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ऊना में आगजनी की घटनाएं रोकने को होगी कसरत, जिला प्रशासन ने इन 2 विभागों को दिए सख्त निर्देश

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Published : Feb 22, 2023, 7:01 PM IST

ऊना के अंब उपमंडल के तहत आगजनी में 4 प्रवासी बच्चों के जिंदा जलकर मौत के मुंह में चले जाने के बाद जिला प्रशासन सतर्क हो गया है. गौरतलब है कि जिला भर में प्रतिवर्ष आगजनी की कई घटनाओं में प्रवासी श्रमिकों की सैकड़ों झुग्गियां जलकर राख हो जाती हैं, जिसके चलते सैकड़ों परिवारों को बेघर भी होना पड़ता है, उसके साथ-साथ ही श्रमिकों की संपत्ति का भी काफी नुकसान होता है. (Fire incidents in migrant slums in Una) (Fire incidents in Una)

Fire incidents in Una
ऊना में आगजनी की घटनाएं रोकने को होगी कसरत
डीसी ऊना राघव शर्मा.

ऊना: जिला ऊना के अंब उपमंडल के तहत आगजनी में 4 प्रवासी बच्चों के जिंदा जलकर मौत के मुंह में चले जाने के बाद जिला प्रशासन सतर्क हो गया है. प्रवासी श्रमिकों की झुग्गियों में आग की घटनाओं पर काबू पाने के लिए जिला प्रशासन द्वारा व्यापक कदमताल तेज की गई है, जिसके तहत दमकल विभाग और बिजली बोर्ड को शामिल करते हुए डीसी राघव शर्मा ने नए फरमान जारी किए हैं. जिसके तहत एक तरफ प्रवासी श्रमिकों को आगजनी से बचाव के संबंध में जानकारी प्रदान की जाएगी.

वहीं, दूसरी तरफ प्रवासी श्रमिकों की झुग्गियों में चल रहे बिजली के अवैध कनेक्शन को जांच कर उन्हें बंद करने पर अमल किया जाएगा. गौरतलब है कि जिला भर में प्रतिवर्ष आगजनी की कई घटनाओं में प्रवासी श्रमिकों की सैकड़ों झुग्गियां जलकर राख हो जाती हैं, जिसके चलते सैकड़ों परिवारों को बेघर भी होना पड़ता है, उसके साथ-साथ ही श्रमिकों की संपत्ति का भी काफी नुकसान होता है. जिला प्रशासन का कहना है कि आग की घटनाओं के दो ही कारण निकल कर सामने आए हैं उनमें से एक खाना पकाने के बाद झुग्गियों में आग बिना बुझाए छोड़ देना और दूसरा बिजली के अवैध और असुरक्षित कनेक्शन.

जिला ऊना में गर्मियों के सीजन में आगजनी की घटनाएं काफी देखने को मिलती है, लेकिन इस बार फरवरी माह में ही हुई दो आगजनी की घटनाओं में जहां एक तरफ 4 प्रवासी बच्चे जिंदा जलकर मौत की आगोश में चले गए. वहीं, उसके करीब 24 घंटे के भीतर हुई दूसरी घटना में प्रवासी श्रमिकों की 40 झुग्गियां जल जाने के चलते दर्जनों परिवार बेघर हो गए. इन घटनाओं से सबक लेते हुए जिला प्रशासन ने फायर सीजन में आगजनी की घटनाओं की रोकथाम को लेकर प्रभावी कदम उठाने का ऐलान कर दिया है. जिसके तहत फायर विभाग और बिजली बोर्ड को इसमें शामिल करते हुए आने वाले खतरे को रोकने के प्रयास करने के निर्देश जारी किए गए हैं.

डीसी ऊना राघव शर्मा का कहना है कि प्रवासी श्रमिकों की झुग्गियों में आगजनी के मुख्यतः दो ही कारण निकल कर सामने आए हैं इनमें से एक शार्ट सर्किट का होना और दूसरा खाना पकाने के बाद झुग्गियों में आग को खुले में छोड़ देना. गर्मी के मौसम में रात के वक्त चलने वाली हवाएं चिंगारियां को उड़ाकर झुग्गियों तक ले जाती हैं और जिसके बाद खतरनाक हादसे सामने आते हैं, जबकि दूसरी तरफ निजी जमीन पर प्रवासी श्रमिकों को रखने वाले लोगों ने बिजली के अवैध कनेक्शन ले रखे हैं जिसकी वजह से कई मुसीबतें खड़ी हो रही हैं.

ऐसे में दमकल विभाग और बिजली बोर्ड को इसमें शामिल करते हुए एक तरफ प्रवासी श्रमिकों को खाना पकाने के बाद आग को बुझाने के लिए जागरूकता अभियान शुरू किया जा रहा है, जिस में फायर विभाग की टीमें स्लम एरिया में पहुंचकर प्रवासी श्रमिकों को खुले में छोड़ी गई आग के खतरे से जागरूक करवाएंगी. वहीं, दूसरी तरफ बिजली बोर्ड के अधिकारी और कर्मचारी संयुक्त टीमों का गठन करते हुए स्लम एरिया में चल रहे बिजली के अवैध कनेक्शन को बंद करने का काम करेंगे, ताकि आगजनी के खतरे को कम किया जा सके और अनमोल जिंदगियों के साथ-साथ संपत्ति को भी सुरक्षित रखा जा सके.

ये भी पढ़ें- धर्मशाला में प्रस्तावित G20 बैठक में 70 प्रतिनिधि लेंगे भाग, विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव ने तैयारियों का लिया जायजा

डीसी ऊना राघव शर्मा.

ऊना: जिला ऊना के अंब उपमंडल के तहत आगजनी में 4 प्रवासी बच्चों के जिंदा जलकर मौत के मुंह में चले जाने के बाद जिला प्रशासन सतर्क हो गया है. प्रवासी श्रमिकों की झुग्गियों में आग की घटनाओं पर काबू पाने के लिए जिला प्रशासन द्वारा व्यापक कदमताल तेज की गई है, जिसके तहत दमकल विभाग और बिजली बोर्ड को शामिल करते हुए डीसी राघव शर्मा ने नए फरमान जारी किए हैं. जिसके तहत एक तरफ प्रवासी श्रमिकों को आगजनी से बचाव के संबंध में जानकारी प्रदान की जाएगी.

वहीं, दूसरी तरफ प्रवासी श्रमिकों की झुग्गियों में चल रहे बिजली के अवैध कनेक्शन को जांच कर उन्हें बंद करने पर अमल किया जाएगा. गौरतलब है कि जिला भर में प्रतिवर्ष आगजनी की कई घटनाओं में प्रवासी श्रमिकों की सैकड़ों झुग्गियां जलकर राख हो जाती हैं, जिसके चलते सैकड़ों परिवारों को बेघर भी होना पड़ता है, उसके साथ-साथ ही श्रमिकों की संपत्ति का भी काफी नुकसान होता है. जिला प्रशासन का कहना है कि आग की घटनाओं के दो ही कारण निकल कर सामने आए हैं उनमें से एक खाना पकाने के बाद झुग्गियों में आग बिना बुझाए छोड़ देना और दूसरा बिजली के अवैध और असुरक्षित कनेक्शन.

जिला ऊना में गर्मियों के सीजन में आगजनी की घटनाएं काफी देखने को मिलती है, लेकिन इस बार फरवरी माह में ही हुई दो आगजनी की घटनाओं में जहां एक तरफ 4 प्रवासी बच्चे जिंदा जलकर मौत की आगोश में चले गए. वहीं, उसके करीब 24 घंटे के भीतर हुई दूसरी घटना में प्रवासी श्रमिकों की 40 झुग्गियां जल जाने के चलते दर्जनों परिवार बेघर हो गए. इन घटनाओं से सबक लेते हुए जिला प्रशासन ने फायर सीजन में आगजनी की घटनाओं की रोकथाम को लेकर प्रभावी कदम उठाने का ऐलान कर दिया है. जिसके तहत फायर विभाग और बिजली बोर्ड को इसमें शामिल करते हुए आने वाले खतरे को रोकने के प्रयास करने के निर्देश जारी किए गए हैं.

डीसी ऊना राघव शर्मा का कहना है कि प्रवासी श्रमिकों की झुग्गियों में आगजनी के मुख्यतः दो ही कारण निकल कर सामने आए हैं इनमें से एक शार्ट सर्किट का होना और दूसरा खाना पकाने के बाद झुग्गियों में आग को खुले में छोड़ देना. गर्मी के मौसम में रात के वक्त चलने वाली हवाएं चिंगारियां को उड़ाकर झुग्गियों तक ले जाती हैं और जिसके बाद खतरनाक हादसे सामने आते हैं, जबकि दूसरी तरफ निजी जमीन पर प्रवासी श्रमिकों को रखने वाले लोगों ने बिजली के अवैध कनेक्शन ले रखे हैं जिसकी वजह से कई मुसीबतें खड़ी हो रही हैं.

ऐसे में दमकल विभाग और बिजली बोर्ड को इसमें शामिल करते हुए एक तरफ प्रवासी श्रमिकों को खाना पकाने के बाद आग को बुझाने के लिए जागरूकता अभियान शुरू किया जा रहा है, जिस में फायर विभाग की टीमें स्लम एरिया में पहुंचकर प्रवासी श्रमिकों को खुले में छोड़ी गई आग के खतरे से जागरूक करवाएंगी. वहीं, दूसरी तरफ बिजली बोर्ड के अधिकारी और कर्मचारी संयुक्त टीमों का गठन करते हुए स्लम एरिया में चल रहे बिजली के अवैध कनेक्शन को बंद करने का काम करेंगे, ताकि आगजनी के खतरे को कम किया जा सके और अनमोल जिंदगियों के साथ-साथ संपत्ति को भी सुरक्षित रखा जा सके.

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