ऊना: हिमाचल प्रदेश पेंशनर्स वेलफेयर एसोसिएशन की बैठक सोमवार को ऊना जिला मुख्यालय के एमसी पार्क स्थित सीनियर सिटीजन फोरम के कार्यालय में आयोजित की गई. बैठक में पेंशनर्स वेलफेयर एसोसिएशन के विभिन्न पदाधिकारियों ने भाग लेते हुए प्रदेश सरकार के प्रति वित्तीय लाभ नहीं दिए जाने पर कड़ी नाराजगी जाहिर की है. बुजुर्गों का कहना है कि प्रदेश सरकार ने पुरानी पेंशन स्कीम को लागू करने का वायदा किया है और उसका वह स्वागत करते हैं लेकिन कर्मचारियों के अन्य वित्तीय लाभ और पेंशनर्स के जायज हक दबाकर सरकार अच्छा नहीं कर रही.
6 महीने में सरकार ने नहीं दिया मिलने का भी समय: उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार ने 6 महीने से उन्हें मिलने तक का समय नहीं दिया ऐसे में उनकी लंबित चल रही डीए की किस्त और मेडिकल बिलों के मामले की सुनवाई किसी भी स्तर पर नहीं हो पा रही. पेंशनर्स वेलफेयर एसोसिएशन ने सरकार के प्रति कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए समय पर पेंशन का भुगतान लंबित डीए किस्त का जल्द भुगतान और मेडिकल बिलों की अदायगी करने की मांग उठाई है. मांगे नहीं माने जाने की सूरत में एसोसिएशन द्वारा प्रदेश स्तरीय इकाई के नेतृत्व में उग्र आंदोलन की भी चेतावनी दी.
एसोसिएशन ने जताया कड़ा आक्रोश: दरअसल, हिमाचल प्रदेश पेंशनर्स वेलफेयर एसोसिएशन ने प्रदेश सरकार द्वारा लंबित चल रही डीए की किस्त, मेडिकल बिलों का भुगतान और समय पर पेंशन जारी नहीं किए जाने के मामले पर कड़ा आक्रोश जताया है. सोमवार को संगठन की जिला स्तरीय बैठक में इन सभी मुद्दों पर चर्चा करते हुए सरकार के प्रति नाराजगी जाहिर की गई. पेंशनर्स ने कहा कि पूर्व जयराम सरकार ने अगस्त 2022 में डीए की मामूली किस्त जारी की थी, लेकिन उसके बाद आज दिन तक पेंशनर्स को सरकार द्वारा कुछ भी जारी नहीं किया गया.उन्होंने कहा कि पेंशनर्स के मेडिकल बिल भी दफ्तरों में धूल फांक रहे हैं जिसके चलते उन्हें बीमारी की अवस्था में उपचार करवाना भी दूभर हो चुका है.
'सरकार ने अभी भी उनकी मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार नहीं किया और लंबित चल रहे वित्तीय लाभ नहीं दिए गए तो प्रदेश इकाई के नेतृत्व में सरकार के खिलाफ हल्ला बोल किया जाएगा.' :- मोहिंद्र शर्मा, अध्यक्ष, पेंशनर्स वेलफेयर एसोसिएशन
पेंशनर्स वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष मोहिंद्र शर्मा ने कहा कि बीते 6 महीने में मौजूदा सरकार ने संगठन को मिलने तक का समय नहीं दिया ऐसे में जेसीसी की बैठक पेंशनरों के लंबित मुद्दों पर चर्चा और अन्य समस्याओं के निराकरण की कोई उम्मीद नहीं है. उन्होंने कहा कि सरकार का रवैया इतना उदासीन है कि पेंशनर अपने आप को ठगा महसूस कर रहे हैं. मोहिंद्र शर्मा ने कहा कि मौजूदा सरकार ने कर्मचारियों को पुरानी पेंशन स्कीम देने का वायदा किया है. जिसका संगठन स्वागत करता है लेकिन कर्मचारियों के साथ-साथ बुजुर्ग अवस्था में पहुंच चुके पेंशनर्स के वर्तमान और जायज हकों को रोकना बिल्कुल भी तर्कसंगत नहीं है.
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