बद्दी: औद्योगिक क्षेत्र बद्दी के वर्धमान स्थित बिजली की केबल बनाने वाली कंपनी सीएमआई ने अपने सभी कामगारों को बिना किसी नोटिस के निकाले जाने का मामला सामने आया है.
ये है पूरा मामला
कंपनी संचालकों का कहना है कि कोरोना के चलते गवर्नमेंट ने सभी ऑर्डर बंद कर दिए हैं. उनके पास न तो काम है और नहीं मजदूरों को देने के लिए पैसा है. इसलिए वह अपनी कंपनी को जारी नहीं रख सकते है. बिना नोटिस के चार दर्जन कामगारों को हटाने पर कामगारों ने श्रम कार्यालय परिसर में श्रम अधिकारी और कंपनी संचालकों के खिलाफ जम कर नारेबाजी की. कामगारों का कहना है कि उन्हें बिना नोटिस के निकालना ही है तो उन्हें तीन तीन माह का वेतन दें.
श्रम कार्यालय में कामगारों ने की नारेबाजी
कामगार रोहित हसनू, अजय कुमार, दीवान सिंह, सुरेंद्र कुमार, सजंय चौहान, समेत चार दर्जन कामगार श्रम कार्यालय परिसर में एकत्रित हुए और कंपनी संचालकों व श्रम विभाग के खिलाफ जम कर नारेबाजी की. कामगारों ने आरोप लगाया कि श्रम अधिकारी भी कंपनी संचालकों की भाषा बोल रहे है. कोरोना संक्रमण में जहां कोविड कर्फ्यू लगा है कंपनी संचालक कामगारों को हटा रहे हैं. ऐसे में कामगार कहां जाएं. अगर प्रशासन और उद्योग प्रबंधन ने उनकी मांगों को नहीं माना तो मजबूरन सभी कामगार हड़ताल पर बैठेंगे.
क्या कहना है श्रम अधिकारी मनीष करोल
श्रम अधिकारी मनीष करोल ने बताया कि कंपनी के प्रंबधक और कामगारों के बीच समझौता बैठक बुलाई थी. जिसमें कामगारों के अप्रैल और मई का वेतन 31 मई से पहले कामगारों के खाते में डालने की बात कही है. इसके अलावा 31 को दोबोरा बैठक बुलाई है, जिसमें कामगारों के अन्य बकाया राशि को लेकर चर्चा की जाएगी.
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