नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने सशस्त्र बलों में भर्ती के लिए केंद्र की 'अग्निपथ' योजना को चुनौती देने वाली सभी जनहित याचिकाओं को दिल्ली उच्च न्यायालय में स्थानांतरित करने का मंगलवार को निर्देश दिया. जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस ए.एस. बोपन्ना की एक पीठ ने केरल, पंजाब एवं हरियाणा, पटना और उत्तराखंड उच्च न्यायालय में भी इस योजना के खिलाफ दायर की गईं सभी जनहित याचिकाओं को दिल्ली उच्च न्यायालय में स्थानांतरित करने या उस समय तक इन पर फैसला निलंबित रखने को कहा, जब तक दिल्ली उच्च न्यायालय इसपर निर्णय नहीं कर लेता.
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Delhi HC today listed a petition related to the recruitment of defence personnel along with a batch of similar other petitions for Wednesday. Petitioner has sought a direction to complete the recruitment process which was cancelled after the announcement of Agnipath scheme
— ANI (@ANI) July 19, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— ANI (@ANI) July 19, 2022
पीठ ने कहा कि इन चार उच्च न्यायालयों के समक्ष याचिकाएं दायर करने वाले याचिकाकर्ता दिल्ली उच्च न्यायालय के समक्ष कार्यवाही में पक्षकार बनने का विकल्प चुन सकते हैं. उच्चतम न्यायालय ने कहा कि वह इसलिए याचिकाएं स्थानांतरित कर रहा है, क्योंकि यह उचित होगा यदि उसे इस संबंध में दिल्ली उच्च न्यायालय की राय का लाभ मिल पाए. उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली उच्च न्यायालय से सभी स्थानांतरित जनहित याचिकाओं के साथ-साथ उसके समक्ष लंबित याचिकाओं पर शीघ्र विचार करने को भी कहा.
बता दें कि सरकार ने 14 जून को अग्निपथ योजना की घोषणा की थी. योजना के तहत साढ़े 17 वर्ष से 21 वर्ष तक की उम्र के युवाओं को चार साल के कार्यकाल के लिए सशस्त्र बलों में शामिल किया जाएगा. इनमें से 25 प्रतिशत को बाद में नियमित सेवा में शामिल किया जाएगा. सरकार ने बाद में वर्ष 2022 के लिए इस योजना के तहत भर्ती के वास्ते ऊपरी आयु सीमा को 21 वर्ष से बढ़ाकर 23 वर्ष कर दिया था.
(पीटीआई-भाषा)