ऊनाः अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर जिला स्तरीय कार्यक्रम रविवार को हिमोत्कर्ष कन्या महाविद्यालय कोटला खुर्द में आयोजित किया गया. जिसकी अध्यक्षता केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट मामलों के राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने की.
इस अवसर पर ग्रामीण विकास मंत्री वीरेंद्र कंवर, विधायक बलबीर सिंह और पूर्व भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती भी उपस्थित रहे. कार्यक्रम में कमांडेंट आईआरबी बनगढ़ साक्षी वर्मा ने विशेष अतिथि के रूप में शिरकत की. इस दौरान अनुराग ठाकुर ने महिला दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि माता-पिता बेटा-बेटी में कोई अंतर न समझें. आज महिलाएं पुरुषों के कंधे से कंधा मिलाकर देश को आगे ले जाने के लिए काम कर रही हैं.
ठाकुर ने प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा कि ऊना जिला का लिंगानुपात बढ़कर 923 पहुंच गया है, जो पहले चिंताजनक रूप से 873 था. उन्होंने इसके लिए जिलावासियों को बधाई दी और कहा कि अभी इस दिशा में और प्रयास किए जाने की आवश्यकता है. केंद्रीय राज्य मंत्री ने कहा कि सिर्फ महिला दिवस मनाना ही काफी नहीं है, बल्कि समाज में महिलाओं के प्रति सम्मान की भावना होनी चाहिए. महिला शक्ति देवभूमि हिमाचल की शान हैं और हर सामाजिक कार्य में उनकी भागीदारी महत्वपूर्ण रहती है.
भ्रूण हत्याओं पर चिंता व्यक्त करते हुए अनुराग ठाकुर ने कहा कि बेटी का गर्भपात कराना सबसे बड़ा पाप है, बेटियों को आगे बढ़ने का अवसर मिलना ही चाहिए. मातृ वंदना योजना को बेहतर ढंग से लागू करने पर जिला ऊना को देश भर में दूसरा स्थान मिलने पर अनुराग ठाकुर ने विभाग के अधिकारियों की सराहना की.
साथ ही कुपोषण से लड़ने के लिए 36 हजार करोड़केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट मामलों के राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने पोषण अभियान के तहत कुपोषण से लड़ने के लिए 36 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया है. भारत की 65 प्रतिशत आबादी 35 वर्ष से कम आयु वर्ग के युवाओं की है, ऐसे में अगर आने वाली पीढ़ी कुपोषण का शिकार होगी तो देश के भविष्य का क्या होगा. कार्यक्रम में उन्होंने पोषण अभियान पर शपथ भी दिलाई.
जिला स्तरीय कार्यक्रम के दौरान बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत मां-बेटी रैंप वॉक का आयोजन किया गया, जिसकी खूब प्रशंसा हुई. इसके अतिरिक्त पोषण अभियान के तहत गर्भवती महिलाओं की गोद भराई की रस्म अदा की गई. इस दौरान 6 माह की आयु के बच्चों का अन्नप्राशन करवाया गया और नवजात बच्चियों को बेबी किट्स प्रदान की गई. इसके अलावा सशक्त महिला योजना के अंतर्गत हर ग्राम पंचायत के लिए वाद्य यंत्र वितरित किए गए और ऊना उत्कर्ष योजना के तहत बेटियों की उपलब्धियों को दर्शाने वाले बोर्ड प्रदान किए गए.
ये भी पढ़ेंः 60 साल से किराए के भवन में चल रही है 1 लाख से ज्यादा किताबों वाली हिमाचल की पहली लाइब्रेरी