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लोस चुनाव में अब नहीं पड़ेंगे फर्जी वोट! वोटर स्लिप वाले नहीं कर पाएंगे मतदान

फर्जी मतदान को रोकने के लिए चुनाव आयोग ने इस बार नियमों में बदलाव करने के साथ-साथ मतदाताओं के घर पहुंचने वाली वोटर स्लिप पहचान पत्र के तौर पर मान्य नहीं होगी.

डीसी ऊना राकेश प्रजापति
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Published : Mar 12, 2019, 5:04 PM IST

ऊना: फर्जी मतदान को रोकने के लिए चुनाव आयोग ने इस बार नियमों में बदलाव करने के साथ-साथ मतदाताओं के घर पहुंचने वाली वोटर स्लिप पहचान पत्र के तौर पर मान्य नहीं होगी. ये जानकारी डीसी और जिला निर्वाचन अधिकारी राकेश कुमार प्रजापति ने दी.

जिला निर्वाचन अधिकारी व डीसी राकेश कुमार प्रजापति ने बताया कि वोट डालने के लिए चुनाव आयोग से तय 11 पहचान पत्रों में से किसी एक को वोटिंग के समय साथ लेकर आना जरूरी होगा. उन्होंने बताया कि रैली के बाद सभा स्थल पर साफ -सफाई का जिम्मा भी राजनीतिक दलों का होगा. अगर ऐसा नहीं किया जाता है तो सफाई का खर्च भी पार्टी या फिर उम्मीदवार के खाते में जोड़ा जाएगा.

dc una rakesh prajapti
डीसी ऊना राकेश प्रजापति

डीसी ने बताया कि निजी संपत्ति पर लगे होर्डिंग व इश्तेहार आदि को हटाने के लिए चुनाव की घोषणा के बाद 72 घंटों का समय मिलता है. ऐसे में राजनीतिक दल प्राथमिकता के आधार पर प्रचार सामग्री को हटाने के निर्देश दिए गए हैं.


ऊना: फर्जी मतदान को रोकने के लिए चुनाव आयोग ने इस बार नियमों में बदलाव करने के साथ-साथ मतदाताओं के घर पहुंचने वाली वोटर स्लिप पहचान पत्र के तौर पर मान्य नहीं होगी. ये जानकारी डीसी और जिला निर्वाचन अधिकारी राकेश कुमार प्रजापति ने दी.

जिला निर्वाचन अधिकारी व डीसी राकेश कुमार प्रजापति ने बताया कि वोट डालने के लिए चुनाव आयोग से तय 11 पहचान पत्रों में से किसी एक को वोटिंग के समय साथ लेकर आना जरूरी होगा. उन्होंने बताया कि रैली के बाद सभा स्थल पर साफ -सफाई का जिम्मा भी राजनीतिक दलों का होगा. अगर ऐसा नहीं किया जाता है तो सफाई का खर्च भी पार्टी या फिर उम्मीदवार के खाते में जोड़ा जाएगा.

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डीसी ऊना राकेश प्रजापति

डीसी ने बताया कि निजी संपत्ति पर लगे होर्डिंग व इश्तेहार आदि को हटाने के लिए चुनाव की घोषणा के बाद 72 घंटों का समय मिलता है. ऐसे में राजनीतिक दल प्राथमिकता के आधार पर प्रचार सामग्री को हटाने के निर्देश दिए गए हैं.


ऊना
जिला निर्वाचन अधिकारी एवं उपायुक्त राकेश कुमार प्रजापति ने कहा कि मतदाताओं के घर पहुंचने वाली वोटर स्लिप इस बार पहचान पत्र के तौर पर मान्य नहीं होगी। उन्होंने कहा कि फर्जी मतदान को रोकने के लिए चुनाव आयोग ने इस बार नियमों में फेरबदल किए हैं। वोट डालने के लिए चुनाव आयोग से तय 11 पहचान पत्रों में से किसी एक को वोटिंग के समय साथ लेकर आना होगा। 

 उपायुक्त ने कहा कि  राजनीतिक प्रतिनिधियों के साथ भी एक बैठक की है, जिसमें उन्हें आदर्श चुनाव संहिता के बारे में विस्तृत जानकारी दे दी गई है। साथ ही चुनाव में इस्तेमाल होने वाले झंडों, बैनर व होर्डिंग आदि की रेट लिस्ट भी मुहैया करा दी गई है। चुनावी खर्च पर निर्वाचन आयोग की पैनी नज़र रहेगी। निगरानी टीमों ने अपना कामकाज संभाल लिया है।  

उन्होंने कहा कि रैली के बाद सभा स्थल पर साफ सफाई का जिम्मा भी राजनीतिक दलों का होगा। यदि ऐसा नहीं किया जाता है तो सफाई का खर्च भी पार्टी या फिर उम्मीदवार के खाते में जोड़ा जाएगा। निजी संपत्ति पर लगे होर्डिंग व इश्तेहार आदि को हटाने के लिए चुनाव की घोषणा के बाद 72 घंटों का समय मिलता है। ऐसे में राजनीतिक दल प्राथमिकता के आधार पर इन प्रचार सामग्री को हटा दें। 

जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि इस बार चुनाव आयोग के निर्देशानुसार सोशल मीडिया की भी निगरानी की जाएगी। उन्होंने कहा कि पेड न्यूज़ पर पूरी तरह से बैन रहेगा। मीडियाकर्मियों से भी उन्होंने पेड न्यूज़ पर सहयोग की अपील की, ताकि ज़िला में निष्पक्ष और स्वतंत्र रूप से चुनाव कराए जा सकें। 


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