ऊना: कोरोनाकाल के चलते प्राइमरी कॉन्टैक्ट साबित होने पर सैंपल ना देने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी. ऊना जिला प्रशासन की ओर से एपिडेमिक एक्ट के तहत यह फैसला लिया गया है.
जिला में लगातार सामने आ रहे कोरोना के मामले के बाद प्रशासन अब सख्त रवैया अपनाने जा रहा है. स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोरोना के सैंपल ना देने वाले प्राइमरी कॉन्टैक्ट के लोगों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करने की तैयारी पूरी कर ली गई है.
स्वास्थ्य विभाग ने इस बारे में जिला प्रशासन को समस्या से अवगत करवाया था. स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि बहुत से प्राइमरी कॉन्टैक्ट के लोग कोरोना टेस्ट करवाने के लिए सामने नहीं आ रहे हैं, जिससे स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से कार्यवाही करने में असमर्थ साबित हो रहा है.
विभाग ने यह भी साफ किया कि वर्तमान समय में लोगों से अपील की जा रही है कि अगर वह कोरोना पॉजीटिव व्यक्ति के प्राइमरी कॉन्टैक्ट में पाए जाते हैं तो वह अपना सैंपल जरूर करवाएं, लेकिन इसके बाद भी लोग सैंपल करवाने से टालमटोल कर रहे हैं.
इसी के मद्देनजर प्रशासन ने अब इस मामले में सख्त रवैया अपनाना शुरू कर दिया है. प्रशासन ने साफ किया है कि अगर प्राइमरी कॉन्टैक्ट होने पर कोरोना टेस्ट नहीं करवाया जाएगा तो उक्त व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का प्रावधान भी रखा गया है.
उपायुक्त ऊना राघव शर्मा ने बताया कि एपिडेमिक एक्ट के तहत इस प्रकार के व्यक्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जा सकती है. उन्होंने लोगों से अपील की कि वह नियमानुसार अपना करोना टेस्ट करवाएं. उन्होंने बताया कि प्राइमरी कॉन्टैक्ट में आने वाले सभी लोगों को करोना टेस्ट करवाना अनिवार्य है.
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