POSITIVE BHARAT PODCAST: विश्व संगीत के गॉडफादर कहे जाने वाले पंडित रविशंकर की कहानी
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विश्व संगीत के गॉडफादर कहे जाने वाले पंडित रविशंकर को दुनिया में भारतीय शास्त्रीय वाद्ययंत्र सितार को लोकप्रिय बनाने के लिए जाना जाता है. ऐसा कहा जाता है कि रविशंकर के संगीत में आध्यात्मिक शांति छिपी थी, जो सुनाने वाले के दिल में उतरती थी. 90 साल की उम्र में भी उनमें संगीत का जुनून जरा भी कम नहीं था. मशहूर सितार वादक पंडित रविशंकर का जन्म 7 अप्रैल 1920 को वाराणसी के एक बंगाली परिवार (Ravi Shankar Birth Anniversary) में हुआ था. उनका पूरा बचपन बनारस के घाटों के इर्दगिर्द बीता था. पंडित रविशंकर के बारे में एक बात कम ही लोग जानते हैं कि उन्होंने सितार नहीं, बल्कि नृत्य के जरिए कला जगत में कदम रखे थे. बाद में लगभग 18 साल की उम्र में युवा रविशंकर के मन सितार के तार से जुड़े और फिर वे सितार की दुनिया के जादूगर बन गए. पंडित रविशंकर अक्सर कहा करते थे कि सितार के साथ उनका निजी और आध्यात्मिक रिश्ता है. यहां तक कि उन्होंने सितार को नाम भी दिया हुआ था- सुर शंकर. वे उसे सुर शंकर नाम से ही पुकारा करते. अक्सर विदेश यात्रा पर रहने वाले पंडित रविशंकर फ्लाइट में दो टिकटें लिया करते थे, जिसमें बगल वाली सीट पर सुर शंकर यानी उनका सितार विराजता था. सितार के साथ उनका ये रिश्ता बताता है कि वे अपने काम को ही भगवान मानते थे और उसे पूजते थे. सुर शंकर के साथ उनका ये रिश्ता सभी को यही सिख देता है कि हमें भी अपने काम को ईश्वर की तरह पूजना चाहिए और समर्पण के साथ काम करना चाहिए. संगीत से जुड़े लोगों को भी उनकी जीवनी से एक साकारात्मक प्रेरणा मिलती है.
Last Updated : Feb 3, 2023, 8:22 PM IST