ऊना: मधुमक्खी पालन का कारोबार बड़ी तेज़ी से आगे बढ़ रहा है. लॉकडाउन में जो लोग बेरोजगार हो गए वह भी इस कारोबार से जुड़कर अपनी अजीविका चला सकते हैं. इसके लिए बागवानी विभाग उन्हें बाकायदा फ्री ट्रेनिंग के साथ अनुदान भी देगा.
बीटेक पास युवा भी शहद के इस कारोबार से जुड़कर बड़ा मुनाफा कमा रहे हैं. कई लोग इस शहद के कारोबार से जुड़े हुए हैं. संजय कुमार जिन्होंने मधुमक्खियों के 10 बक्सों के साथ इस काम को शुरू किया था. आज वह अग्रणी मधुमक्खी पालक बनकर लाखों रुपया कमाने के साथ दूसरों को भी यह काम करने के लिए प्रेरित कर रहे है.
जानकारी के मुताबिक सरकार की योजना और अपने परिश्रम के नतीजों से संजय के पास अब 74 बॉक्स हो गए हैं. डेढ़ साल पहले संजय ने मधुमक्खी पालन के क्षेत्र में उतरने का फैसला किया. संजय ने सब्सिडी पर 10 बॉक्स लिए और उसके साथ-साथ ट्रेनिंग भी ली. 34 वर्षीय संजय कुमार ने बताया परिवार के अन्य सदस्य भी मधुमक्खी पालन में मदद करते हैं. जिससे काम आसान हो जाता है. आज मधुमक्खी पालन के माध्यम से अच्छी आमदनी हो रही.
वर्ष 2018 में जय राम सरकार ने मुख्यमंत्री मधु विकास योजना का आरंभ किया, यह योजना संजय जैसे अनेक मधुमक्खी पालकों के लिए वरदान बन गई. संजय को कुल 1.60 लाख रुपए का अनुदान प्राप्त हुआ, जिसमें मधुमक्खियों के साथ-साथ जरूरी उपकरणों के लिए सब्सिडी मिली.
वहीं, ऊना के ही बनारसी दास ने भी इस काम को अपनाया.आज उनके पास भी करीव 150 बॉक्स है. बनारसी दास की मानें तो शुरू में इस काम में उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा,लेकिन मुख्यमंत्री मधु विकास योजना के तहत उन्हें अनुदान मिला. इससे वह इस काम को लगातार बढ़ा रहे हैं.