कसौली/सोलन: हिमाचल प्रदेश के प्रवेश द्वार परवाणू(Parwanoo building incident) में हुए हादसे में कामगार नरेश की मौत हो गई है. 56 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद मलबे में दबे नरेश की लाश को बाहर निकाला गया. तीन दिन से लगातार जारी बचाव अभियान(Rescue operation continuing for three days) में वीरवार दोपहर बाद कुछ सुराग मिला. जिसके बाद अभियान को और गति देकर वीरवार देर रात मलबे से व्यक्ति को निकाला गया है. हालांकि परिजन लगातार नरेश के लिए यही दुआ कर रहे थे कि उनका बेटा मलबे के भीतर से सही सलामत बाहर निकलेगा, लेकिन तीन दिन के इंतजार के बाद परिजनों को नरेश की लाश मिली.
उधर, उपमंडलाधिकारी डॉ. संजीव धीमान(Sub Divisional Officer Dr. Sanjeev Dhiman) ने बताया कि मलबे में दबे व्यक्ति को निकालने के लिए हर संभव प्रयास किए गए. वीरवार को तीन से चार जगहों पर खोदकर कैमरा डालकर चेक किया गया. जिसके बाद व्यक्ति की लोकेशन ट्रेस हो पाई और व्यक्ति को बाहर निकाला गया. थाना प्रभारी परवाणू दया राम ठाकुर ने बताया कि मलबे में दबे व्यक्ति को एनडीआरएफ की टीम(ndrf team) ने बाहर निकाला. बिल्डिंग के गिरने से व्यक्ति की मौत हो गई है.
परवाणू के सेक्टर दो में राहत कार्य उपमंडलाधिकारी कसौली डॉ. संजीव कुमार धीमान की देखरेख में चलाया गया. इस दौरान एनडीआरएफ के 42 जवानों समेत तहसीलदार मनमोहन जिस्टू, डीएसपी योगेश रोल्टा, थाना प्रभारी दया राम ठाकुर समेत दमकल विभाग, नगर परिषद की टीम मौके पर तैनात रही.
बता दें कि मंगलवार करीब डेढ़ बजे परवाणू के सेक्टर दो स्थित पुराने उद्योग का चार मंजिला भवन गिर गया. इस दौरान भवन के भीतर पांच मजदूर कार्य कर रहे थे. इसी दौरान अचानक बिल्डिंग ताश के पत्तों की तरह ढह गई. जिसके बाद जिला प्रशासन, पुलिस व दमकल विभाग की टीम ने राहत बचाव कार्य शुरू किया.
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