सोलन: जिला परिषद सोलन की त्रैमासिक बैठक 12 अप्रैल को होगी. इस दौरान जिला परिषद सोलन द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि अगर इस बैठक में किसी भी विभाग के अधिकारी सही जानकारी प्रस्तुत नहीं करेंगे तो जिला परिषद की ओर से उन अधिकारियों पर 1 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा. पंचायती राज एक्ट 1994 में इन मामलों में जुर्माने का प्रावधान किया गया है. 12 अप्रैल को होने वाली त्रैमासिक बैठक से पहले ही जिला पंचायत अधिकारी ने सभी विभाग के अधिकारियों को सीधे तौर पर चेतावनी देते हुए कहा है कि बैठक में केवल सही आंकड़े ही प्रस्तुत किए जाएं. उन्होंने कहा कि भले ही जुर्माने की राशि कम है लेकिन इन सब कारणों से विभाग की कार्यप्रणाली संदेह की दृष्टि में आ जाती है.
जिला पंचायत अधिकारी सोलन जोगिंद्र राणा ने बताया कि अगर कोई भी अधिकारी किसी भी नियम का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ पंचायती राज एक्ट 1994 के तहत जुर्माने का प्रावधान है. यदि कोई विभागाध्यक्ष बैठक में झूठी जानकारी पेश करता है तो उस पर जुर्माना लगाया जाएगा. इसलिए जिला पंचायत अधिकारी ने सभी विभागाध्यक्ष चेताते हुए कहा कि 12 अप्रैल को होने वाली जिला परिषद की बैठक में सभी सही जानकारी दें. जिला परिषद की त्रैमासिक बैठक के बाद कई बार जिला परिषद सदस्य विभाग के जवाब से संतुष्ट नजर नहीं आते हैं, क्योंकि उनका कहना है कि विभाग के पेश किए तथ्यों व जानकारी और धरातल की सच्चाई में बहुत बड़ा अंतर होता है.
बता दें कि जिला परिषद की बैठक में डेढ़ से दो वर्षों में कीब 30 से 40 मदों पर लगातार चर्चा की जा रही है, लेकिन बाबजूद इसके इन मुद्दों पर कार्रवाई जैसा कुछ भी नहीं हुआ है. जिसके कारण बैठक के दौरा जिला परिषद के सदस्यों में नाराजगी साफ जाहिर होती है. कई बार तो विभागाध्यक्ष स्वयं बैठक में मौजूद होने की जगह अपने प्रतिनिधियों को भेज देते हैं, जिन्हें मदों के बारे में विस्तार से जानकारी नहीं होती है. ऐसे में वह जिला परिषद सदस्यों के सवालों का आनन-फानन में ऐसा जवाब दे देते हैं जो फिर विभाग के गले की फांस बन जाता है. इन्हीं सभी समस्याओं को मध्यनजर रखते हुए अब पंचायती राज विभाग सोलन ने सभी विभाग के अधिकारियों को सीधी चेतावनी दी है और सही जानकारी न मिलने पर जुर्माना लगाने की बात कही है.