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नौणी विवि को ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए वीसी का नया प्लान, यूनिवर्सिटी को विश्व का 'सिरमौर' बनाने का लक्ष्य - विवि कुलपति

नौणी विवि के कुलपति का पदभार संभालने के बाद डॉ. परविंदर ने कहा कि किसानों के लिए कृषि सम्बंधी तकनीकों को बढ़ावा देना और विश्विद्यालय में पढ़ने वाले छात्रों को अच्छी सुविधा देना उनकी प्राथमिकता है. उनका पूरा प्रयास रहेगा कि नौणी विश्वविद्यालय को नई ऊंचाईयों पर ले जाया जा सके.

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Published : Jul 26, 2019, 6:48 PM IST

सोलन: डॉ. वाइएस परमार नौणी विश्विद्यालय के नवनियुक्त वाइस चांसलर डॉ. परविंदर ने कहा कि शिक्षा और अनुसन्धान गतिविधियों को बेहतर बनाने के लिए प्रयास किया जाएगा. नौणी विश्वविद्यालय को सर्वश्रेष्ठ वैश्विक विश्विद्यालयों के साथ प्रतिस्पर्धा में लाने का लक्ष्य का है.

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डॉ. परविंदर ने कहा कि किसानों के लिए कृषि सम्बंधी तकनीकों को बढ़ावा देना और विश्विद्यालय में पढ़ने वाले छात्रों को अच्छी सुविधा देना उनकी प्राथमिकता है. अपना जीवन परिचय देते हुए परविंदर सिंह ने कहा कि उनका जन्म सोलन जिला के ही छोटे से गांव रामशहर में हुआ था. डॉ. यशवंत सिंह परमार विश्वविद्यालय से वर्ष 1978 में एमएससी करने के बाद फॉरेस्ट्री में वर्ष 1987 में यूनिवर्सिटी ऑफ नैंसी फ्रांस से पीएचडी की डिग्री हासिल की थी. वर्ष 1989 में युवा साइंटिस्ट का राष्ट्रीय स्तर का पुरस्कार मिला. इससे पहले झारखंड के रांची स्थित बिरसा कृषि विश्वविद्यालय में कुलपति भी रहे हैं. उन्होनें कहा कि उनका पूरा प्रयास रहेगा कि नौणी विश्वविद्यालय को नई ऊंचाईयों पर ले जाया जा सके.

सोलन: डॉ. वाइएस परमार नौणी विश्विद्यालय के नवनियुक्त वाइस चांसलर डॉ. परविंदर ने कहा कि शिक्षा और अनुसन्धान गतिविधियों को बेहतर बनाने के लिए प्रयास किया जाएगा. नौणी विश्वविद्यालय को सर्वश्रेष्ठ वैश्विक विश्विद्यालयों के साथ प्रतिस्पर्धा में लाने का लक्ष्य का है.

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डॉ. परविंदर ने कहा कि किसानों के लिए कृषि सम्बंधी तकनीकों को बढ़ावा देना और विश्विद्यालय में पढ़ने वाले छात्रों को अच्छी सुविधा देना उनकी प्राथमिकता है. अपना जीवन परिचय देते हुए परविंदर सिंह ने कहा कि उनका जन्म सोलन जिला के ही छोटे से गांव रामशहर में हुआ था. डॉ. यशवंत सिंह परमार विश्वविद्यालय से वर्ष 1978 में एमएससी करने के बाद फॉरेस्ट्री में वर्ष 1987 में यूनिवर्सिटी ऑफ नैंसी फ्रांस से पीएचडी की डिग्री हासिल की थी. वर्ष 1989 में युवा साइंटिस्ट का राष्ट्रीय स्तर का पुरस्कार मिला. इससे पहले झारखंड के रांची स्थित बिरसा कृषि विश्वविद्यालय में कुलपति भी रहे हैं. उन्होनें कहा कि उनका पूरा प्रयास रहेगा कि नौणी विश्वविद्यालय को नई ऊंचाईयों पर ले जाया जा सके.

Intro:नेशनल ग्लोबल रैंकिंग में नौणी विश्विद्यालय को आगे लाना रहेगा उद्देश्य:-कौशल


डॉ वाइएस परमार नौणी विश्विद्यालय में शिक्षा और अनुसन्धान गतिविधियों को बेहतर बनाने के लिए ईमानदारी से प्रयास करेंगे, वहीं नौणी विश्वविद्यालय को इतना बेहतर बनाना है ताकि सर्वश्रेष्ठ वैश्विक विश्विद्यालय के साथ प्रतिस्पर्धा में भाग ले सके,और किसानों के लिए कृषि से सम्बंधित तकनीकों को बड़ा सके जिससे उन्हें भी फायदा मिले, यह बात डॉ वाइएस परमार नौणी विश्वविद्यालय में आयोजित एक पत्रकारवार्ता में नवनियुक्त कुलपति डॉ परविंदर कौशल ने की।

Body:उन्होंने कहा कि नौणी विश्विद्यालय की रैंकिंग को वैश्विक स्तर पर लाने के लिए शिक्षा के स्तर को बढ़ाना बहुत जरूरी है ताकि यहां पढ़ने वाले हर बच्चे को आगे अछि सुवीधा मिल सके।
वहीं उन्होंने अपने बचपन की बात करते हुए कहा कि वो सोलन जिला के ही छोटे से गांव रामशहर के रहने वाले है और प्राथमिक शिक्षा उन्होंने वहीं से प्राप्त की है,उन्होंने कहा कि आगे बढ़ने और कुछ बड़ा करने की चाह बचपन से ही उनके दिल मे थी।

Conclusion:उन्होंने कहा कि वह झारखंड के रांची स्थित बिरसा कृषि विश्वविद्यालय में कुलपति भी रहे। डॉ. कौशल ने डॉ. यशवंत सिंह परमार विश्वविद्यालय से वर्ष 1978 में एमएससी की है। फॉरेस्ट्री में वर्ष 1987 में यूनिवर्सिटी ऑफ नैंसी फ्रांस से पीएचडी की है। वर्ष 1989 में डॉ. कौशल को युवा साइंटिस्ट का राष्ट्रीय स्तर का पुरस्कार मिल चुका है। वह करीब 18 देशों का दौरा कर चुके हैं।
उन्होनें कहा कि उनका पूरा प्रयास रहेगा कि नौणी विश्वविद्यालय को नई ऊंचाईयों पर ले जाया जा सके।

byte:-VC नौणी यूनिवर्सिटी सोलन ड़ॉ परविंदर कौशल
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