बाल हमेशा सुंदर तथा मजबूत दिखे इस लिए सभी लोग विशेषकर महिलायें काफी प्रयास करती है. लेकिन कई बार बालों को ज्यादा आकर्षक दिखाने की चाहत उन्हें नुकसान भी पहुंचा सकती है. बालों की देखभाल के नाम पर या उन्हें ज्यादा सुंदर दिखाने की चाहत में उन पर ज्यादा रसायन युक्त उत्पादों का उपयोग करना, या जाने अनजाने उनकी सही देखभाल ना कर पाना ना सिर्फ बालों बल्कि सिर की त्वचा में भी कई बार किसी रोग या समस्या या फिर बालों के कमजोर व बेजान होने का कारण बन सकता है. सिर्फ इन कारणों से ही नहीं बल्कि कुछ अन्य कारणों से भी जो समस्याएं सबसे ज्यादा बालों को प्रभावित करती हैं, वह हैं बालों का जरूरत से ज्यादा ऑयली यानी तैलीय होना तथा ड्राई स्कैल्प या सिर की त्वचा में ज्यादा खुश्की की समस्या होना.
कारण: नई दिल्ली के डर्मा क्लिनिक के डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ विपिन सचदेव ( Dr Vipin Sachdev Dermatologist Derma Clinic ) बताते हैं कि सिर की त्वचा में खुश्की या ड्राई स्कैल्प या बालों में जरूरत से ज्यादा प्राकृतिक तेल के निर्माण के कई कारण हो सकते हैं. जैसे शरीर में पोषण तथा पानी की कमी, बालों या सिर की त्वचा में किसी प्रकार का रोग या संक्रमण होना, सीबम का जरूरत से ज्यादा या जरूरत से कम निर्माण होना, मौसम या ज्यादा प्रदूषण का प्रभाव, सूर्य की हानिकारक किरणों के प्रभाव के चलते , बालों की सही साफ सफाई व उनकी देखभाल में कमी, ज्यादा मात्रा में बालों में रसायन युक्त उत्पादों का इस्तेमाल तथा जल्दी जल्दी बालों में रसायन युक्त हेयर ट्रीटमेंट कराना आदि.
Dr Vipin Sachdev बताते हैं कि जब हम बालों पर रसायनयुक्त शैंपू, कंडीशनर, हेयर कलर, सीरम, जैल व स्प्रे आदि का ज्यादा व लगातार इस्तेमाल करते हैं या बालों पर कई बार किसी प्रकार का रसायन युक्त ट्रीटमेंट करवाते हैं तो बालों की ऊपरी परत जल जाती है या क्षतिग्रस्त हो जाती है. जिससे बाल पहले पतले होने लगते हैं तथा फिर कमजोर होकर टूटने-झड़ने लगते हैं. वहीं इनका प्रभाव सिर की त्वचा यानि स्कैल्प पर भी पड़ता है और कई बार यह ड्राई स्कैल्प, किसी प्रकार का संक्रमण या अन्य समस्या का कारण भी बन सकता है.
Dermatologist Dr Vipin Sachdev बताते हैं ड्राई स्कैल्प के लिए कई बार बालों की सही देखभाल की कमी व अन्य कारणों के अलावा स्कैल्प रिंगवर्म, एक्जिमा, सेबोरिक डर्माइटिस, स्कैल्प, एटॉपिक डर्मेटाइटिस, टिनिया कैपिटिस तथा सूरज की हानिकारक किरणों के प्रभाव के चलते होने वाला एक्टनिक कैराटोसिस आदि जैसे कुछ आम व फंगल संक्रमण भी जिम्मेदार हो सकते हैं. वहीं बालों के या सिर की त्वचा के ज्यादा तैलीय होने के लिए आमतौर पर शरीर में पोषण व पानी की कमी, सिर की सही तरह से सफाई ना होना तथा सीबम के ज्यादा उत्पादन को जिम्मेदार माना जाता है. सीबम दरअसल एक प्राकृतिक तेल है जो स्कैल्प में नमी को नियंत्रित रखता है. इसमें ट्राइग्लिसराइड्स, फैटी एसिड, मोम एस्टर और स्कालीन, कोलेस्टेरिल एस्टर और कोलेस्ट्रॉल होता है. सीबम का जरूरत से ज्यादा ही नहीं बल्कि जरूरत से कम निर्माण भी स्कैल्प तथा बालों को नुकसान पहुंचाता हैं.
सही देखभाल जरूरी : Proper Hair Care
डॉ विपिन बताते हैं कि बाल हो या त्वचा दोनों ही स्वस्थ तथा सुंदर रहें इसके लिए सबसे ज्यादा जरूरी है सही, संतुलित व पौष्टिक आहार का सेवन तथा हर मौसम में जरूरी मात्रा में पानी का सेवन. यदि हमारा शरीर स्वस्थ है तथा डीहाइड्रेटेड नहीं है तो स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं या परेशानियों के होने की आशंका काफी कम हो जाती है. इसके अलावा बहुत जरूरी है कि बालों की उनकी प्रकृति के अनुसार सही देखभाल हो.
बालों को स्वस्थ व सुंदर बनाए रखने में कुछ बातें हैं जिनका ध्यान रखना बेहद लाभकारी हो सकता है, जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं. आहार में जरूरी मात्रा में फल, सब्जियों, दालों व अनाज को शामिल करना चाहिए जिससे शरीर को जरूरी पोषण मिल सके. तथा ऐसे आहार से परहेज करना चाहिए या उनका सेवन कम मात्रा में करना चाहिए जो शरीर पर विपरीत प्रभाव डालते हों. पानी के अलावा अपनी आहार दिनचर्या में मौसम के अनुरूप फलों का जूस, दही, छाछ, लस्सी तथा नारियल पानी आदि को शामिल करना चाहिए, जिससे शरीर में पानी की कमी दूर होने के साथ शरीर को पोषण भी मिले.
बालों को उनकी प्रकृति तथा वातावरण के आधार पर नियमित अंतराल पर ही धोना चाहिए. लेकिन ऐसे लोग जिनका ज्यादा समय ज्यादा प्रदूषण या धूल मिट्टी वाले स्थानों पर बीतता हो, जो ज्यादा गर्मी में रहते हैं जिसके कारण से सिर में ज्यादा पसीना आने तथा गंदगी इकट्ठा होने की आशंका हो वे कम अंतराल पर बेहद कम रसायन वाले या हर्बल शैम्पू के साथ सिर धो सकते हैं. ज्यादा देर तक हेलमेट पहनने वाले लोग या ज्यादा देर तक सिर व बालों को ढककर रखने वाले लोग कभी कभी बालों को हवा में खुला भी छोड़े जिससे बालों की जड़ों तक हवा पहुंच सके और वहां पसीना सुख सके. जिससे बालों की जड़ों में पसीना के कारण गंदगी एकत्रित ना हो सके.
बालों में किसी भी प्रकार के रसायन युक्त उत्पाद से पहले उसमें मौजूद केमिकल की मात्रा के बारे में जाने. साथ ही उस उत्पाद के इस्तेमाल से जुड़ी सभी जरूरी सावधानियों के बारें में जाने और उनका पालन करें. जिन लोगों को अपने व्यवसाय या अन्य कारणों से उक्त उत्पादों का इस्तेमाल करना जरूरी हो वे बालों की ज्यादा देखभाल करें. बालों में सप्ताह में दो बार तेल लगाएं तथा हल्के हाथ से मालिश करें, जिससे ना सिर्फ सिर की त्वचा में रक्त का संचार बेहतर तरह से हो सके बल्कि बालों को भी जरूरी नमी मिल सके.
बालों को जहां तक संभव हो प्राकृतिक रूप से ही सुखाएं. बालों को सुखाने के लिए या हेयर स्टाइलिंग के लिए हेयर ड्रायर का ज्यादा इस्तेमाल भी स्कैल्प को नुकसान पहुंचा सकता है. बालों को कभी भी ज्यादा गर्म पानी से ना धोए. इसके लिए हमेशा गुनगुने या फिर ठंडे पानी का इस्तेमाल करें. ज्यादा गर्म पानी के इस्तेमाल से बालों की नमी तो कम होती ही है साथ ही स्कैल्प को भी नुकसान पहुंचता है. बालों को धोते समय शैम्पू हमेशा हल्के हाथ से उंगलियों के पोरो से मालिश करते हुए लगाए तथा जिससे उनकी जड़ों में छुपी गंदगी साफ हो जाए.बालों की प्रकृति (तैलीय, शुष्क व सामान्य) के आधार पर बालों में दही, अंडा, मुल्तानी मिट्टी, हिना, शिकाकाई, नीम, फलों के बने पैक या अन्य प्रकार के हेयर पैक का इस्तेमाल भी लाभकारी हो सकता है.
सावधानियां
सभी सावधानियों के बावजूद यदि बाल कमजोर हो रहे हों, ज्यादा टूट रहे हो, पतले व बेजान हो रहें हों, सिर की त्वचा में प्राकृतिक तेल का उत्पादन कम या ज्यादा हो रहा हो, या सिर में ज्यादा खुश्की के साथ, त्वचा में जलन, त्वचा का लाल होना, उनमें पानी वाले या सूखे दानें होना या त्वचा में पपड़ीदार पैच बनने जैसी समस्याएं नजर आ रही हों तो तत्काल किसी ड्रमटोलॉजिस्ट से संपर्क करना चाहिए. ऐसा किसी संक्रमण के कारण हो सकता है.
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