सोलन: जिला पुलिस की नजर इन दिनों सड़क के किनारे तंबू व गाड़ियां खड़ी कर लाइलाज बीमारियों को ठीक करने का दावा करने वाले नीम-हकीमों पर है. इसी कड़ी में एसएसपी मधुसूदन के निर्देशानुसार एक विशेष अभियान चलाया जा रहा है.
पुलिस की टीम ने सोलन के सभी क्षेत्रों में जाकर नीम-हकीमों व वैद्यों पर कार्रवाई की. इस दौरान मिनी सेक्ट्रेट रोड़ पर खड़े एक वाहन में चल रहे जड़ी-बूटी व आयुर्वेदिक दवाई बेचने वालों पर शिकंजा कसा गया. पुलिस ने सोनू निवासी नालागढ़ की गाड़ी में रखी जड़ी-बूटियों व दवाओं को चैक किया. चैकिंग के दौरान विक्रेता पुलिस को दवाइयों की पूरी जानकारी नहीं दे पाया. विक्रेता के पास गाड़ी के कागजात भी नहीं थे.
मौके पर मौजूद एएसआई भूम प्रकाश ने बताया कि गाड़ी में रखी जड़ी-बूटियां असली है या नकली इसकी तफ्तीश की जाएगी. साथ ही अगर यह लोग गाड़ी के कागजात नहीं दिखा पाए तो इनकी गाड़ी को भी जब्त किया जाएगा.
सबसे बड़ी बात ये है कि ये खुद को डॉक्टर भी बताते हैं, इसके अलावा इनकी जड़ी-बूटियों से निर्मित दवाइयों की कीमत किसी भी बड़ी कंपनी की दवाओं से कई गुना अधिक है. सोलन में कई स्थानों पर यह लोग पूरे परिवार सहित बाहर से आकर बसे हुए हैं और इन लोगों ने कहीं पर भी अपना व अपने परिवार का पंजीकरण नहीं करवा रखा है. जिसपर फिलहाल प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई है.
गौर रहे कि इस तरह के सड़क छाप नीम-हकीम जोड़ों का दर्द, बवासीर, पेट की बीमारियों, शारीरिक कमजोरी जैसी लाइलाज बीमारियों को ठीक करने के दावे करते हैं. इन कथित डॉक्टरों के पास न कोई रजिस्ट्रेशन नंबर है और न ही कोई ऐसा प्रमाण पत्र और न ही प्रदेश में इन दवाईयों को बेचने की कोई अनुमति है. चंबाघाट मार्ग व आसपास के क्षेत्रों में ऐसे नीम-हकीम बैठे हैं, जो लाइलाज बीमारियों के इलाज के नाम पर लोगों को चूना लगा रहे हैं और जड़ी-बूटियों के नाम पर बेवकूफ बनाकर लोगों की सेहत से खिलवाड़ कर रहे हैं.