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छावनी क्षेत्र के सिविल एरिया को पंचायतों में मर्ज करने की मांग तेज, संघर्ष समिति का किया गठन

जिला सोलन के छावनी क्षेत्रों में आ रही समस्याओं को लेकर छावनी के लोगों द्वारा संघर्ष समिति का गठन किया है. इस संघर्ष समिति में कसौली, डगशाई और सुबाथू से पदाधिकारियों का सर्वसम्मति से चयन किया गया. इस समिति में डगशाई कैंट के उपाध्यक्ष चितरंजन स्याल को अध्यक्ष, उपाध्यक्ष के पद पर कसौली की वंदना आनंद, डगशाई से तृप्ता डोगरा, सुबाथू से सुशील बंसल को चुना गया है.

sangharsh smitit constituted by the people of the solan regarding the problems being faced in the cantonment areas
फोटो.
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Published : Sep 22, 2020, 6:30 PM IST

Updated : Oct 1, 2020, 10:33 PM IST

कसौली: जिला सोलन के छावनी क्षेत्रों में आ रही समस्याओं को लेकर छावनी के लोगों द्वारा संघर्ष समिति का गठन किया है. यह समिति छावनी क्षेत्र में कार्य करवाने के लिए संघर्ष करेगी, ताकि छावनी क्षेत्र के तहत आने वाले लोगों को परेशानी न आ सके.

छावनी के लोगों की हुई एक बैठक में संघर्ष समिति का गठन किया गया है. छावनी में लोगों की समस्याओं पर प्रदेश छावनी वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष राजकुमार सिंगला की अध्यक्षता में बैठक का आयोजन किया. सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर लोगों को दिक्कतों से निजात दिलवाने के लिए प्रदेश कैंट संघर्ष समिति का गठन किया.

sangharsh smitit constituted by the people of the solan regarding the problems being faced in the cantonment areas
फोटो.

इस संघर्ष समिति में कसौली, डगशाई और सुबाथू से पदाधिकारियों का सर्वसम्मति से चयन किया गया. इस समिति में डगशाई कैंट के उपाध्यक्ष चितरंजन स्याल को अध्यक्ष, उपाध्यक्ष के पद पर कसौली की वंदना आनंद, डगशाई से तृप्ता डोगरा, सुबाथू से सुशील बंसल को चुना गया है.

सचिव पद पर कसौली से भूपेंद्र सिंह लक्की, सुबाथू से भूमेश सिंगला, संयुक्त सचिव के लिए कसौली के पीयूष सिंगला को चुना गया. कसौली के रमाकांत को कोषाध्यक्ष चुना गया. करण सिंगला, यादवेंद्र यादव, हरिकृष्ण, विनोद अग्रवाल, राजेश सूद, विकास अग्रवाल, सुशील बंसल, अंकित सूद, अनिल कनोजिया, राजन सूद, विक्रम सिंह, पुष्प अग्रवाल, प्रकाश शर्मा, पंकज गुप्ता को कार्यकारिणी सदस्यों के रूप में शामिल किया.

बता दें के सोलन जिला में तीन छावनी क्षेत्र डगशाई, कसौली व सुबाथू है. इन छावनी क्षेत्रों में लोगों को काफी समस्याए झेलनी पड़ रही है. छावनी क्षेत्रों में काफी समय से विकास कार्य नहीं हो पा रहे है. संघर्ष समिति का गठन करने के बाद पदाधिकारियों ने बैठक का आयोजन भी किया.

इस बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा की गई. इसमें शुल्क बढ़ोतरी का विरोध किया गया. स्थानीय लोगों से शुल्क नहीं वसूलने की मांग की. उन्होंने कहा कि शुल्क के संबंध में केंद्रीय रक्षा मंत्री से मिलकर छावनी के सिविल एरिया को स्थानीय पंचायतों में विलय करने की मांग की जाएगी. साथ ही संघर्ष समिति ने केंद्र सरकार द्वारा केंट के लिए बनाए गए एक्ट 2020 का भी विरोध किया है.

कसौली: जिला सोलन के छावनी क्षेत्रों में आ रही समस्याओं को लेकर छावनी के लोगों द्वारा संघर्ष समिति का गठन किया है. यह समिति छावनी क्षेत्र में कार्य करवाने के लिए संघर्ष करेगी, ताकि छावनी क्षेत्र के तहत आने वाले लोगों को परेशानी न आ सके.

छावनी के लोगों की हुई एक बैठक में संघर्ष समिति का गठन किया गया है. छावनी में लोगों की समस्याओं पर प्रदेश छावनी वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष राजकुमार सिंगला की अध्यक्षता में बैठक का आयोजन किया. सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर लोगों को दिक्कतों से निजात दिलवाने के लिए प्रदेश कैंट संघर्ष समिति का गठन किया.

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इस संघर्ष समिति में कसौली, डगशाई और सुबाथू से पदाधिकारियों का सर्वसम्मति से चयन किया गया. इस समिति में डगशाई कैंट के उपाध्यक्ष चितरंजन स्याल को अध्यक्ष, उपाध्यक्ष के पद पर कसौली की वंदना आनंद, डगशाई से तृप्ता डोगरा, सुबाथू से सुशील बंसल को चुना गया है.

सचिव पद पर कसौली से भूपेंद्र सिंह लक्की, सुबाथू से भूमेश सिंगला, संयुक्त सचिव के लिए कसौली के पीयूष सिंगला को चुना गया. कसौली के रमाकांत को कोषाध्यक्ष चुना गया. करण सिंगला, यादवेंद्र यादव, हरिकृष्ण, विनोद अग्रवाल, राजेश सूद, विकास अग्रवाल, सुशील बंसल, अंकित सूद, अनिल कनोजिया, राजन सूद, विक्रम सिंह, पुष्प अग्रवाल, प्रकाश शर्मा, पंकज गुप्ता को कार्यकारिणी सदस्यों के रूप में शामिल किया.

बता दें के सोलन जिला में तीन छावनी क्षेत्र डगशाई, कसौली व सुबाथू है. इन छावनी क्षेत्रों में लोगों को काफी समस्याए झेलनी पड़ रही है. छावनी क्षेत्रों में काफी समय से विकास कार्य नहीं हो पा रहे है. संघर्ष समिति का गठन करने के बाद पदाधिकारियों ने बैठक का आयोजन भी किया.

इस बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा की गई. इसमें शुल्क बढ़ोतरी का विरोध किया गया. स्थानीय लोगों से शुल्क नहीं वसूलने की मांग की. उन्होंने कहा कि शुल्क के संबंध में केंद्रीय रक्षा मंत्री से मिलकर छावनी के सिविल एरिया को स्थानीय पंचायतों में विलय करने की मांग की जाएगी. साथ ही संघर्ष समिति ने केंद्र सरकार द्वारा केंट के लिए बनाए गए एक्ट 2020 का भी विरोध किया है.

Last Updated : Oct 1, 2020, 10:33 PM IST
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