सोलन: दिल्ली में हुए अग्निकांड को कोई भी भूला नही है. इस अग्निकांड में कई लोगों को अपनी जान गवानी पड़ी, लेकिन देश में इतने बड़े हादसे होने के बाद भी हिमाचल प्रदेश प्रशासन नींद से जगा नहीं है. मामला सोलन जिला का है, जहां प्रशासन इन सबकों चीजों को नजरअंदाज कर रहा है. वहीं लोग भी ढील बरत रहे है.
सोलन में आगजनी की घटना से निपटने की कोशिश में दमकल विभाग की मॉकड्रिल एक बार फिर फेल रही है. विभाग की टीम को ढाई मिनट में बाजार पार करना था, लेकिन गाड़ी को बाजार से गुजरने में छह मिनट का समय लग गया. बाजार में कारोबारियों के अतिक्रमण से कर्मचारियों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ा. वहीं, चौक के पास बिजली के पोल के कारण कर्मचारियों को गाड़ी रोकनी पड़ी.
बाजार में दिन प्रतिदिन बढ़ रहे अतिक्रमण से विभाग की मॉक ड्रिल सिरे नहीं चढ़ पा रही है. बुधवार को उपायुक्त के आदेशों पर मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया. इस दौरान गाड़ी को बाजार से निकलने में ढाई मिनट के बजाय 6 मिनट का समय लगा. वहीं, कर्मचारियों को अतिक्रमण हटवाने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ी और खुद गाड़ी से उतर कर सामान अंदर करने के निर्देश दिए.
बाजार में मॉक ड्रिल को आयोजित करने से पहले गाड़ी को बाजार के शुरुआत में लगाए गए और बेरी गेट़्स न खुलने से 20 मिनट का लंबा इंतजार करना पड़ा. जिस कारण आग लगने की स्थिति में इसे काबू पाना विभाग के लिए भी चुनौती बनता जा रहा है.
बता दें कि इससे पहले भी महीने में दो बार मॉक ड्रिल का आयोजन किया जाता है, लेकिन हर बार विभाग को बाजार से निकलने में अधिक समय लगता रहा है. विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार दो मिनट में भी बाजार को क्रॉस किया जा चुका है, लेकिन बाजार में दुकानों के बाहर लगाए गए सामान से अक्सर मॉकड्रिल फेल हो रही है और लोगों को भी परेशानियां उठानी पड़ रही है.
इससे साफ जाहिर है कि नगर परिषद की अतिक्रमण हटाने की मुहिम दम तोड़ती नजर आ रही है, जिसका कोई भी असर कारोबारियों पर नही पड़ रहा है. मॉक ड्रिल में अधिक समय लगा है. मुख्य बाजार से निकलने के लिए अढ़ाई मिनट का समय निर्धारित है, लेकिन छह मिनट का समय लग गया है, जिसके साथ ही 20 मिनट का अतिरिक्त समय बेरिकेट्स खोलने में लगा है.