सोलन: सुक्खू सरकार का किलो के हिसाब से सेब खरीदने के फैसले से बागवानों को काफी फायदा हुआ है. बात अगर सोलन जिले की करें तो इस बार परवाणु और सोलन सेब मंडी में 22 लाख 66 हजार 333 पेटियां पहुंची, जिससे करीब 2 अरब 95 करोड़ रुपये का व्यापार हुआ. हालांकि, इस साल हिमाचल में सेब की पैदावार कम रही, पिछले साल के मुकाबले इस बार सोलन की सेब मंडियों में 18 लाख पेटियां कम पहुंची.
हिमाचल प्रदेश में सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने इस बार सेब सीजन को लेकर पुख्ता इतंजाम किए ताकि प्रदेश के बागवानों को बेहतर दाम मिल सके. सरकार ने इस बार प्रदेश में किलो के हिसाब से सेब खरीदने को लेकर व्यवस्था की, लेकिन प्रदेश में आई आपदा के दौर ने सब कुछ झकझोर कर रख दिया. प्रदेश में सेब की पैदावार कम हुई, इसके बावजूद बागवानों को सेब के अच्छे दाम मिले हैं. सोलन और परवाणु सेब मंडी में इस बार सेब सीजन में बागवानों को बेहतर दाम मिले हैं.
सब्जी मंडी सोलन के सचिव रविंद्र शर्मा ने बताया कि पिछले सालों के मुकाबले इस बार सेब की पैदावार कम हुई थी, लेकिन सरकार के किलो के हिसाब से सेब लेने के फैसले से इस बार किसानों और बागवानों को बढ़िया दाम मिले हैं. आपदा के दौर में सड़कें भी बंद रही, लेकिन सरकार और प्रशासन ने इसको लेकर बेहतर कार्य किया और समय पर सेब की फसल मंडियों तक पहुंच सकी.
उन्होंने बताया इस बार सोलन और परवाणु सेब मंडी में 22 लाख 66 हजार 333 पेटियां ही पहुंची, जिससे सोलन जिले में करीब 2 अरब 95 करोड़ का व्यापार हुआ. जबकि पिछले साल 40 लाख सेब की पेटियां मंडियों में पहुंची थी. जिससे करीब 3 अरब 98 करोड़ का व्यापार हुआ. उन्होंने कहा भले ही इस बार कम सेब की पेटियां मंडी में आई, लेकिन किसान बागवानों के सेब के बढ़िया दाम मिले हैं.