वैदिक काल से लेकर ईस्ट इंडिया कंपनी तक पंचायती राज व्यवस्था का इतिहास - चाणक्य का अर्थशास्त्र
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शिमला: पंचायती राज व्यवस्था कोई नई नहीं है वैदिक काल से ये व्यवस्था इस देश में चलती आ रही है. वैदिक काल में पंचों को परमेश्वर माना जाता था यानी की उन्हें भगवान का दर्जा दिया गया था. हम पहले थोड़ा ये जान लें कि ये व्यवस्था किस काल में किस रूप में रही है. पंचायती राज व्यवस्था को आप स्थानीय स्वशासन भी बोल सकते हैं. भारत के हर काल खंड में किसी न किसी रूप में पंचायती राज की व्यवस्था के निशान मिलते हैं.