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नगर परिषद ऊना में तहबाजारी वसूली में धांधली का अंदेशा, कागजों में कम दिखाई गई राशि - तहबाजारी वसूली में हो सकती है धांधली

नगर परिषद ऊना के तहबाजारी वसूली में धांधली की आशंका. करीब11 लाख रुपए की वसूली हुई कम. सहायक नियंत्रक लेखा विभाग ने नगर परिषद के ईओ को पत्र लिख कर मांगा स्पष्टीकरण.

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Published : Nov 21, 2019, 11:27 PM IST

ऊनाः नगर परिषद ऊना में तहबाजारी वसूली के मामले में गड़बड़झाले की बू आ रही है. इस मामले में लाखों रूपये का हिसाब लेखा विभाग के साथ ही नगर परिषद ऊना के लिए भी सर दर्द बनने वाला है. तहबाजारी वसूली में करीब 11 लाख रूपये से अधिक राशि में गड़बड़झाले की आशंका है.

वहीं, नगर परिषद की वसूली की गई राशि में करीब 6 लाख की राशि कम जमा करवाई गई है. इस मामले में स्थानीय लेखा विभाग के सहायक नियंत्रक जितेंद्र सिंह ने नगर परिषद के ईओ को पत्र लिख कर स्पष्टीकरण मांगा है.

बता दें कि इन दिनों नगर परिषद ऊना में कार्यकारी अधिकारी का पद भी रिक्त चल रहा है. जबकि तहसीलदार ऊना को इसका अतिरिक्त कार्यभार सौंप कर काम चलाया जा रहा है. सहायक लेखा परीक्षक ने नगर परिषद के ईओ को 2 अगस्त 2019 को एक पत्र लिखा, जिसमें नगर परिषद ऊना में रजिस्टर्ड चल रहे 173 स्ट्रीट वेंडर्स से तहबाजारी की वसूली के मामले को उठाया गया है.

बता दें कि 3 मई 2016 को एसडीएम टाऊन वेंडिंग कमेटी की बैठक के दौरान करीब 500 रूपये प्रतिमाह वसूल किए जाने पर सहमति बनी थी. वहीं, 29 अप्रैल 2018 को हुई बैठक और कार्यकारी अधिकारी नगर परिषद ऊना द्वारा 9 मई 2018 को जारी पत्र के मुताबिक तहबाजारी वसूली में संशोधन करते हुए 500 रूपये से कम करते हुए 354 रूपये वसूलना अपेक्षित किया गया था.

सहायक लेखा परीक्षक ने पत्र में लिखा है कि अप्रैल 2017 से मार्च 2019 तक तहबाजारी की वसूली11 लाख 23 हजार 290 रूपये कम पाई गई है. इस संबंध में स्थिति स्पष्ट की जाए या फिर कम पड़ रही राशि को फौरन उचित स्त्रोत से लेकर जमा करवाया जाए.

पत्र में यह भी कहा गया है कि अप्रैल 2017 से मार्च 2019 तक तहबाजारी वसूली रजिस्टर का भी उचित रख-रखाव नहीं किया गया है. जिसके चलते तहबाजारीयों से वसूल की गई 6 लाख 18 हजार 870 रूपये की पुष्टि नहीं की जा सकी है. जिससे इस राशि के दुरूपयोग की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता.

जितेंद्र सिंह ने कहा है कि अप्रैल 2017 से मार्च 2019 तक क तहबाजारी वसूली रजिस्टर का उचित रख-रखाव किया जाए और यह भी स्पष्ट किया जाए कि उक्त कूपनों के तहत तहबाजारी के रूप में वसूल की गई 6 लाख 18 हजार 870 रूपये की राशि कौन सी जी-8 रसीद संख्या के आधार पर जमा करवाई गई है.

वहीं, नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी विजय कुमार राय ने बताया कि उन्हें इस संबंध में काई जानकारी नहीं है. वह फिलहाल छुट्टी पर चल रह हैं. लौटने के बाद ही पूरे मामले की जानकारी दे सकेंगे.

ऊनाः नगर परिषद ऊना में तहबाजारी वसूली के मामले में गड़बड़झाले की बू आ रही है. इस मामले में लाखों रूपये का हिसाब लेखा विभाग के साथ ही नगर परिषद ऊना के लिए भी सर दर्द बनने वाला है. तहबाजारी वसूली में करीब 11 लाख रूपये से अधिक राशि में गड़बड़झाले की आशंका है.

वहीं, नगर परिषद की वसूली की गई राशि में करीब 6 लाख की राशि कम जमा करवाई गई है. इस मामले में स्थानीय लेखा विभाग के सहायक नियंत्रक जितेंद्र सिंह ने नगर परिषद के ईओ को पत्र लिख कर स्पष्टीकरण मांगा है.

बता दें कि इन दिनों नगर परिषद ऊना में कार्यकारी अधिकारी का पद भी रिक्त चल रहा है. जबकि तहसीलदार ऊना को इसका अतिरिक्त कार्यभार सौंप कर काम चलाया जा रहा है. सहायक लेखा परीक्षक ने नगर परिषद के ईओ को 2 अगस्त 2019 को एक पत्र लिखा, जिसमें नगर परिषद ऊना में रजिस्टर्ड चल रहे 173 स्ट्रीट वेंडर्स से तहबाजारी की वसूली के मामले को उठाया गया है.

बता दें कि 3 मई 2016 को एसडीएम टाऊन वेंडिंग कमेटी की बैठक के दौरान करीब 500 रूपये प्रतिमाह वसूल किए जाने पर सहमति बनी थी. वहीं, 29 अप्रैल 2018 को हुई बैठक और कार्यकारी अधिकारी नगर परिषद ऊना द्वारा 9 मई 2018 को जारी पत्र के मुताबिक तहबाजारी वसूली में संशोधन करते हुए 500 रूपये से कम करते हुए 354 रूपये वसूलना अपेक्षित किया गया था.

सहायक लेखा परीक्षक ने पत्र में लिखा है कि अप्रैल 2017 से मार्च 2019 तक तहबाजारी की वसूली11 लाख 23 हजार 290 रूपये कम पाई गई है. इस संबंध में स्थिति स्पष्ट की जाए या फिर कम पड़ रही राशि को फौरन उचित स्त्रोत से लेकर जमा करवाया जाए.

पत्र में यह भी कहा गया है कि अप्रैल 2017 से मार्च 2019 तक तहबाजारी वसूली रजिस्टर का भी उचित रख-रखाव नहीं किया गया है. जिसके चलते तहबाजारीयों से वसूल की गई 6 लाख 18 हजार 870 रूपये की पुष्टि नहीं की जा सकी है. जिससे इस राशि के दुरूपयोग की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता.

जितेंद्र सिंह ने कहा है कि अप्रैल 2017 से मार्च 2019 तक क तहबाजारी वसूली रजिस्टर का उचित रख-रखाव किया जाए और यह भी स्पष्ट किया जाए कि उक्त कूपनों के तहत तहबाजारी के रूप में वसूल की गई 6 लाख 18 हजार 870 रूपये की राशि कौन सी जी-8 रसीद संख्या के आधार पर जमा करवाई गई है.

वहीं, नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी विजय कुमार राय ने बताया कि उन्हें इस संबंध में काई जानकारी नहीं है. वह फिलहाल छुट्टी पर चल रह हैं. लौटने के बाद ही पूरे मामले की जानकारी दे सकेंगे.

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नगर परिषद ऊना के तहबाजारी बसूली में धांधली की आशंका, 11 लाख से अधिक राशि की बसूली हुई कम, सहायक नियंत्रक लेखा विभाग ने नगर परिषद के ईओ को पत्र लिख कर मांगा स्पष्टीकरण ।Body:नगर परिषद ऊना में तहबाजारी बसूली केे मामले में कुछ गड़बड़झाले की बू आ रही है। इस मामले में लाखों रूपये का हिसाब लेखा विभाग के साथ ही नगर परिषद ऊना के लिए भी सिरदर्द बनने वाला है। तहबाजारी बसूली में करीब 11 लाख रूपये से अधिक राशि को कम बसूलना पाया गया है। वहीं नगर परिषद द्वारा जिस राशि की बसूली की गई है । उसमें भी करीब 6 लाख से अधिक की राशि कम जमा करवाई गई है। स्थानीय लेखा विभाग के सहायक नियंत्रक जितेंद्र सिंह ने नगर परिषद के ईओ को पत्र लिख कर स्पष्टीकरण मांगा है। बता दें कि इन दिनों नगर परिषद ऊना में कार्यकारी अधिकारी का भी रिक्त चल रहा है। जबकि तहसीलदार ऊना को इसका अतिरिक्त कार्यभार सौंप कर काम चलाया जा रहा है। सहायक लेखा परीक्षक ने यह पत्र नगर परिषद ईअो को 2 अगस्त 2019 को लिखा था। जिसमें नगर परिषद ऊना में रजिस्टर्ड चल रहे 173 स्ट्रीट वेंडर्स से तहबाजारी की बसूली के मामले को उठाया है। पत्र में कहा किया है कि 3 मई 2016 को एसडीएम टाऊन वेंडिंग कमेटी ऊना के एसडीएम ऊना एवं चेयरमैन की अध्यक्षता में हुई बैठक के दौरान करीब 500 रूपये प्रतिमाह बसूल किए जाने पर सहमति बनी थी। वहीं 29 अप्रैल 2018 को हुई बैठक और कार्यकारी अधिकारी नगर परिषद ऊना द्वारा 9 मई 2018 को जारी पत्र के मुताबिक तहबाजारी बसूली में संशोधन करते हुए 500 रूपये से कम करते हुए 354 रूपये बसूलना अपेक्षित किया गया। सहायक लेखा परीक्षक ने पत्र में लिखा है कि अप्रैल 2017 से मार्च 2019 तक तहबाजारी की बसूली 11 लाख 23 हजार 290 रूपये कम पाई गई है। इस संबंध में स्थिति स्पष्ट की जाए या फिर कम पड़ रही राशि को फौरन उचित स्त्रोत से लेकर जमा करवाया जाए। पत्र में यह भी कहा गया है कि अप्रैल 2017 सेे मार्च 2019 तक तहबाजारी वसूली रजिस्टर का भी उचित रख-रखाव नहीं किया गया है। जिसके चलते तहबाजारी से वसूल की गई 6 लाख 18 हजार 870 रूपये की पुष्टि नहीं की जा सकी है। जिससे इस राशि के दुरूपयाेग की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता। जितेंद्र सिंह ने कहा है कि अप्रैल 2017 से मार्च 2019 तक क तहबाजारी वसूली रजिस्टर का उचित रख-रखाव किया जाए और यह भी स्पष्ट किया जाए कि उक्त कूपनों के तहत तहबाजारी के रूप में वसूल की गई 6 लाख 18 हजार 870 रूपये की राशि कौन सी जी-8 रसीद संख्या के आधार पर जमा करवाई गई है। वहीं, नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी विजय कुमार राय ने बताया कि उन्हें इस संबंध में काई जानकारी नहीं है। वह फिलहाल छुट्‌टी पर चल रह हैं। लौटने के बाद ही पूरे मामले की जानकारी दे सकेंगे।Conclusion:
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