ऊना: जिला ऊना मुख्यालय के करीबी गांव नंगल सलांगडी में शहीद स्मारक के लिए चिन्हित की गई जगह पर शराब ठेका खोले जाने का मामला सामने आया है. इसके साथ ही ग्रामीणों ने इस शराब के ठेके का पुरजोर विरोध भी शुरू कर दिया है. जिस शहीद के नाम पर गांव में एक भव्य गेट बनाने का सरकारी ऐलान किया गया था उसी शहीद के पिता ग्राम पंचायत प्रधान और अन्य ग्रामीणों के साथ शराब ठेके के विरोध में बुधवार को डीसी कार्यालय पहुंच गए.
पंचायत की महिला प्रधान ने भी इस शराब ठेके का विरोध जताते हुए दावा किया कि इस शराब ठेके को खोलने के लिए पंचायत द्वारा किसी प्रकार की अनुमति नहीं दी गई. इतना ही नहीं इस शराब ठेके के विरोध में ग्रामीणों द्वारा कुटलैहड़ के विधायक को भी ज्ञापन सौंपे जाने की बात कही है, लेकिन उनका दावा है कि इस ज्ञापन के बावजूद इस शराब ठेके को हटाने के लिए किसी प्रकार की जहमत नहीं उठाई गई, जिसके चलते ग्रामीण आग बबूला हो गए हैं. दूसरी तरफ से युवा पंचायत समिति सदस्य ने इस मामले को लेकर आने वाले दिनों में उग्र प्रदर्शन करने की भी चेतावनी दे डाली है.
बुधवार को वह ग्राम पंचायत की प्रधान पंचायत समिति सदस्य के साथ-साथ अन्य ग्रामीणों को लेकर डीसी दरबार पहुंच गए और शराब के ठेके को तुरंत हटाने की मांग उठा दी. बीएसएफ के शहीद जवान सुरेंद्र सिंह राणा के पिता छोटेलाल ठाकुर ने बताया कि उनके बेटे की याद में गांव में एक भव्य गेट बनाने का ऐलान सरकार द्वारा किया गया था, लेकिन गेट बनाने को लेकर आज दिन तक किसी प्रकार की कसरत नहीं की गई, जबकि गेट की जगह पर शराब का ठेका खोल कर ग्रामीणों की मुसीबतों को बेतहाशा बढ़ाने का काम कर दिया गया है. छोटे लाल ने बताया कि इस मामले को लेकर स्थानीय विधायक देवेंद्र कुमार भुट्टो को भी ज्ञापन सौंपा गया था लेकिन उस पर भी आज दिन तक किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गई.
ग्राम पंचायत की प्रधान आशा रानी का कहना है कि पंचायत द्वारा शराब का ठेका को खोलने के लिए किसी प्रकार की एनओसी नहीं दी गई यही कारण है कि वह खुद आज ग्रामीणों के साथ डीसी कार्यालय पहुंचकर इस ठेके को बंद करवाने की आवाज उठा रही है. उन्होंने कहा कि जिस जगह पर यह ठेका खोला गया है, उसी जगह पर गांव का बस स्टॉप भी है जहां से गांव की महिलाएं, छात्राएं, स्कूली बच्चे, बुजुर्ग सभी लोग अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए बस पकड़ते हैं और वापस उसी जगह बस से भी उतरते हैं. लेकिन इस जगह पर शराबियों के हल्ले के चलते महिलाओं को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
वहीं, युवा पंचायत समिति सदस्य एडवोकेट शोभित गौतम ने दो टूक शब्दों में कहा कि यदि जल्द प्रशासन ने इस जगह से शराब ठेके को नहीं हटाया तो गांव के युवाओं से लेकर बुजुर्ग तक सभी लोग इसी डीसी कार्यालय में पहुंचकर उग्र प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे जिसकी पूरी जिम्मेदारी जिला प्रशासन की ही होगी.
उड़ीसा में शहीद हुए थे सुरेंद्र सिंह राणा: नंगल सलांगड़ी के जिस शहीद सुरेंद्र सिंह की याद में स्मारक के रूप में गेट बनाने का ऐलान सरकार द्वारा किया गया था, वह 27 अगस्त 2013 को उड़ीसा में हुए नक्सली हमले में शहीद हुए थे. इस दौरान बीएसएफ में उनके साथ तैनात कुछ अन्य जवानों ने भी शहादत पाई थी. घटना के करीब 10 साल बीत जाने के बाद भी वहां पर स्मारक नहीं बन पाया, लेकिन अब उस जगह पर शराब का ठेका खोल दिया क्या है. जिसके चलते न सिर्फ शहीद के परिजन दुखी है अपितु ग्रामीण इस शराब ठेके से काफी असहज महसूस कर रहे हैं. शहीद सुरेंद्र सिंह के पिता ठाकुर छोटेलाल ने ठेका खोले जाने पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि उनके बेटे की याद में 10 साल तक कोई भी सरकार शहीद स्मारक नहीं बनवा पाई, लेकिन उसी जगह पर शराब का ठेका खोलने के लिए ग्रामीणों तक की मंजूरी देना भी उचित नहीं समझा गया.
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