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कभी राजाओं की शान था ये किला, अब टूरिस्ट ले रहे यहां राजपूताना लाइफस्टाइल का मजा

नालागढ़ किला सुरक्षा की दृष्टि से कम बल्कि शान-ओ-शौकत की दृष्टि से बसाया गया था. सन 1421 में राजा विक्रम चंद के शासन के दौरान इस किले बनवाया गया.

nalagarh fort, नालागढ़ किला
nalagarh fort
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Published : Dec 16, 2019, 10:27 AM IST

Updated : Dec 16, 2019, 10:47 AM IST

सोलन: हिमाचल के किले सीरीज में अब तक हम आपको कई ऐतिहासिक धरोहरों से रूबरू करवा चुके हैं. आज जिस किले की हम आपको सैर करवाने जा रहे हैं ये किला कभी राजपूताना शान-ओ-शौकत के लिए जाना जाता था. जिला सोलन में बसा ये किला नालागढ़ किले के नाम से मशहूर है.

nalagarh fort, नालागढ़ किला
नालागढ़ किला

सन 1421 में राजा विक्रम चंद के शासन के दौरान नालागढ़ किला बनाया गया था, लेकिन अब हिमाचल आने वाले टूरिस्ट के लिए इस किले को खूबसूरत होटल का लुक दिया गया है. यहां अब लोग राजपूताना लाइफस्टाइल का लुत्फ उठाने के लिए यहां आते हैं.

nalagarh fort, नालागढ़ किला
नालागढ़ किला
नालागढ़ हंडूर किंगडम के अंदर आता था. कहा जाता है कि हंडूर रियासत को स्थापना कहलूर के राजा अजय चंद ने 1100 ई. में इसे बसाया था. फिर, 1421 में राजा बिक्रम चंद ने नालागढ़ किले को बनवाया था. चंदेल राजपूत यहां बुंदेलखंड से आए थे. चंदेल राजाओं ने ही खजुराहो मंदिर का निर्माण करवाया था. बाद में इस किले पर तोमर, परमार, पवार और पनवार राजवंशों ने शासन किया.
वीडियो रिपोर्ट

नालागढ़ किला सुरक्षा की दृष्टि से कम बल्कि शान-ओ-शौकत की दृष्टि से बसाया गया था. किले के निर्माण में चूना पत्थर इस्तेमाल किया गया है और किले में एक गुप्त सुरंग भी है जिसे राजा युद्ध के समय भागने या छिपने में इस्तेमाल करते थे जिसे अब बंद कर दिया गया है. इस प्राचीन किले अब एक हैरिटेज होटल में बदल दिया गया है जिसकी वजह से पर्यटकों के लिए एक टूरिस्ट डेस्टिनेशन भी बन गया है.

nalagarh fort, नालागढ़ किला
नालागढ़ किले में बना मंदिर

ये भी पढ़ें - रहस्य: पूर्णाहुति डालने के बाद ही यहां होने लगती है बारिश, सूखा पड़ने पर महादेव ऐसे करते हैं सहायता

सोलन: हिमाचल के किले सीरीज में अब तक हम आपको कई ऐतिहासिक धरोहरों से रूबरू करवा चुके हैं. आज जिस किले की हम आपको सैर करवाने जा रहे हैं ये किला कभी राजपूताना शान-ओ-शौकत के लिए जाना जाता था. जिला सोलन में बसा ये किला नालागढ़ किले के नाम से मशहूर है.

nalagarh fort, नालागढ़ किला
नालागढ़ किला

सन 1421 में राजा विक्रम चंद के शासन के दौरान नालागढ़ किला बनाया गया था, लेकिन अब हिमाचल आने वाले टूरिस्ट के लिए इस किले को खूबसूरत होटल का लुक दिया गया है. यहां अब लोग राजपूताना लाइफस्टाइल का लुत्फ उठाने के लिए यहां आते हैं.

nalagarh fort, नालागढ़ किला
नालागढ़ किला
नालागढ़ हंडूर किंगडम के अंदर आता था. कहा जाता है कि हंडूर रियासत को स्थापना कहलूर के राजा अजय चंद ने 1100 ई. में इसे बसाया था. फिर, 1421 में राजा बिक्रम चंद ने नालागढ़ किले को बनवाया था. चंदेल राजपूत यहां बुंदेलखंड से आए थे. चंदेल राजाओं ने ही खजुराहो मंदिर का निर्माण करवाया था. बाद में इस किले पर तोमर, परमार, पवार और पनवार राजवंशों ने शासन किया.
वीडियो रिपोर्ट

नालागढ़ किला सुरक्षा की दृष्टि से कम बल्कि शान-ओ-शौकत की दृष्टि से बसाया गया था. किले के निर्माण में चूना पत्थर इस्तेमाल किया गया है और किले में एक गुप्त सुरंग भी है जिसे राजा युद्ध के समय भागने या छिपने में इस्तेमाल करते थे जिसे अब बंद कर दिया गया है. इस प्राचीन किले अब एक हैरिटेज होटल में बदल दिया गया है जिसकी वजह से पर्यटकों के लिए एक टूरिस्ट डेस्टिनेशन भी बन गया है.

nalagarh fort, नालागढ़ किला
नालागढ़ किले में बना मंदिर

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Intro:नालागढ़ जिला सोलन हिमाचल प्रदेश का एक कस्बा है नालागढ़ तहसील का मुख्यालय है कस्बे के उत्तर में 4 रिसोर्ट के नाम से एक होटल बना है इसके दक्षिण में स्वतंत्रता से पूर्व के राजा परिवार के लोगों का निवास स्थान है बीच में सुंदर लोन तथा सजावटी पौधे उगे हैं कुछ पुराने पेड़ भी हैं किले के ऊपरी भाग में पत्थर की मोटी दीवारें हैं जिसमें आधुनिकीकरण कर दिया गया है मुख्यालय में रेस्टोरेंट बना दिया गया है रात को निवास के लिए कमरे भी उपलब्ध हैं तथा कॉन्फ्रेंस हॉल हैं मुख्य हॉल में राजाओं के चित्र हैं स्विमिंग पूल भी बने हैं


Body:कहा जाता है कि हंडूर रियासत की स्थापना सन 1100 ई0 में कहलूर के राजा अजय चंद ने हंडूर नाम के ब्राह्मण ठाकुर (राणा) को हराकर की थीl उस समय इसका मुख्यालय गुल्लरवाला था अजय चंद के वंशज विजय चंद, धाम चंद ,बेरंग चंद, लक्ष्मण चंद, उत्तल चंद ,जयमल चंद, अमर चंद ,आलम चंद ,उधम चंद ,विक्रम चंद ,केदार चंद और जयचंद राजा रहे lयह शासक ठाकुर आई के रूप में जाने जाते हैंl इन्होंने रियासत में कोई विशेष निर्माण ना कियाl 15 वी शताब्दी में इस क्षेत्र के नालागढ़ जहां जमीन समथल थी तथा फसलें खूब होती थी तथा सिरसा नदी समीप से बहती थी को राजधानी बनाया गया सुरक्षा की दृष्टि कम तथा शान शौकत की दृष्टि से बस्ती के समीप ही किला बनाया राजा संसार चंद ने सुंदर महल बनाया प्राचीन सरोवर कला कुंड की मरम्मत करवाई संसार चंद ने अपने पिता की भवन निर्माण रुचि से सबक लेकर यह काम किया उनके पिता रामचंद ने नालागढ़ की अपेक्षा पहाड़ क्षेत्र में रामगढ़ किले का तथा राम शहर कस्बे की स्थापना की थी तथा इसे ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाया था बेगार प्रथा के माध्यम से इस किले का निर्माण करवाया गया जिसमें पश्चिमी वस्तु कला को भी सम्मिलित किया गया है आज देखने में यही लगता है कि यह भव्य इमारत एक निवास अधिक है और सुरक्षा की दृष्टि से कमतर रहा होगा इसकी भारी दीवारें कुछ टूट चुकी हैं किले के निर्माण में चूना पत्थर इस्तेमाल किया गया है किले से एक गुप्त सुरंग भी है जिसे राजा युद्ध के समय भागने या छुपने में इस्तेमाल करते थे जिसे अब बंद कर दिया गया है रियासत हंडूर नालागढ़ के राजा राम सरण सिंह ने राज्य का विस्तार किया किंतु ऐसा कोई प्रमाण नहीं है कि नालागढ़ के किले का समुचित प्रयोग किया गया हो अजय सिंह के पश्चात जो स्वयं कहलूर से आया था राजाओं का नाम चंद से सिंह हो गया राम सरण सिंह ने 60 वर्ष राज किया नालागढ़ का किला मैदानी भाग में होने के कारण सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण ना रहा किंतु पेप्सू स्टेट बनने पर पटियाला स्टेट का मुख्यालय रहा इसका प्रयोग राजनीतिक गतिविधियों तथा कूटनीति कॉन्फ्रेंस ओं के लिए किया गया नालागढ़ के अंतिम शासक विजेंद्र सिंह का निवास भी इस फोर्ट रिजॉर्ट में ही स्थित है


Conclusion:
Last Updated : Dec 16, 2019, 10:47 AM IST
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