सोलन: पहाड़ों पर गर्मियों ने दस्तक दे दी है. ऐसे में जंगलों में आग लगने का सीजन भी शुरू होने वाला है. इस बार कम बारिश के चलते सूखे की मार जंगलों तक भी पहुंची है. कम बारिश के चलते इस बार जंगलों में आग लगने की आशंका अधिक जताई जा रही है. इसको देखते हुए वन विभाग सोलन ने भी पूरी तैयारियां कर ली हैं. आगजनी की घटनाओं से निपटने के लिए वन विभाग सोलन द्वारा चीड़ पत्तियों को सड़क किनारे से हटाया जा रहा है, ताकि आज जंगलों तक न पहुंचे. क्योंकि सोलन का अधिकार जंगल चीड़ के पेड़ों से घिरा हुए हैं. ऐसे में आग लगने का ज्यादा खतरा इन पेड़ों से ही होता है.
सैटेलाइट अलर्ट सिस्टम से रखी जाएगी नजर: डीएफओ सोलन कुणाल अंगरिश ने बताया की एक अप्रैल से जंगलों में फायर का सीजन शुरू हो गया है. ऐसे में इसको लेकर जंगलों में फायर लाइन को व्यवस्थित किया जा रहा है. वहीं, सड़क के किनारों पर चीड़ के पत्तों को हटाया जा रहा है. वहीं, दूसरी तरफ यदि आगजनी की घटनाएं सामने आती हैं तो सैटेलाइट के माध्यम से भी वन विभाग के कर्मचारियों को इसके बारे में पता लग जाता है. उन्होंने बताया कि सैटेलाइट के अलर्ट सिस्टम के माध्यम से वन विभाग के सभी कर्मचारियों को आग लगने की सूचना मिल जाती है. ऐसे में वन विभाग के अधिकारी मौके पर तुरंत पहुंच जाते हैं.
बिना अनुमति घासनियां नहीं जला सकेंगे लोग: उन्होंने कहा कि वन क्षेत्र के नजदीक की घासनियां में आग लगाने के लिए अब लोगों को वन मंडल अधिकारी की अनुमति लेना जरूरी होगा. उन्होंने कहा कि जब वनरक्षक मौके पर मौजूद होगा और वन मंडल अधिकारी की अनुमति होगी तभी वे लोग घासनियों में आग लगा सकेंगे. क्योंकि कई बार लोग बिना अनुमति के आग लगा देते हैं, लेकिन इससे लाखों की वन संपदा नष्ट हो जाती है.
आगजनी की घटनाओं से जंगलों के बचाने में लोगों का सहयोग महत्वपूर्ण: डीएफओ सोलन ने बताया कि फायर विभाग की हर बीट में फायर वाचर भी विभाग द्वारा नियुक्त किए जाते हैं, जो आगजनी की घटनाओं पर नजर बनाए रखते हैं. उन्होंने लोगों से भी अपील की है कि यदि उन्हें आगजनी की घटनाओं के बारे में पता लगता है तो वह विभाग को इस बारे में सूचित करें और वन संपदा को बचाने में विभाग का साथ दें.
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