ऊना: जिला के बंगाणा उपमंडल के तलमेहड़ा गांव में शिवालिक की पहाड़ियों पर स्थित धौम्येश्वर मंदिर स्थापित है. ये मंदिर को सदाशिव मंदिर के नाम से भी प्रसिद्ध है. इस मंदिर का निर्माण 1950 के दशक में हुआ था.
सदाशिव मंदिर की विशेष धार्मिक विशेषता है कि पूरा वर्ष यहां लाखों की संख्या में श्रद्धालु नमन करने और भगवान शंकर की आराधना करने के लिए पहुंचते हैं. जिला के सबसे खूबसूरत स्थलों में से एक तलमेहड़ा की पहाड़ी श्रृंखलाओं में से सबसे ऊंचे पहाड़ ध्यूंसर जंगल पर स्थित सदाशिव मंदिर से पूरे जिला का आलौकिक नजारा देखने को मिलता है.
मान्यता है कि प्राचीनकाल में पांडवों के पुरोहित श्री धौम्य ऋषि ने तीर्थ यात्रा करते हुए इसी ध्यूंसर नामक पर्वत पर शिव की तपस्या की थी. भगवान शिव ने प्रसन्न होकर ऋषि को दर्शन दिए और वर मांगने को कहा था. माना जाता है कि ऋषि ने इस पूरे क्षेत्र में आकर धौम्येश्वर शिव की पूजा करने वालों की हर मनोकामना पूरी करने का वर मांगा था.
मान्यताओं के मुताबिक भगवान शिव तथास्तु कहकर अंर्तध्यान हो गए थे. इसके बाद से जो भी श्रद्धालु मंदिर पहुंचकर सच्चे मन से मन्नत मांगता है, तो उस भक्त की मुराद पूरी होती है. मंदिर को धौम्येश्वर शिवलिंग, ध्यूंसर महादेव और सदाशिव के नाम से पुकारा जाता है.
मंदिर ट्रस्ट के प्रधान प्रवीण शर्मा के मुताबिक 1937 में मद्रास के एक सैशन जज स्वामी ओंकारा नंद गिरी को स्वप्न में भगवान शिव ने कहा कि पांडवों के अज्ञातवास के समय उनके पुरोहित धौम्य ऋर्षि द्वारा स्वयंभू शिवलिंग अर्चना की गई थी. शिवलिंग की खोज कर उसकी पूजा-अर्चना करें. स्वामी ओंकारा नंद गिरी ने स्वप्न के आधार पर शिवलिंग को काफी जगह खोजा और घूमते-घूमते 1947 में स्वामी ओंकारानंद इस स्थान पर पहुंचे. सोहारी स्थित सनातन उच्च विद्यालय के प्रधानाचार्य शिव प्रसाद शर्मा डबराल के सहयोग से स्वामी ओंकारा नंद गिरी जी शिवलिंग के पास पहुंचे. उन्होंने बताया कि यहां सबसे पहले एक छोटा सा मंदिर बनाया गया था, जिसका विस्तार कर आज एक विशाल मंदिर बना दिया गया है.
यूं तो पूरा वर्ष देशभर के विभिन्न हिस्सों से श्रद्धालु धौम्येश्वर मंदिर में भगवान शिव के दर्शनों के लिए पहुंचते हैं, लेकिन महाशिवरात्रि और सावन माह के अवसर पर मंदिर में श्रद्धालुओं की श्रद्धा और आस्था का खूब जमघट मंदिर लगता है. श्रद्धालुओं की मानें तो धौम्येश्वर मंदिर में जो भी भगवान शिव की सच्चे मन से पूजा अर्चना करता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती है.
धौम्येश्वर मंदिर प्रबंधन में जुटी ट्रस्ट द्वारा श्रद्धालुओं की सुविधा के साथ-साथ गरीब और असहाय लोगों की मदद भी की जा रही है. ऊंचाई पर स्थित शिवलिंग के दर्शन करने के लिए दिव्यांगों व वृद्धों को पेश आने वाली परेशानी से निजात दिलाने के लिए लिफ्ट का प्रबंध किया गया है. वहीं ट्रस्ट द्वारा गौशाला का भी संचालन किया जा रहा है. मंदिर ट्रस्ट द्वारा गरीब लड़कियों की शादी और गरीब मरीजों के इलाज के लिए आर्थिक सहायता का बीड़ा भी उठाया गया है.