मालदा: भारत की आजादी के 75 साल पूरे होने पर मनाए जा रहे आजादी के अमृत महोत्सव के तहत बंगाल के दो जिलों से आमों के 75 प्रजातियों को निर्यात करने का फैसला लिया गया है. आमों के इन प्रजातियों को मालदा और मुर्शिदाबाद जिले में उगाए जा रहे हैं. केंद्र सरकार के कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) ने इस संबंध में पश्चिम बंगाल सरकार के बागवानी और खाद्य प्रसंस्करण विभाग से हाथ मिलाया है.
सूत्रों के मुताबिक केंद्र सरकार देश की आजादी की 75वीं वर्षगांठ के मौके पर बंगाल के आम की 75 किस्मों को निर्यात करने की योजना बना रही है. मालदा और मुर्शिदाबाद जिले पश्चिम बंगाल में आम के प्रमुख उत्पादक हैं. हालाँकि, कुछ आमों का उत्पादन नदिया सहित दक्षिणी जिलों में भी होता है. पिछले साल मालदा-मुर्शिदाबाद से आम की 34 किस्मों को एपीडा के जरिए मध्य पूर्व समेत यूरोपीय देशों में निर्यात किया गया था.
उन देशों के लोगों ने पश्चिम बंगाल के आमों के स्वाद और महक का आनंद लिया. वहां से नए सिरे से प्रोत्साहन मिलने पर केंद्रीय एजेंसी एपीडा ने इस बार आम की अधिक किस्मों को विदेशों में निर्यात करने का निर्णय लिया है. जिला उद्यान विभाग के अनुसार मालदा जिले में पहले से उत्पादित आम की कई किस्मों को निर्यात के लिए चुना गया है. इनमें फजली, हिमसागर और लक्ष्मणभोग शामिल हैं, जिन्हें पहले ही जीआई टैग मिल चुका है. इसके साथ ही सूची में गोपालभोग, राखलभोग, किशनभोग, अमृतभोग, दिलकुश, लंगड़ा, अल्तापेटी, बृंदाबनी, अश्विना, आम्रपाली, मल्लिका, बृंदाबनी अश्विना, तोतापुरी, मधुचुस्की, मोहन ठाकुर, रानीपसंद, गोलिया, दलभंगा, मोहनभोग और कुछ अन्य आम की किस्में भी शामिल हैं.
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जिला उद्यानिकी विभाग के उप निदेशक सामंत लईक ने कहा, 'अभी तक मौसम अनुकूल रहा है, ऐसे में इस सीजन में मालदा जिले में आम के अच्छे उत्पादन की संभावना है. इस बात को ध्यान में रखते हुए हम पश्चिम बंगाल सरकार, जिला प्रशासन और एपीडा की संयुक्त पहल के तहत मालदा के आमों को विदेशी बाजारों में अधिक लोकप्रिय बनाने की कोशिश कर रहे हैं.
मालदा का आर्थिक विकास भी इसमें होगा. हमने विदेश भेजने के लिए कुछ प्रजातियों का चयन किया है इस राज्य के मालदा और मुर्शिदाबाद जिलों में बड़े पैमाने पर आम उगाते हैं, उपज भी अधिक होती है मालदार फाजली, अश्विना, हिमसागर या क्षीरसापति, लंगड़ा, लक्ष्मणभोग जैसी किस्में , गोपालभोग, आम्रपाली, मल्लिका, अराजन्मा, बृंदाबनी अश्विना, किशनभोग, राखलभोग, फोनिया पहले ही बाजार पर कब्जा कर चुके हैं.