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क्षेत्रीय अस्पताल ऊना में डॉक्टर्स का टोटा, मरीज निजी हॉस्पिटल में इलाज कराने को मजूबर

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Published : Jul 17, 2019, 8:44 AM IST

क्षेत्रीय अस्पताल में क्लर्क के 5 तो चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के 11 पद खाली चल रहे हैं. स्थानीय लोगों ने अस्पतालों में खाली पदों को भरने की मांग उठाई है ताकि लोगों को सरकारी अस्पतालों का लाभ मिल सके.

Regional Hospital Una

ऊना: क्षेत्रीय अस्पताल ऊना में डॉक्टर्स और स्टाफ की कमी के कारण मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. बता दें कि 200 बेड वाले ऊना क्षेत्रीय अस्पताल में 22 डाक्टर्स के पद हैं जिसमें से 5 पद अभी भी खाली हैं. डॉक्टर की कमी के कारण लोगों को निजी अस्पतालों का रुख करना पड़ रहा है.
क्षेत्रीय अस्पताल ऊना इन दिनों डॉक्टरों सहित अन्य स्टाफ कर्मचारियों की कमी से जूझ रहा है. 200 बेड के अस्पताल में अभी भी 100 बेड के अस्पताल जितने डॉक्टर सेवारत हैं, उनमें से भी पांच डॉक्टर्स की कमी चल रही है. जबकि हड्डी रोग विशेषज्ञ और त्वचा रोग विशेषज्ञ न होने से लोगों को निजी अस्पतालों का रूख करना पड़ रहा है. क्षेत्रीय अस्पताल में क्लर्क के 5 और चतुर्थ श्रेणी के 11 पद खाली हैं.

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गौर रहे कि अस्पताल में रोजाना 600 से 700 मरीज उपचार करवाने आते हैं लेकिन डॉक्टर्स की कमी के चलते मरीजों और उनके तीमारदारों को घंटों अपनी बारी का इन्तजार करना पड़ता है. वहीं, पिछले लंबे अरसे से अस्पताल में हड्डी रोग विशेषज्ञ न होने के कारण मरीजों को पीजीआई रेफर किया जाता है. स्वास्थ्य विभाग की लचर व्यवस्था के कारण लोगों को अपनी गाढ़ी कमाई निजी अस्पतालों में लुटानी पड़ रही है. स्थानीय लोगों ने सरकार से अस्पतालों में डॉक्टर्स की कमी दूर करने की मांग उठाई है.

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वहीं जिला स्वास्थ्य अधिकारी भी मानते हैं कि क्षेत्रीय अस्पताल में 100 बेड की संख्या बढ़ाकर 200 कर दी गई है, लेकिन स्टाफ में कोई इजाफा नहीं हो पाया है. स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा कि इस मामले को सरकार के समक्ष उठाया गया है और शीघ्र ही इस समस्या के समाधान होने की संभावना है.

ऊना: क्षेत्रीय अस्पताल ऊना में डॉक्टर्स और स्टाफ की कमी के कारण मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. बता दें कि 200 बेड वाले ऊना क्षेत्रीय अस्पताल में 22 डाक्टर्स के पद हैं जिसमें से 5 पद अभी भी खाली हैं. डॉक्टर की कमी के कारण लोगों को निजी अस्पतालों का रुख करना पड़ रहा है.
क्षेत्रीय अस्पताल ऊना इन दिनों डॉक्टरों सहित अन्य स्टाफ कर्मचारियों की कमी से जूझ रहा है. 200 बेड के अस्पताल में अभी भी 100 बेड के अस्पताल जितने डॉक्टर सेवारत हैं, उनमें से भी पांच डॉक्टर्स की कमी चल रही है. जबकि हड्डी रोग विशेषज्ञ और त्वचा रोग विशेषज्ञ न होने से लोगों को निजी अस्पतालों का रूख करना पड़ रहा है. क्षेत्रीय अस्पताल में क्लर्क के 5 और चतुर्थ श्रेणी के 11 पद खाली हैं.

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गौर रहे कि अस्पताल में रोजाना 600 से 700 मरीज उपचार करवाने आते हैं लेकिन डॉक्टर्स की कमी के चलते मरीजों और उनके तीमारदारों को घंटों अपनी बारी का इन्तजार करना पड़ता है. वहीं, पिछले लंबे अरसे से अस्पताल में हड्डी रोग विशेषज्ञ न होने के कारण मरीजों को पीजीआई रेफर किया जाता है. स्वास्थ्य विभाग की लचर व्यवस्था के कारण लोगों को अपनी गाढ़ी कमाई निजी अस्पतालों में लुटानी पड़ रही है. स्थानीय लोगों ने सरकार से अस्पतालों में डॉक्टर्स की कमी दूर करने की मांग उठाई है.

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वहीं जिला स्वास्थ्य अधिकारी भी मानते हैं कि क्षेत्रीय अस्पताल में 100 बेड की संख्या बढ़ाकर 200 कर दी गई है, लेकिन स्टाफ में कोई इजाफा नहीं हो पाया है. स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा कि इस मामले को सरकार के समक्ष उठाया गया है और शीघ्र ही इस समस्या के समाधान होने की संभावना है.

Intro:स्लग-- क्षेत्रीय अस्पताल ऊना में डाक्टरों सहित स्टाफ का टोटा, 200 बैड के अस्पताल में सिर्फ 22 डाक्टरों के पद, उसमें से भी 5 पद चल रहे खाली, लोगों को निजी अस्पतालों का करना पड़ रहा रूख, क्लर्क के 5 तो चतुर्थ श्रेणी के 11 पद खाली।Body:एंकर -- क्षेत्रीय अस्पताल ऊना इन दिनों डाक्टरों सहित अन्य स्टाफ कर्मचारियों की कमी से जूझ रहा है। 200 बैड के अस्पताल में अभी भी 100 बैड के अस्पताल जितने डाक्टरों के पद सृजित है उनमें से भी पांच डाक्टरों की कमी चल रही है जबकि हड्डी रोग विशेषज्ञ और त्वचा रोग विशेषज्ञ न होने से लोगों को निजी अस्पतालों का रूख करना पड़ रहा है। वहीँ जिला ऊना में डाक्टरों के 22 पद रिक्त पड़े हुए है। क्षेत्रीय अस्पताल में क्लर्क के 5 तो चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के 11 पद खाली चल रहे है। स्थानीय लोगों ने अस्पतालों में रिक्त पदों को भरने की मांग उठाई है ताकि लोगों को सरकारी अस्पतालों का लाभ मिल सके।

वी ओ 1 -- स्वास्थ्य क्षेत्र में अब्बल रहने का दावा करने वाले स्वास्थ्य विभाग की पोल ऊना जिला में खुलती देखी जा सकती है। करीब साढ़े 5 लाख की जनसंख्या वाले जिला ऊना में स्वास्थ्य विभाग द्वारा चिकित्सकों के 113 पद सृजित किये हुए है जबकि जिला में सिर्फ 91 चिकित्सक ही सेवायें दे रहे है। वहीँ अगर जिला ऊना के सबसे बड़े स्वास्थ्य संस्थान क्षेत्रीय अस्पताल की बात की जाये तो इस अस्पताल की क्षमता 200 बैड की होने के बाबजूद भी 100 बैड वाले अस्पताल के मुताबिक़ पद सृजित किये गए है। उनमें से भी क्षेत्रीय अस्पताल में डाक्टरों के 5 पद खाली है। वहीँ चिकित्सकों के अलावा क्लर्क के पांच तो चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के 11 पद खाली पड़े हुए है। क्षेत्रीय अस्पताल में रोजाना 600 से 700 मरीज अपना उपचार करवाने आते है लेकिन डाक्टरों की कमी के चलते मरीजों और उनके तीमारदारों को घंटों अपनी बारी का इन्तजार करना पड़ता है। वहीँ पिछले लंबे अरसे से अस्पताल में हड्डी रोग विशेषज्ञ न होने के कारण छोटे से छोटे हादसे के बाद अस्पताल में पहुंचने वाले मरीजों को तो सीधा पीजीआई रैफर किया जाता है। वहीँ स्किन स्पेशलिस्ट भी पिछले लंबे समय से तैनात नहीं किया गया है। डाक्टरों की कमी के चलते लोगों को निजी अस्पतालों का रूख करना पड़ रहा है जिससे स्वास्थ्य विभाग की लचर व्यवस्था के कारण लोगों को अपनी गाढ़ी कमाई निजी अस्पतालों में लुटानी पड़ रही है। स्थानीय लोगों ने सरकार से अस्पतालों में डाक्टरों की कमी दूर करने की मांग उठाई है।

बाइट -- स्थानीय वासी
HOSPITAL STAFF 4

बाइट -- स्थानीय वासी
HOSPITAL STAFF-5

बाइट -- निखिल सहोड़ (जिला स्वास्थ्य अधिकारी)
HOSPITAL STAFF 10
वहीं जिला स्वास्थ्य अधिकारी भी मानते है कि क्षेत्रीय अस्पताल में 100 बैड की संख्या बढ़ाकर 200 कर दी गई है। लेकिन स्टॉफ में कोई इजाफा नहीं हो पाया है। स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा कि इस मामले को सरकार के समक्ष उठाया गया है और शीघ्र ही इस समस्या के समाधान की आशा है।
Conclusion:
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