ऊना: हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले में कुल 5 विधानसभा सीटें हैं. प्रदेश के 68 विधानसभा क्षेत्रों में से ऊना सीट 44वें विधानसभा क्षेत्र में आती है. ऊना सदर का मुकाबला काफी दिलचस्प मोड़ पर पहुंच गया है. यहां पर 6 उम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम में कैद हो चुकी है. साल 2003 के बाद से ही ऊना भाजपा का गढ़ रही है, लेकिन साल 2017 में भाजपा के उम्मीदवार सतपाल सिंह सत्ती कांग्रेस उम्मीदवार सतपाल सिंह रायजादा से हार गए थे. ऐसे में इस बार बीजेपी पिछली हार का बदला लेने की कोशिश करेगी तो कांग्रेस अपनी सीट को बचाने के प्रयास में है. (Una Assembly Seat ) (Himachal Assembly Election 2022)
ऊना सीट पर 77.55 फीसदी मतदान: 2017 में ऊना जिले में कुल 76.41 फीसदी मतदान हुआ था. हालांकि इस बार जिले के मतदान के आंकड़ों में बेहद मामूली बढ़ोतरी दर्ज की गई है. इस बार जिले में कुल 76.91 फीसदी मतदान हुआ. वहीं सिर्फ ऊना सीट की बात करें तो कुल 77.55 फीसदी मतदान हुआ है. जबकि 2017 में इस सीट पर 71.63 फीसदी मतदान दर्ज किया गया है.
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मैदान में कुल 6 प्रत्याशी: ऊना सीट से इस बार कुल 6 प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं. बीजेपी से सतपाल सिंह सत्ती, कांग्रेस ने सतपाल रायजादा पर ही भरोसा जताया है. वहीं आम आदमी पार्टी ने राजीव गौतम पर दांव लगाया है. चंद्र मोहन और कमल कुमार निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर ऊना फतह करने की कोशिश में हैं तो वहीं रमेश चंद बहुजन समाज पार्टी की ओर से ताल ठोंक रहे हैं. (satpal singh satti vs satpal singh raizada)
सतपाल सत्ती पर बीजेपी को है भरोसा: सतपाल सिंह सत्ती हिमाचल की राजनीति के बड़े चेहरों में से एक हैं. बीजेपी के सदस्य हैं. सतपाल सिंह सत्ती ने 2003, 2007 और 2012 में ऊना सीट से लगातार तीन बार जीत दर्ज की. हालांकि 2017 का विधानसभा चुनाव हार गए. सत्ती वित्त आयोग के प्रमुख हैं. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं. सतपाल सिंह सत्ती के पास 46 लाख की चल संपत्ति और डेढ़ करोड़ से ज्यादा की अचल संपत्ति है.
2017 में रायजादा ने बीजेपी के किले को ढाया: सतपाल रायज़ादा की भी हिमाचल की राजनीति में अपनी अलग पहचान है. लंबे समय के राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी सतपाल सिंह सत्ती को 2017 में हराकर रायजादा ने अपना लोहा मनवाया.सतपाल रायज़ादा वर्तमान में विधायक हैं. उन्होंने तीन बार के विजेता सत्ती को 3196 मतों के मार्जिन से हराया था. सतपाल रायज़ादा 10,29,71,931 (10 Crore+) के चल अचल संपत्ति के मालिक हैं.
इन मुद्दों पर दो ठाकुर आमने-सामने: इस सीट पर चुनावी जंग दो ठाकुरों के बीच में हैं. इस पर अभी कांग्रेस का कब्जा है. इस बार कांग्रेस ने सतपाल रायजादा और भाजपा ने सतपाल सत्ती पर दांव खेला है. पिछली बार सतपाल रायजादा ने भाजपा के सतपाल सत्ती को हराकर सबको चौंका दिया था. दोनों प्रतिद्वंदी एक बार फिर आमने-सामने हैं. जहां सतपाल सत्ती 5 साल में हुए विकास को मुद्दा बना रहे हैं. वहीं, कांग्रेस के सतपाल रायजादा अपनी कारगुजारी का जनता को हिसाब दे रहे हैं. आप ने यहां से राजीव गौतम को उतारा है, जो पूर्व विधायक वीरेंद्र गौतम के बेटे हैं.
ऊना सीट का इतिहास: साल 2017 के चुनाव में कांग्रेस के सतपाल सिंह रायजादा ने 31,360 वोट हासिल करके 3,196 मतों के अंतराल से भाजपा के सतपाल सिंह सत्ती को हराकर जीत दर्ज की थी. भाजपा के सत्ती को कुल 28,164 वोट हासिल हुए थे. कांग्रेस के लिए पिछले चुनाव में जीत इसलिए बड़े मायने रखती है क्योंकि उसने 15 साल से सीट पर कब्जा करने वाली भाजपा को बाहर का रास्ता दिखाया था. साल 2012 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के शनि पाल सिंह सत्ती ने 26,835 मत प्राप्त कर सतपाल सिंह रायजादा को 22,089 वोटों पर सिमेटते हुए 4,746 मतों के अंतराल से शिकस्त दी थी. भाजपा के सतपाल सिंह सत्ती ने 2007 और 2003 के चुनावों में लगातार जीत दर्ज की थी. वहीं कांग्रेस ने 1998 और 1993 के दोनों चुनाव लगातार जीते थे. इससे पहले 1972 और 1985 के चुनावों में भी कांग्रेस ने ही जीत का परचम लहराया था.
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