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बम-बम भोले के जयकारों से गूंजा ध्यूंसर मंदिर, पांडव काल से जुड़ा है शिवालय का इतिहास - शिवरात्रि

शिवरात्रि के पर्व पर सोमवार को जिला ऊना बम-बम भोले के जयकारों से गूंज उठा. सुबह से ही शिवालयों में भक्तों की भीड़ उमड़नी शुरू हो गई. जिले के प्रमुख नौ ऐतिहासिक शिव मंदिरों में श्रद्धालुओं का खूब जनसैलाब उमड़ा.

ध्यूंसर मंदिर में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़
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Published : Mar 4, 2019, 3:08 PM IST

Updated : Mar 4, 2019, 3:24 PM IST

ऊना: शिवरात्रि के पर्व पर सोमवार को जिला ऊना बम-बमभोले के जयकारों से गूंज उठा. सुबह से ही शिवालयों में भक्तों की भीड़ उमड़नी शुरू हो गई.जिले के प्रमुख नौ ऐतिहासिक शिव मंदिरों में श्रद्धालुओं का खूब जनसैलाब उमड़ा.

बता दें कि श्रद्धालुओं ने शिवलिंगों का जलाभिषेक करके पूजा अर्चना की. शिवजी की पावन पिंडियों को पंचामृत स्नान करवाया गया.

shivratri celebrated in sadashiv temple una
ध्यूंसर मंदिर में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

जिले में स्थित नौ ऐतिहासिक शिव मंदिरों में गुरु द्रोणाचार्य की तपोभूमि के रूप में प्रसिद्ध गगरेट के शिवबाड़ी, बाबा गरीब नाथ मंदिर कोलका, चताड़ा में बनौड़े महादेव व अर्द्धनारीश्वर, तलमेहड़ा स्थित सदाशिव ध्यूंसर महादेव, बडूही में नीलकंठ महादेव, बंगाणा के चौमुखा महादेव, अरलू के सांडा महादेव और भगवान शिव की81 फीट ऊंची प्रतिमा वालेमहादेव मंदिर कोटला कलां में सुबह होने से पहले ही श्रद्धालुओं की लंबी कतारे लगना शुरू हो गई थी.

जिले के इन पौराणिक मंदिरों में हिमाचल ही नहीं पंजाब, हरियाणा और दिल्ली से आए श्रद्धालु भी नतमस्तक हुए. इनमें से ज्यादातर मंदिर पांडव काल के माने जाते है.

ध्यूंसर मंदिर में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

वहीं, ध्यूंसर महादेव मंदिर कमेटी के अध्यक्ष प्रवीण शर्माने कहा कि पांडवों ने अज्ञातवास के दौरान शिवालिक की पहाड़ियों पर स्थित इन मंदिरों का निर्माण किया था. मंदिर में हजारों-करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु यहां आते हैं और भगवान भोले नाथ उसकी मनोकामना पूरी करते हैं.

ऊना: शिवरात्रि के पर्व पर सोमवार को जिला ऊना बम-बमभोले के जयकारों से गूंज उठा. सुबह से ही शिवालयों में भक्तों की भीड़ उमड़नी शुरू हो गई.जिले के प्रमुख नौ ऐतिहासिक शिव मंदिरों में श्रद्धालुओं का खूब जनसैलाब उमड़ा.

बता दें कि श्रद्धालुओं ने शिवलिंगों का जलाभिषेक करके पूजा अर्चना की. शिवजी की पावन पिंडियों को पंचामृत स्नान करवाया गया.

shivratri celebrated in sadashiv temple una
ध्यूंसर मंदिर में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

जिले में स्थित नौ ऐतिहासिक शिव मंदिरों में गुरु द्रोणाचार्य की तपोभूमि के रूप में प्रसिद्ध गगरेट के शिवबाड़ी, बाबा गरीब नाथ मंदिर कोलका, चताड़ा में बनौड़े महादेव व अर्द्धनारीश्वर, तलमेहड़ा स्थित सदाशिव ध्यूंसर महादेव, बडूही में नीलकंठ महादेव, बंगाणा के चौमुखा महादेव, अरलू के सांडा महादेव और भगवान शिव की81 फीट ऊंची प्रतिमा वालेमहादेव मंदिर कोटला कलां में सुबह होने से पहले ही श्रद्धालुओं की लंबी कतारे लगना शुरू हो गई थी.

जिले के इन पौराणिक मंदिरों में हिमाचल ही नहीं पंजाब, हरियाणा और दिल्ली से आए श्रद्धालु भी नतमस्तक हुए. इनमें से ज्यादातर मंदिर पांडव काल के माने जाते है.

ध्यूंसर मंदिर में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

वहीं, ध्यूंसर महादेव मंदिर कमेटी के अध्यक्ष प्रवीण शर्माने कहा कि पांडवों ने अज्ञातवास के दौरान शिवालिक की पहाड़ियों पर स्थित इन मंदिरों का निर्माण किया था. मंदिर में हजारों-करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु यहां आते हैं और भगवान भोले नाथ उसकी मनोकामना पूरी करते हैं.

ऊना
 बम बम भोले के जयकारों से गुंजा जिला ऊना, महाशिवरात्रि पर ऊना के शिवालयों में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, ऊना में नौ ऐतिहासिक शिव मंदिरों को दुल्हन की तरह सजाया गया।  

शिवरात्रि के पर्व पर सोमवार को जिला ऊना बम बम भोले के जयकारों से गूंज उठा। इस दौरान जिला के सैंकडों मंदिरों में हजारों की तादाद में भक्तों ने माथा टेका। सुबह से ही जिला के शिवालयों में भक्तों की भीड़ उमडऩी शुरू हो गई। वहीं ऊना के प्रमुख नौ ऐतिहासिक शिव मंदिरों में श्रद्धालुओं का खूब जनसैलाब उमड़ा। जिला में स्थित नौ ऐतिहासिक शिव मंदिरों में गुरु द्रोणाचार्य की तपोभूमि के रूप में प्रसिद्ध गगरेट के शिवबाड़ी, बाबा गरीब नाथ मंदिर कोलका, चताड़ा में बनौड़े महादेव व अद्र्धनारीश्वर, तलमेहड़ा स्थित सदाशिव ध्यूंसर महादेव, बडूही में नीलकंठ महादेव, बंगाणा के चौमुखा महादेव, अरलू के सांडा महादेव और भगवान् शिव की 81 फ़ीट ऊँची प्रतिमा वाले  महादेव मंदिर कोटला कलां में सुबह भौर फूटने से पहले ही श्रद्धालुओं की लंबी कतारे लगना शुरू हो गई थी। श्रद्धालुओं ने शिवलिंगों का जलाभिषेक करके पूजा अर्चना की। शिवजी की पावन पिंडियों को पंचामृत स्नान करवाया गया। ऊना जिला के पौराणिक मंदिरों में हिमाचल ही नहीं पंजाब, हरियाणा और दिल्ली से आये श्रद्धालु भी नतमस्तक हुए इनमें से अधिकतर मंदिर पांडव काल के माने जाते है। ऐसी मान्यता है कि पांडवों ने अज्ञातवास के दौरान शिवालिक की पहाड़ियों पर स्थित इन मंदिरों का निर्माण किया था। मंदिरों में शीश निवाने आये श्रद्धालुओं की माने तो भगवान् भोले नाथ सभी की मनोकामना पूरी करते है। 

बाइट -- हरिओम गुप्ता (श्रद्धालु)
          SHIVRATRI UNA 5

बाइट -- अविनाश कपिला (श्रद्धालु)
           SHIVRATRI UNA 6

बाइट -- हरीश अटवाल (श्रद्धालु)
          SHIVRATRI UNA 7

बाइट -- प्रवीण शर्मा (अध्यक्ष, ध्यूंसर महादेव मंदिर कमेटी)
                  SHIVRATRI UNA 8
Last Updated : Mar 4, 2019, 3:24 PM IST
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