रा हादसे के स्वास्थ्य विभाग को भी अलर्ट मोड पर रखा गया है. स्वास्थ्य सेवा निदेशालय, कश्मीर ने कर्मचारियों के सभी अवकाश रद्द कर दिए और उन्हें तुरंत ड्यूटी पर रिपोर्ट करने का निर्देश दिया है. सभी अधिकारियों को अपने मोबाइल स्विच ऑन रखने के निर्देश दिए. सीएमओ गांदरबल डॉ. अफरोजा शाह ने बताया कि फिलहाल सभी घायलों का तीनों बेस अस्पतालों में इलाज चल रहा है. ऊपरी पवित्र गुफा, निचली पवित्र गुफा, पंजतरणी और आसपास की अन्य सुविधाएं ली जा रही हैं. घायल मरीजों के बेहतर इलाज की व्यवस्था की गई है.

पढ़ें: जम्मू-कश्मीर में 333 ग्लेशियर झील, इनमें 65 खतरनाक

अमरनाथ यात्रियों को बचाने के लिए आधुनिक उपकरणों का इस्तेमाल कर रही सेना : भारतीय सेना ने भारी बारिश के बाद अचानक आई बाढ़ में फंसे अमरनाथ यात्रा के श्रद्धालुओं को बचाने के लिए आधुनिक उपकरणों और जवानों को तैनात किया है. सेना के एक अधिकारी ने शनिवार को यहां बताया कि बचाव दल को शुक्रवार शाम को बादल फटने से लोगों के हताहत होने की खबर मिलने के तुरंत बाद घटनास्थल पर भेजा गया. उन्होंने बताया कि एक कर्नल की अगुवाई में इंफेंटरी बटालियन के साथ ही त्वरित प्रतिक्रिया दल, राष्ट्रीय राइफल्स सेक्टर के कर्मियों की एक अतिरिक्त कंपनी और विशेष बलों का एक दल विशेष बचाव उपकरणों के साथ पवित्र गुफा पहुंचा.

अधिकारी ने कहा कि इंफेंटरी बटालियन और राष्ट्रीय राइफल्स के वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों ने रातभर गुफा और नीलगरड़ बचाव अभियान की निगरानी की. गुफा और नीलगरड़ में चिकित्सीय संसाधनों को सक्रिय कर दिया गया है. अतिरिक्त संसाधनों को तैनात किया गया है. उन्होंने बताया कि हाथ से पकड़े जाने वाले थर्मल इमेजर्स, अंधेरे में भी देखने में सक्षम बनाने वाले उपकरणों के साथ नौ निगरानी टुकड़ियों और अन्य उपकरणों को तलाश अभियान के लिए तैनात किया गया है.

अधिकारी के मुताबिक कि पवित्र गुफा में हताहतों को निकालने के लिए दो आधुनिक हल्के हेलीकॉप्टरों को ले जाया गया है. हालांकि, खराब मौसम के कारण गुफा में रात को हेलीकॉप्टर नहीं उतर सके. दो वॉल रडार और दो खोज एवं बचाव श्वान दस्तों को भी गुफा में बचाव अभियान के लिए भेजा गया है. लोगों को निकालने से जुड़े अभियान की जानकारी देते हुए अधिकारी ने बताया कि खोज, बचाव और चिकित्सीय प्रयास दिन में भी जारी रहे.

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर में अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने के कारण अचानक आई बाढ़ के चलते मरने वाले लोगों की संख्या शनिवार को बढ़कर 16 हो गई. वहीं, कई लोगों के अब भी मलबे में फंसे होने की आशंका के बीच बगैर रूके तलाश अभियान जारी है. अधिकारियों ने बताया कि वहां फंसे कम से कम 15,000 तीर्थयात्रियों को निचले आधार शिविर पंजतरणी ले जाया गया है और 25 घायलों को अस्पताल ले जाया गया. उन्होंने बताया कि बादल फटने के चलते अचानक आई बाढ़ का पानी शुक्रवार दोपहर तंबू और सामुदायिक रसोई में घुस गया और वे स्थान भूस्खलन की चपेट में भी आ गये.

अमरनाथ हादसा : रेस्क्यू ऑपरेशन जारी

सेना के एक अधिकारी के अनुसार, पर्वतीय तलाश दल, बचाव दल और खोजी श्वान को तलाश व बचाव अभियान में लगाया गया है. अधिकारियों ने कहा, 'शनिवार सुबह हवाई बचाव अभियान शुरू किया गया और थल सेना के हेलीकॉप्टरों से छह तीर्थयात्रियों को वहां से निकालकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया. नीलग्रथ हेलीपैड पर मरीजों और घायलों को पहुंचाया जा रहा है.'

हादसे के बावजूद श्रद्धालुओं में उत्साह

सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की एयर विंग के एक एमआई-17 हेलीकॉप्टर को बचाव अभियान में लगाया गया है. जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने बचाव कार्यों के लिए उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर भी तैनात किए हैं. दिल्ली में सीमा सुरक्षा बल के एक अधिकारी ने कहा, '16 शवों को बालटाल ले जाया गया है.' प्रवक्ता ने बताया कि भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) ने पवित्र गुफा के निचले हिस्से से पंजतरणी तक जाने वाले मार्ग में अपने कर्मियों की संख्या भी बढ़ा दी है.

जम्मू-कश्मीर पुलिस के अतिरिक्त महानिदेशक व कश्मीर रेंज के प्रभारी विजय कुमार सुरक्षा बलों और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) द्वारा चलाए जा रहे बचाव कार्यों की निगरानी के लिए शनिवार सुबह पवित्र गुफा पहुंचे. कुमार ने कहा कि बचावकर्मी जीवित बचे लोगों की तलाश के लिए मलबा हटा रहे हैं. उन्होंने कहा कि प्रशासन हताहतों की सही संख्या जानने के लिए तीर्थयात्रियों के आंकड़ों की जांच कर रहा है. उन्होंने बताया कि आतंकी खतरों के मद्देनजर इस बार हर तीर्थयात्री को रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (आरएफआईडी) कार्ड मुहैया कराया गया है.

Cloud burst in Amarnath cave area
अस्पताल में चल रहा इलाज

आईटीबीपी के प्रवक्ता ने कहा, 'मार्ग में कोई यात्री नहीं है. अब तक करीब 15,000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है.' बीएसएफ के प्रवक्ता ने कहा कि अर्धसैनिक बल के डॉक्टर और चिकित्सा कर्मियों ने बाढ़ में गंभीर रूप से घायल नौ मरीजों का इलाज किया. उन्होंने बताया कि पवित्र गुफा से आने वाले तीर्थयात्रियों की सहायता के लिए नीलग्रथ हेलीपैड पर बीएसएफ की एक छोटी टीम भी तैनात की गई है. उन्होंने बताया कि शुक्रवार रात पंजतरणी में बनाए गए बीएसएफ शिविर में करीब 150 यात्री रुके थे और शनिवार सुबह 15 मरीजों को हवाई मार्ग के जरिये बालटाल पहुंचाया गया.

Cloud burst in Amarnath cave area
6 लोगों को एयरलिफ्ट किया गया

थल सेना के एक अधिकारी ने शनिवार को कहा कि एक कर्नल की अगुवाई में इंफेंट्री बटालियन के साथ ही त्वरित प्रतिक्रिया दल, राष्ट्रीय राइफल्स सेक्टर के कर्मियों की एक अतिरिक्त कंपनी और विशेष बलों का एक दल विशेष बचाव उपकरणों के साथ पवित्र गुफा पहुंचा. अधिकारी ने कहा, इंफेंटरी बटालियन और राष्ट्रीय राइफल्स के वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों ने रातभर बचाव अभियान की निगरानी की. अधिकारी के मुताबिक, हताहतों को निकालने के लिए दो अत्याधुनिक हल्के हेलीकॉप्टरों को तैनात किया गया है. हालांकि, खराब मौसम के कारण गुफा के पास रात को हेलीकॉप्टर नहीं उतर सके.

तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के लिए हवन-पूजन
वहीं, अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने की घटना में हुए नुकसान को लेकर जम्मू शहर में हवन-पूजन किया गया. इस अवसर लोगों ने तीर्थयात्रियों की सुरक्षित वापसी की प्रार्थना की. साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार और जम्मू-कश्मीर प्रशासन से अमरनाथ यात्रा को तत्काल रोकने की अपील की. इस बीच, जम्मू शहर से शनिवार को कश्मीर स्थित दो आधार शिविरों के लिए करीब 6,000 श्रद्धालुओं का 11वां जत्था रवाना हुआ.

तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के लिए हवन-पूजन

गौरतलब है कि शुक्रवार की शाम बादल फटने से अमरनाथ गुफा क्षेत्र में बने कई लंगर और शिविर इसकी चपेट में आ गए थे. इसके बाद पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने एलजी मनोज सिन्हा से हालात की जानकारी ली. माउंटेन रेस्क्यू टीम और अन्य दल लापता लोगों की तलाश में जुटे हैं. रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे सुरक्षाकर्मियों ने दावा किया है कि हालात काबू में हैं और काफी लोगों को रेस्क्यू कर लिया गया है. सुरक्षाबलों का भी कहना है कि रेस्क्यू ऑपरेशन जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा. बचाव कार्य में सर्च और रेस्क्यू डॉग को भी लगाया गया है. शरीफाबाद से 2 सर्च और रेस्क्यू डॉग को हेलीकॉप्टर के जरिए पवित्र गुफा में ले जाया गया है.

  • एनडीआरएफ हेल्पलाइन- 01123438252, 01123438253, 919711077372
  • कमांड सेंटर हेल्पलाइन- 01942496240, 01942313149
  • जम्मू कश्मीर एसडीआरएफ- 911942455165, 919906967840
  • अमरनाथ यात्रा हेल्पलाइन- 01912478993

भारतीय सेना भी मौके पर रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही है. हेलीकॉप्टर के जरिए घायलों को लेकर सुरक्षित स्थानों और अस्पतालों में भेजा रहा है. सोनमर्ग के बालटाल बेस कैंप से अमरनाथ यात्रा अस्थाई रूप से स्थगित की गई है. एक श्रद्धालु ने कहा है कि हमें आज के लिए यहां टेंट में रहने के लिए कहा गया है. वहां (अमरनाथ गुफा) मौसम साफ नहीं है.

Cloud burst in Amarnath cave area
हेलीकॉप्टर के जरिए घायलों को लेकर सुरक्षित स्थानों और अस्पतालों में भेजा रहा है.

अमरनाथ यात्रा हादसे के स्वास्थ्य विभाग को भी अलर्ट मोड पर रखा गया है. स्वास्थ्य सेवा निदेशालय, कश्मीर ने कर्मचारियों के सभी अवकाश रद्द कर दिए और उन्हें तुरंत ड्यूटी पर रिपोर्ट करने का निर्देश दिया है. सभी अधिकारियों को अपने मोबाइल स्विच ऑन रखने के निर्देश दिए. सीएमओ गांदरबल डॉ. अफरोजा शाह ने बताया कि फिलहाल सभी घायलों का तीनों बेस अस्पतालों में इलाज चल रहा है. ऊपरी पवित्र गुफा, निचली पवित्र गुफा, पंजतरणी और आसपास की अन्य सुविधाएं ली जा रही हैं. घायल मरीजों के बेहतर इलाज की व्यवस्था की गई है.

पढ़ें: जम्मू-कश्मीर में 333 ग्लेशियर झील, इनमें 65 खतरनाक

अमरनाथ यात्रियों को बचाने के लिए आधुनिक उपकरणों का इस्तेमाल कर रही सेना : भारतीय सेना ने भारी बारिश के बाद अचानक आई बाढ़ में फंसे अमरनाथ यात्रा के श्रद्धालुओं को बचाने के लिए आधुनिक उपकरणों और जवानों को तैनात किया है. सेना के एक अधिकारी ने शनिवार को यहां बताया कि बचाव दल को शुक्रवार शाम को बादल फटने से लोगों के हताहत होने की खबर मिलने के तुरंत बाद घटनास्थल पर भेजा गया. उन्होंने बताया कि एक कर्नल की अगुवाई में इंफेंटरी बटालियन के साथ ही त्वरित प्रतिक्रिया दल, राष्ट्रीय राइफल्स सेक्टर के कर्मियों की एक अतिरिक्त कंपनी और विशेष बलों का एक दल विशेष बचाव उपकरणों के साथ पवित्र गुफा पहुंचा.

अधिकारी ने कहा कि इंफेंटरी बटालियन और राष्ट्रीय राइफल्स के वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों ने रातभर गुफा और नीलगरड़ बचाव अभियान की निगरानी की. गुफा और नीलगरड़ में चिकित्सीय संसाधनों को सक्रिय कर दिया गया है. अतिरिक्त संसाधनों को तैनात किया गया है. उन्होंने बताया कि हाथ से पकड़े जाने वाले थर्मल इमेजर्स, अंधेरे में भी देखने में सक्षम बनाने वाले उपकरणों के साथ नौ निगरानी टुकड़ियों और अन्य उपकरणों को तलाश अभियान के लिए तैनात किया गया है.

अधिकारी के मुताबिक कि पवित्र गुफा में हताहतों को निकालने के लिए दो आधुनिक हल्के हेलीकॉप्टरों को ले जाया गया है. हालांकि, खराब मौसम के कारण गुफा में रात को हेलीकॉप्टर नहीं उतर सके. दो वॉल रडार और दो खोज एवं बचाव श्वान दस्तों को भी गुफा में बचाव अभियान के लिए भेजा गया है. लोगों को निकालने से जुड़े अभियान की जानकारी देते हुए अधिकारी ने बताया कि खोज, बचाव और चिकित्सीय प्रयास दिन में भी जारी रहे.

Last Updated : Jul 9, 2022, 10:20 PM IST
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