सोलन: प्रदेश में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतपाल सत्ती का कार्यकाल पूरा होने को है. नए प्रदेश अध्यक्ष के लिए भाजपा ने कसरत शुरू कर दी है. बता दें कि लोकसभा और विधानसभा चुनाव में सतपाल सत्ती के नेतृत्व में भाजपा ने रिकॉर्ड जीत हासिल की है.
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पद की दौड़ में शिमला के पूर्व सांसद वीरेंद्र कश्यप भी चल रहे हैं. हालांकि अध्यक्ष पद के लिए शिमला और कांगड़ा संसदीय क्षेत्रों की दावेदारी अधिक मजबूत मानी जा रही है, लेकिन शिमला से वीरेंद्र कश्यप के नाम की खूब चर्चा हो रही है. इसी विषय पर ईटीवी भारत ने वीरेंद्र कश्यप से खास बातचीत की.
इसलिए अहम माना जा रहा है वीरेंद्र कश्यप का नाम
वीरेंद्र कश्यप शिमला संसदीय क्षेत्र से लगातार दो बार सांसद रह चुके हैं और 6 बार लोकसभा का चुनाव लड़ चुके हैं. 2019 के लोकसभा चुनाव में अपना टिकट कटने के बाद वीरेंद्र कश्यप ने शिमला सीट से भाजपा प्रत्याशी सुरेश कश्यप के पक्ष में जमकर प्रचार किया और रिकॉर्ड तोड़ जीत हासिल की. इसलिए अब भाजपा उन्हें इसका पुरस्कार दे सकती है.
शिमला संसदीय क्षेत्र से हो सकता है भाजपा प्रदेशाध्यक्ष
प्रदेश में अगर भाजपा में संगठन की मजबूती की बात की जाए तो शिमला संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस के सामने ऐसा कोई भी भाजपा का कद्दावर नेता नहीं है, जो संगठन को मजबूती दिला सके. मंडी से जयराम ठाकुर, बिलासपुर से जेपी नड्डा और हमीरपुर से अनुराग ठाकुर अपने अपने संसदीय क्षेत्र को मजबूती दिला रहे हैं. वहीं भाजपा खेमे में संगठन को मजबूत करने के लिए वीरेंद्र कश्यप को एक अहम दावेदार माना जा रहा है.
40 साल की राजनीति का अनुभव दिला सकता है अध्यक्ष पद
वीरेंद्र कश्यप ने कहा कि शिमला क्षेत्र कांग्रेस का गढ़ रहा है. कांग्रेस के बड़े नेता यहीं से हैं. वहीं, अगर संगठन में भाजपा को मजबूत करने के लिए शिमला संसदीय क्षेत्र पर अधिक काम करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि उन्हें 40 साल का राजनीति का अनुभव है. अगर पार्टी हाईकमान अध्यक्ष पद के लिये उनपर विश्वास जताती है ,तो वे उससे पीछे नहीं हटेंगे और पार्टी हितों के लिए संगठन की मजबूती के लिए कार्य करेंगे.
मोदी नाम मंत्र भाजपा के लिए संजीवनी
लोकसभा और विधानसभा दोनों ही चुनाव में रिकॉर्ड जीत हासिल करने के लिए वीरेंद्र कश्यप ने मोदी नाम मंत्र को सराहा है. उन्होंने कहा कि जिस तरह से पार्टी का शीर्ष नेतृत्व उन्हें मिला है उस कारण से ही पार्टी के हर एक कार्यकर्ता में जोश भरा है.
सतपाल सत्ती का कार्यकाल रहा है बेहतर
वहीं अगर अध्यक्ष पद की बात की जाए तो संगठन में मजबूती लाने का काम सतपाल सत्ती लगातार तीन बार करते आए हैं. उनके नेतृत्व में उन्होंने कई चुनाव जीते हैं. उन्होंने कहा कि अगर पार्टी उन्हें मौका देती है तो वह उनकी उम्मीदों पर खरा उतरेंगे.