शिमला: विधानसभा क्षेत्र ठियोग में जल संकट के दौरान वाटर टैंकर्स के माध्यम से पानी की सप्लाई की जाती है. यहां जल संकट के दौरान पानी की सप्लाई में गबन का मामला सामने आने के बाद सुखविंदर सिंह सरकार ने दस अफसरों को सस्पेंड किया है. इन अफसरों में से एक अधिकारी का रिटायरमेंट के बाद निधन भी हो चुका है.
शुक्रवार तीन जनवरी को जल शक्ति विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव कार्यालय की तरफ से विभाग के इंजीनियर-इन-चीफ को दस अफसरों के सस्पेंशन से संबंधित पत्र जारी किया गया. जिन अफसरों को सस्पेंड किया गया है, उनमें जल शक्ति डिवीजन मतियाना के एक्सईएन अशोक कुमार भोपाल, जल शक्ति डिवीजन कसुम्पटी के एक्सईन बसंत सिंह सहित 8 जूनियर अभियंता व सहायक अभियंता शामिल हैं. इनमें से एक अधिकारी सुदर्शन का रिटायरमेंट के बाद निधन भी हो चुका है, लेकिन जिस समय का ये मामला है, तब वे सेवा में थे.
अन्य सस्पेंड हुए अफसरों में सब-डिविजन मतियाना के सहायक अभियंता परनीत ठाकुर, सब-डिविजन कोटी के सहायक अभियंता राकेश कुमार के अलावा घोटाले के समय ठियोग में पोस्टेड सहायक अभियंता विवेक शर्मा, ठियोग में जल शक्ति विभाग के जूनियर अभियंता मस्तराम बरागटा, लाफूघाटी में तैनात जूनियर अभियंता सुरेश कुमार, मतियाना में तैनात जूनियर अभियंता नीम चंद, धरेच में तैनात जूनियर अभियंता सुनील कुमार शामिल हैं. सुदर्शन नामक सेवानिवृत जूनियर इंजीनियर भी उस समय सेवारत थे. अब उनका निधन हो चुका है, लेकिन सस्पेंशन सूची में नियमों के अनुसार उनका भी नाम है.
उल्लेखनीय है कि एक आरटीआई कार्यकर्ता ने इस बारे में सूचना के अधिकार अधिनियम में जानकारी मांगी थी. उसमें हैरतनाक खुलासा हुआ कि ठियोग में जलसंकट के दौरान पानी के टैंकरों से सप्लाई में गबन किया गया. ये गबन 1.13 करोड़ रुपए के करीब है. स्कूटर, ऑल्टो कार आदि से पानी की सप्लाई दर्शा दी गई. फर्जी बिल बनाकर सरकार को चूना लगाया गया.
ठियोग के पूर्व विधायक राकेश सिंघा ने भी जोरदार तरीके से मामला उठाया. उसके बाद डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने इस मामले में सख्त एक्शन लेने की बात कही थी. जांच के आदेश किए गए और रिपोर्ट आने के बाद अफसरों को सस्पेंड कर दिया गया.
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