ऊना: इस बार भारतीय सैन्य अकादमी की पासिंग आउट परेड में होनहारों के माता-पिता अपने बच्चों को अपनी आंखों के सामने अधिकारी बनते हुए नहीं देख पाए. वैश्विक महामारी कोविड-19 का असर इंडियन मिलिट्री एकेडमी की पासिंग आउट परेड भी पड़ा. इस साल यह पहला मौका था जब आईएमए पासिंग आउट परेड के दौरान किसी भी कैडेट के परिजन इसमें शामिल नहीं हुए.
जिला ऊना के भदसाली गांव में सैनिक परिवार में जन्मे विपन कुमार इस साल इंडियन मिलिट्री एकेडमी की पासिंग आउट परेड में बड़े अफसर बनकर निकल रहे हैं, लेकिन इस मौके पर उनके माता-पिता उनके साथ मौजूद नहीं थे. क्योंकि कोरोना वायरस के चलते इस बार किसी भी कैडेट के परिवार को पासिंग आउट परेड में शामिल होने के लिए नहीं बुलाया गया था.
विपन कुमार के पिता पुष्विंदर कुमार भी आर्मी से रिटायर्ड हो चुके हैं. उन्होंने कहा की हमारा भी सपना था कि हमारा बेटा बड़ा अफसर बने. आज अपने बेटे की इस उपलब्धि के समय हम उसके कंधों पर स्टार खुद लगाते, लेकिन कोरोना महामारी के चलते यह सपना भी पूरा नहीं हो पाया. वहीं, विपन के पिता ने परिजनों को न बुलाए जाने पर कहा कि वह इस फैसले का स्वागत करते हैं.
विपन कुमार की मां का कहना है कि आज भले ही वह अपने बेटे के पास नहीं हैं, लेकिन उनका आशिर्वाद हमेशा विपन के साथ हैं. इस दौरान विपन की मां उनकी आवाज अपने बेटे तक पहुंचाने के लिए ईटीवी भारत का भी धन्यवाद किया.
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