ऊना: केंद्रीय सूचना प्रसारण एवं खेल मंत्री अनुराग ठाकुर विकसित भारत संकल्प यात्रा के तहत रविवार को कुटलैहड़ विधानसभा क्षेत्र बंगाणा पहुंचे. जहां केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने प्रदेश सरकार पर जमकर निशाना साधा. इस दौरान केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं का बखान किया और विभिन्न लोगों को मिले लाभ के लिए केंद्र सरकार का आभार जताया. वहीं, दूसरी तरफ उन्होंने प्रदेश सरकार और प्रदेश सरकार के विभिन्न विभाग की अधिकारियों के विकसित भारत संकल्प यात्रा के दौरान महज खाना पूर्ति करने पर भी कड़ा एतराज जताया. विकसित भारत संकल्प यात्रा में अधिकारियों की गैर मौजूदगी पर अनुराग ठाकुर खासे नाराज दिखे.
बंगाणा पहुंचे केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने विकसित भारत संकल्प यात्रा यानी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गारंटी की गाड़ी के संबंध में मौजूद लोगों को अवगत करवाया. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकासशील नेतृत्व में देश लगातार आगे बढ़ रहा है और देश के आगे बढ़ाने के साथ-साथ विभिन्न वर्गों के लोगों को भी लाभ प्रदान करने के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं चलाई गई है. जिनका लाभ हर पात्र व्यक्ति तक सुनिश्चित किया जा रहा है.
अनुराग ठाकुर ने कहा कि जनता के हित के लिए किया जा रहे कामों में किसी भी प्रकार से राजनीतिक भेदभाव नहीं होना चाहिए. चाहे कांग्रेस के नेता हो चाहे बीजेपी के नेता हो, जनता उन्हें अपने विकास के लिए चुनती है और चुने जाने पर सभी लोगों को आपसी सहयोग के साथ जनता का लाभ सुनिश्चित करना चाहिए. उन्होंने कहा कि विकसित भारत संकल्प यात्रा में लगाए जाने वाला मेडिकल कैंप काफी मायने रखता है, लेकिन चिकित्सकों का यहां से नदारद रहना उनका अपने काम के प्रति रवैया दर्शाता है.
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने प्रदेश सरकार का 1 साल पूरा होने पर मनाये जा रहे जश्न के लिए कांग्रेस को बधाई दी और साथ ही उन्होंने एक साल पहले जनता के साथ किए गए वायदों की तरफ भी सरकार का ध्यान आकर्षित किया. उन्होंने कहा कि महिलाओं के साथ पहले ही कैबिनेट में 1500 रुपये प्रतिमाह देने का वादा कांग्रेस पूरी तरह भूल चुकी है और प्रति महिला को अभी तक करीब 18000 रुपये का नुकसान हो चुका है. उन्होंने कहा कि किसान सरकार द्वारा खरीदे जाने वाले दूध और गोबर को लेकर भी प्रदेश सरकार की तरफ देख रहे हैं. युवाओं को रोजगार देने की बात कही गई, लेकिन 1 साल पूरा होने के बावजूद अभी तक सरकार इस मामले में आगे नहीं बढ़ पाई. बेरोजगारी को कम करने के लिए स्टार्टअप फंड का प्रावधान करने के बात कही, लेकिन किसी प्रकार का काम नहीं किया गया.
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