ऊना: ऊना जिला मुख्यालय से सटे रामपुर स्थित ईसीएचएस पॉलीक्लिनिक में रोगियों को उपचार नहीं मिलने की सूरत में भयंकर परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. हालत यह है कि ईसीएचएस पॉलीक्लिनिक अपने डेटाबेस से शुक्रवार को ही कट गया था. जिसके बाद न तो रोगियों की ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन हो पा रही है और न ही उन्हें यहां से कोई दवा दी जा सकती है. सबसे बड़ी समस्या यह है कि पॉलीक्लिनिक से रोगियों को मैनुअल तरीके से भी दवा उपलब्ध नहीं करवाई जाती.
गौरतलब है कि यह खास तरह का कार्ड रीडर है, जिसे सिस्टम से लगाने के बाद मरीजों की ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन और दवाओं का वितरण भी सिस्टम के अपडेट होने के साथ ही किया जाता है. दूसरी तरफ ईसीएचएस पॉलीक्लिनिक में उपचार के लिए पहुंच रहे लोगों का यह भी कहना है कि जब संस्थान प्रबंधन को इस कार्ड रीडर की महत्ता का पता है तो फिर इसे रिजर्व में यहां पर रखा जाना चाहिए, ताकि एक के खराब होने पर दूसरा कार्ड रीडर लगाकर लोगों को पंजीकृत करते हुए उपचार दिया जा सके.
पूर्व सैनिक राजेंद्र कुमार शर्मा का कहना है कि उन्हें पूर्व सैनिकों के आश्रितों और पूर्व सैनिकों द्वारा ईसीएचएस पॉलीक्लिनिक में सिस्टम के ठप होने की सूचना दी गई थी. जिसके बाद वह अधिकारियों से बात करने के लिए प्रतिनिधिमंडल के साथ यहां पहुंचे हैं. राजेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि एक खास तरह का कार्ड रीडर सिस्टम के साथ अटैच करके रोगियों का पूरा डाटा बेस ऑनलाइन तैयार किया जाता है. ऑनलाइन पंजीकरण के बाद ही रोगियों को उपचार और दवा उपलब्ध करवाई जाती है.
दूसरी तरफ बहडाला से आए पूर्व सैनिक कुलदीप सिंह का कहना था कि वह उपचार के लिए पिछले 4 दिन से यहां पर पहुंच रहे हैं. लेकिन ना तो उनका पंजीकरण हो पा रहा है और न ही उन्हें दवाई मिल पा रही है. जिसके चलते उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. उनका कहना है कि जब पॉलीक्लिनिक के प्रबंधन को इस कार्ड रीडर की अहमियत का पता है तो फिर क्यों नहीं इसे रिजर्व तरीके से रखा गया ताकि एक के खराब होने पर दूसरा कार्ड रीडर लगाकर लोगों की स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों को दूर किया जा सके.
उन्होंने कहा कि इस पॉलीक्लिनिक में पूर्व सैनिक और उनके आश्रित दूरदराज क्षेत्रों से पहुंच रहे हैं लेकिन उन्हें बैरंग वापस लौटना पड़ रहा है. जिसके चलते एक तरफ उन्हें मानसिक परेशानी उठानी पड़ रही है, दूसरी तरफ बिना इलाज के भारी-भरकम किराया खर्च वापस घरों को लौटना पड़ रहा है. पूर्व सैनिक आश्रित नंगड़ा के राकेश कुमार ने बताया कि उनके पिता पूर्व सैनिक हैं और इन दिनों वह अधरंग के रोगी हैं, जिन्हें लेकर वह पिछले 3 दिन से यहां पर आ रहे हैं लेकिन सिस्टम ऑनलाइन नहीं होने के चलते उन्हें अन्य अस्पतालों में जाकर पिता को उपचार दिलवाना पड़ रहा है.
दूसरी तरफ ईसीएचएस पॉलीक्लिनिक रामपुर के प्रभारी रिटायर्ड कर्नल एसएस शर्मा का कहना है कि कार्ड रीडर के खराब होने के चलते यह समस्या पेश आई है नया कार्ड रीडर 1 या 2 दिन में उपलब्ध हो जाएगा जिसके बाद रोगियों का पंजीकरण और उपचार पहले की तरह नियमित किया जा सकेगा.
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