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बिस्तर पर था डॉक्टर, मरीज की जिद्द पर खुद के ऑपरेशन के बाद उपचार देकर पेश की मिसाल

खुद के ऑपरेशन के बाद डॉक्टर ने मरीज का इलाज किया. मरीज फेफड़ों की बीमारी से ग्रस्त था. उसे डॉक्टर के इलाज पर भरोसा था.

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : 9 hours ago

Updated : 7 hours ago

DOCTOR DUSHYANT TREATMENT
मंडी में खुद के ऑपरेशन के बाद डॉक्टर ने मरीज को दिया इलाज (ETV Bharat)

मंडी: डॉक्टर भगवान के बराबर होता है. ऐसा हमने अक्सर सुना है. इसकी कीमत वही शख्स जान सकता है जो जिंदगी और मौत से जूझ रहा हो और उसे केवल अपने डॉक्टर पर भरोसा हो. यूं तो अस्पताल में भर्ती मरीजों का इलाज डॉक्टर करते हैं. उपचार के दौरान मरीज बिस्तर पर लेटे होते हैं और डॉक्टर एक के बाद एक सब मरीजों की जांच करते हैं और उन्हें उपचार देते हैं लेकिन शनिवार को जोनल अस्पताल मंडी में इससे उल्ट देखने को मिला.

डॉक्टर ने खुद के ऑपरेशन के बाद किया मरीज का इलाज

यहां डॉक्टर खुद बिस्तर पर थे और एक मरीज उनके पास उपचार करवाने के लिए आया. ना चाहते हुए भी डॉक्टर को मरीज के निवेदन पर उपचार देना पड़ा. जोनल अस्पताल मंडी में कार्यरत MBBS डॉ. दुष्यंत ठाकुर के पांव का शनिवार को ऑपरेशन हुआ था. दोपहर करीब 12 बजे उन्हें ऑपरेशन थियेटर से बाहर लाया गया. दोपहर करीब 2 बजे उन्हें धर्मपुर निवासी 64 वर्षीय नारायण सिंह के परिजनों का फोन आता है और वह बताते हैं कि नारायण सिंह की हालत गंभीर बनी हुई है और वह उनसे ही उपचार करवाने की जिद्द कर रहा है.

मंडी में खुद के ऑपरेशन के बाद डॉक्टर ने मरीज को दिया इलाज (ETV Bharat)

डॉक्टर ने बिस्तर पर लेटे हुए की मरीज की जांच

मरीज को फेफड़ों की बीमारी थी जिस वजह से उसे सांस लेने में दिक्कत हो रही थी. मरीज का इलाज मेडिकल कॉलेज नेरचौक में चल रहा था लेकिन मरीज को डॉ. दुष्यंत ठाकुर के इलाज पर भरोसा था. ऐसे में मरीज अस्पताल से छुट्टी लेकर जोनल अस्पताल मंडी में अपने परिजनों के साथ पहुंचा. यहां डॉक्टर साहब बिस्तर पर थे और बिस्तर से ही उन्होंने मरीज को देखा. मरीज की सब रिपोर्ट देखने के बाद उन्होंने वार्ड में लेटे-लेटे मरीज की जांच की. जांच के बाद डॉक्टर ने उपचार के लिए मरीज को जोनल हॉस्पिटल मंडी के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कर दिया.

खुद के ऑपरेशन के बाद मरीज को दवा लिखते डॉक्टर
खुद के ऑपरेशन के बाद मरीज को दवा लिखते डॉक्टर (ETV Bharat)

"मरीज को उपचार देना मेरा पहला कर्तव्य"

MBBS डॉ. दुष्यंत ने बताया "मुझे मरीज के परिजनों का फोन आया था. मैं खुद के पांव के ऑपरेशन के बाद वार्ड में शिफ्ट हुआ था. परिजनों का फोन आते ही पहले मुझे लगा कि मैं इस हालत में मरीज की जांच कैसे करूंगा लेकिन बतौर डॉक्टर मेरा पहला कर्तव्य यही है कि मरीज को उपचार दूं इसलिए मैंने मरीज को यहां आने के लिए बोल दिया. मैं कोशिश करता हूं कि मरीज की तन-मन-धन से मदद करूं"

नारायण सिंह, मरीज
नारायण सिंह, मरीज (ETV Bharat)

"उपचार मिलने के बाद स्वास्थ्य में हुआ सुधार"

खुद मरीज नारायण सिंह ने बताया "मुझे डॉक्टर दुष्यंत पर विश्वास है. डॉक्टर ने मुझे और मेरे भाई को बचाया है. उपचार मिलने के बाद पहले से बेहतर महसूस कर रहा हूं. डॉक्टर को दिखाने के बाद मेरे स्वास्थ्य पहले से 25 प्रतिशत सही हुआ है. अस्पताल में पहुंचते ही डॉक्टर ने मुझे तुरंत प्रभाव से इलाज दिया. मैं डॉक्टर के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं."

डॉ. दुष्यंत ठाकुर का मरीज के परिजनों ने किया धन्यवाद
डॉ. दुष्यंत ठाकुर का मरीज के परिजनों ने किया धन्यवाद (ETV Bharat)

वहीं, नारायण सिंह के दामाद सोहन सिंह ने कहा "डॉक्टर खुद बिस्तर पर हैं. सरकारी डॉक्टर होने के बाद भी उन्होंने इस हालत में बेहतर इलाज दिया हम उनके आभारी हैं. मेरे ससुर को एक साल से सांस की दिक्कत है उनका हम लुधियाना से लेकर मेडिकल कॉलेज नेरचौक में इलाज करवा चुके हैं. इसके पहले उनका इलाज मंडी के जोनल अस्पताल में चला हुआ था."

ये भी पढ़ें: यहां मिलेगी 1 लाख रुपए तक सैलरी, युवाओं के पास विदेश में नौकरी करने का सुनहरा मौका

मंडी: डॉक्टर भगवान के बराबर होता है. ऐसा हमने अक्सर सुना है. इसकी कीमत वही शख्स जान सकता है जो जिंदगी और मौत से जूझ रहा हो और उसे केवल अपने डॉक्टर पर भरोसा हो. यूं तो अस्पताल में भर्ती मरीजों का इलाज डॉक्टर करते हैं. उपचार के दौरान मरीज बिस्तर पर लेटे होते हैं और डॉक्टर एक के बाद एक सब मरीजों की जांच करते हैं और उन्हें उपचार देते हैं लेकिन शनिवार को जोनल अस्पताल मंडी में इससे उल्ट देखने को मिला.

डॉक्टर ने खुद के ऑपरेशन के बाद किया मरीज का इलाज

यहां डॉक्टर खुद बिस्तर पर थे और एक मरीज उनके पास उपचार करवाने के लिए आया. ना चाहते हुए भी डॉक्टर को मरीज के निवेदन पर उपचार देना पड़ा. जोनल अस्पताल मंडी में कार्यरत MBBS डॉ. दुष्यंत ठाकुर के पांव का शनिवार को ऑपरेशन हुआ था. दोपहर करीब 12 बजे उन्हें ऑपरेशन थियेटर से बाहर लाया गया. दोपहर करीब 2 बजे उन्हें धर्मपुर निवासी 64 वर्षीय नारायण सिंह के परिजनों का फोन आता है और वह बताते हैं कि नारायण सिंह की हालत गंभीर बनी हुई है और वह उनसे ही उपचार करवाने की जिद्द कर रहा है.

मंडी में खुद के ऑपरेशन के बाद डॉक्टर ने मरीज को दिया इलाज (ETV Bharat)

डॉक्टर ने बिस्तर पर लेटे हुए की मरीज की जांच

मरीज को फेफड़ों की बीमारी थी जिस वजह से उसे सांस लेने में दिक्कत हो रही थी. मरीज का इलाज मेडिकल कॉलेज नेरचौक में चल रहा था लेकिन मरीज को डॉ. दुष्यंत ठाकुर के इलाज पर भरोसा था. ऐसे में मरीज अस्पताल से छुट्टी लेकर जोनल अस्पताल मंडी में अपने परिजनों के साथ पहुंचा. यहां डॉक्टर साहब बिस्तर पर थे और बिस्तर से ही उन्होंने मरीज को देखा. मरीज की सब रिपोर्ट देखने के बाद उन्होंने वार्ड में लेटे-लेटे मरीज की जांच की. जांच के बाद डॉक्टर ने उपचार के लिए मरीज को जोनल हॉस्पिटल मंडी के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कर दिया.

खुद के ऑपरेशन के बाद मरीज को दवा लिखते डॉक्टर
खुद के ऑपरेशन के बाद मरीज को दवा लिखते डॉक्टर (ETV Bharat)

"मरीज को उपचार देना मेरा पहला कर्तव्य"

MBBS डॉ. दुष्यंत ने बताया "मुझे मरीज के परिजनों का फोन आया था. मैं खुद के पांव के ऑपरेशन के बाद वार्ड में शिफ्ट हुआ था. परिजनों का फोन आते ही पहले मुझे लगा कि मैं इस हालत में मरीज की जांच कैसे करूंगा लेकिन बतौर डॉक्टर मेरा पहला कर्तव्य यही है कि मरीज को उपचार दूं इसलिए मैंने मरीज को यहां आने के लिए बोल दिया. मैं कोशिश करता हूं कि मरीज की तन-मन-धन से मदद करूं"

नारायण सिंह, मरीज
नारायण सिंह, मरीज (ETV Bharat)

"उपचार मिलने के बाद स्वास्थ्य में हुआ सुधार"

खुद मरीज नारायण सिंह ने बताया "मुझे डॉक्टर दुष्यंत पर विश्वास है. डॉक्टर ने मुझे और मेरे भाई को बचाया है. उपचार मिलने के बाद पहले से बेहतर महसूस कर रहा हूं. डॉक्टर को दिखाने के बाद मेरे स्वास्थ्य पहले से 25 प्रतिशत सही हुआ है. अस्पताल में पहुंचते ही डॉक्टर ने मुझे तुरंत प्रभाव से इलाज दिया. मैं डॉक्टर के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं."

डॉ. दुष्यंत ठाकुर का मरीज के परिजनों ने किया धन्यवाद
डॉ. दुष्यंत ठाकुर का मरीज के परिजनों ने किया धन्यवाद (ETV Bharat)

वहीं, नारायण सिंह के दामाद सोहन सिंह ने कहा "डॉक्टर खुद बिस्तर पर हैं. सरकारी डॉक्टर होने के बाद भी उन्होंने इस हालत में बेहतर इलाज दिया हम उनके आभारी हैं. मेरे ससुर को एक साल से सांस की दिक्कत है उनका हम लुधियाना से लेकर मेडिकल कॉलेज नेरचौक में इलाज करवा चुके हैं. इसके पहले उनका इलाज मंडी के जोनल अस्पताल में चला हुआ था."

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Last Updated : 7 hours ago
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