ऊना: क्षेत्रीय अस्पताल ऊना में डॉक्टर्स और स्टाफ की कमी के कारण मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. बता दें कि 200 बेड वाले ऊना क्षेत्रीय अस्पताल में 22 डाक्टर्स के पद हैं जिसमें से 5 पद अभी भी खाली हैं. डॉक्टर की कमी के कारण लोगों को निजी अस्पतालों का रुख करना पड़ रहा है.
क्षेत्रीय अस्पताल ऊना इन दिनों डॉक्टरों सहित अन्य स्टाफ कर्मचारियों की कमी से जूझ रहा है. 200 बेड के अस्पताल में अभी भी 100 बेड के अस्पताल जितने डॉक्टर सेवारत हैं, उनमें से भी पांच डॉक्टर्स की कमी चल रही है. जबकि हड्डी रोग विशेषज्ञ और त्वचा रोग विशेषज्ञ न होने से लोगों को निजी अस्पतालों का रूख करना पड़ रहा है. क्षेत्रीय अस्पताल में क्लर्क के 5 और चतुर्थ श्रेणी के 11 पद खाली हैं.
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गौर रहे कि अस्पताल में रोजाना 600 से 700 मरीज उपचार करवाने आते हैं लेकिन डॉक्टर्स की कमी के चलते मरीजों और उनके तीमारदारों को घंटों अपनी बारी का इन्तजार करना पड़ता है. वहीं, पिछले लंबे अरसे से अस्पताल में हड्डी रोग विशेषज्ञ न होने के कारण मरीजों को पीजीआई रेफर किया जाता है. स्वास्थ्य विभाग की लचर व्यवस्था के कारण लोगों को अपनी गाढ़ी कमाई निजी अस्पतालों में लुटानी पड़ रही है. स्थानीय लोगों ने सरकार से अस्पतालों में डॉक्टर्स की कमी दूर करने की मांग उठाई है.
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वहीं जिला स्वास्थ्य अधिकारी भी मानते हैं कि क्षेत्रीय अस्पताल में 100 बेड की संख्या बढ़ाकर 200 कर दी गई है, लेकिन स्टाफ में कोई इजाफा नहीं हो पाया है. स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा कि इस मामले को सरकार के समक्ष उठाया गया है और शीघ्र ही इस समस्या के समाधान होने की संभावना है.