कांगड़ा: धर्मशाला स्मार्ट नहीं, बल्कि बैड सिटी बनती जा रही है. गुणवत्ता को विकास कार्यों में नजर अंदाज किया जा रहा है. वहीं, नगर निगम चहेते ठेकेदारों पर मेहरबान दिख रही है.ये बात हिमाचल प्रदेश विधानसभा की प्राक्कलन समिति की डीआरडीए सभागार धर्मशाला में आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए प्राक्कलन समिति के सभापति रमेश ध्वाला ने कही. ध्वाला ने कहा कि ऐसी शिकायतें आ रही हैं कि स्मार्ट सिटी धर्मशाला स्मार्ट नहीं, बल्कि बैड सिटी बनती जा रही है.
लोगों की शिकायतों में ये भी कहा गया है कि स्मार्ट सिटी का कोई वर्किंग प्लान और न ही कोई सिस्टम है. नगर निगम में किसी ठेकेदार को एक काम तक नहीं दिया जा रहा, जबकि कुछ ठेकेदारों पर नगर निगम बहुत मेहरबान है. नगर निगम अधिकारियों को फटकार लगाते हुए ध्वाला ने काम में सुधार की बात कही. ध्वाला ने कहा कि धर्मशाला में पर्यटकों का आगमन लगा रहता है. शहर में न तो पार्किंग व्यवस्था है और न ही रेन शेल्टर. नगर निगम कोई काम नहीं कर रहे.
बैठक में नगर निगम अधिकारियों से ध्वाला ने पूछा कि पिछले डेढ़ साल पहले कितने टेंडर आवंटित हुए और उनमें से कितनों पर काम चल रहा है. इस पर निगम अधिकारियों की ओर से संतोषजनक जवाब न दे पाने पर ध्वाला ने कहा कि काम लेने के बावजूद ठेकेदार काम नहीं कर रहे तो उन्हें जुर्माना क्यों नहीं लगाया गया.बैठक में जब अधिकारियों से विभिन्न संसाधनों से होने वाली आय के बारे में पूछा गया तो अधिकारी इसका भी संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए. बिना तैयारी के आए अधिकारियों पर ध्वाला नाराज दिखे. ध्वाला ने डीसी कांगड़ा राकेश प्रजाति को नगर निगम के कार्यों की जांच कर रिपोर्ट विधानसभा समिति को भेजने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि नगर निगम के कार्यों का क्या स्टेट्स है, जो कार्य आवंटित हुए हैं, वो कब तक पूरे होंगे, इसकी जांच कर पूरी रिपोर्ट विधानसभा को भेजी जाए.
वहीं, पूर्व सीएम शांता कुमार का सौरव वन विहार का ड्रीम प्रोजेक्ट कहीं ओर शिफ्ट हो सकता है. ये संकेत धर्मशाला में हुई हिमाचल प्रदेश विधानसभा की प्राक्कलन समिति की बैठक में कमेटी के सदस्यों ने दिए हैं. समिति के अध्यक्ष रमेश चंद ध्वाला की अध्यक्षता में हुई बैठक में सदस्यों ने न्यूगल खड्ड किनारे बने सौरव वन विहार को खतरे से खाली करार नहीं दिया है. उनका कहना था कि न्यूगल खड्ड में काफी बाढ़ आती है.