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फोरलेन निर्माता कंपनी की खुली पोल, कालका-शिमला नेशनल हाईवे पर इकट्ठा हुआ बारिश का पानी

कालका-शिमला नेशनल हाईवे पांच की फोरलेन निर्माता कंपनी की पोल खोल दी है. सड़क पर सही तरह से पानी की निकासी न होने के कारण बारिश का पानी या तो सड़क किनारे एकत्र हो रहा है या डंगों से गिर रहा है. इसके चलते सड़क किनारे बने घरों में पानी घुसने का खतरा भी पैदा हो गया है.

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Published : May 13, 2021, 10:08 PM IST

कसौली/सोलन: जिलेभर में हुई बारिश ने कालका-शिमला नेशनल हाईवे पांच की फोरलेन निर्माता कंपनी की पोल खोल दी है. सड़क पर सही तरह से पानी की निकासी न होने के कारण बारिश का पानी या तो सड़क किनारे एकत्र हो रहा है या डंगों से गिर रहा है. इसके चलते सड़क किनारे बने घरों में पानी घुसने का खतरा भी पैदा हो गया है.

नेशनल हाईवे पांच पर इकट्ठा हुआ बारिश का पानी

गुरुवार को हुई बारिश के बाद सोलन से धर्मपुर के बीच कई जगहों पर सड़क पर तालाब बने रहे. यही नहीं धर्मपुर मुख्य बाजार में पानी की सही निकासी न होने के कारण सड़क पर एकत्र हुआ पानी डंगों से बहता रहा. बता दें कि गुरुवार को जिलेभर में सुबह करीब 11 बजे से मूसलाधार बारिश का सिलसिला शुरू हुआ. मूसलाधार बारिश होने के कारण परवाणू से सोलन तक प्रथम चरण में कई जगह बारिश का पानी सड़क पर ही इकट्ठा हो गया.

वीडियो.

सड़क पर तालाब बनने के कारण लोगों को परेशानी भी हुई. सड़क पर अधिक समस्या धर्मपुर में देखने को मिली जहां सड़क के बीचों बीच पानी एकत्र हो गया. ऐसे में धर्मपुर चौक पर तैनात पुलिस कर्मियों को भी परेशानी का सामना करना पड़ा. हालात यह थे कि यह एकत्र हुआ पानी डक्ट में जाने की बजाए डंगों से बहता रहा. बताया जा रहा है कि इस समस्या के बारे लोगों ने कई बार फोरलेन निर्माण कर रही कंपनी को अवगत करवाया है लेकिन कंपनी द्वारा अभी तक मौका मुआयना नहीं किया गया है.

मौका मुआयना नहीं कर रही फोरलेन निर्माता कंपनी

कुमारहट्टी-सोलन बाईपास पर भी कई जगह बारिश के बाद तालाब बन जाते हैं और कई-कई दिन यहां पर पानी खड़ा रहता है. गौरतलब है कि कालका-शिमला नेशनल हाई-वे पांच पर परवाणू से सोलन तक फोरलेन का कार्य प्रथम चरण में लगभग 90 फीसदी पूरा हो गया है लेकिन लोगों की परेशानियां कम नहीं हो रही है. कभी पहाड़ों से मलबा गिर रहा है तो कभी पानी की निकासी न होने के कारण पानी सड़क पर ही इकट्ठा हो जाता है.

इससे पहले भी बारिश में फोरलेन कार्य के चलते लोगों के घरों में पानी और मलबा आया है और लोगों को इससे परेशानी का सामना भी करना पड़ा है. फोरलेन निर्माता जीआर इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी के सेफ्टी मैनेजर संदीप तोमर का कहना है कि तेज बारिश के कारण पानी के साथ अधिक मिट्टी आई है और ब्लॉकेज हुई है. मिट्टी को हटाने के लिए कंपनी की टीमें लगी हुई हैं. अगर किसी जगह पानी काफी दिन सड़क पर खड़ा रहता है तो मौके का निरीक्षण किया जाएगा.

ये भी पढ़ें: शिमला सहित कई हिस्सों में हो रही झमाझम बारिश, मौसम विभाग ने जारी किया ऑरेंज अलर्ट

कसौली/सोलन: जिलेभर में हुई बारिश ने कालका-शिमला नेशनल हाईवे पांच की फोरलेन निर्माता कंपनी की पोल खोल दी है. सड़क पर सही तरह से पानी की निकासी न होने के कारण बारिश का पानी या तो सड़क किनारे एकत्र हो रहा है या डंगों से गिर रहा है. इसके चलते सड़क किनारे बने घरों में पानी घुसने का खतरा भी पैदा हो गया है.

नेशनल हाईवे पांच पर इकट्ठा हुआ बारिश का पानी

गुरुवार को हुई बारिश के बाद सोलन से धर्मपुर के बीच कई जगहों पर सड़क पर तालाब बने रहे. यही नहीं धर्मपुर मुख्य बाजार में पानी की सही निकासी न होने के कारण सड़क पर एकत्र हुआ पानी डंगों से बहता रहा. बता दें कि गुरुवार को जिलेभर में सुबह करीब 11 बजे से मूसलाधार बारिश का सिलसिला शुरू हुआ. मूसलाधार बारिश होने के कारण परवाणू से सोलन तक प्रथम चरण में कई जगह बारिश का पानी सड़क पर ही इकट्ठा हो गया.

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सड़क पर तालाब बनने के कारण लोगों को परेशानी भी हुई. सड़क पर अधिक समस्या धर्मपुर में देखने को मिली जहां सड़क के बीचों बीच पानी एकत्र हो गया. ऐसे में धर्मपुर चौक पर तैनात पुलिस कर्मियों को भी परेशानी का सामना करना पड़ा. हालात यह थे कि यह एकत्र हुआ पानी डक्ट में जाने की बजाए डंगों से बहता रहा. बताया जा रहा है कि इस समस्या के बारे लोगों ने कई बार फोरलेन निर्माण कर रही कंपनी को अवगत करवाया है लेकिन कंपनी द्वारा अभी तक मौका मुआयना नहीं किया गया है.

मौका मुआयना नहीं कर रही फोरलेन निर्माता कंपनी

कुमारहट्टी-सोलन बाईपास पर भी कई जगह बारिश के बाद तालाब बन जाते हैं और कई-कई दिन यहां पर पानी खड़ा रहता है. गौरतलब है कि कालका-शिमला नेशनल हाई-वे पांच पर परवाणू से सोलन तक फोरलेन का कार्य प्रथम चरण में लगभग 90 फीसदी पूरा हो गया है लेकिन लोगों की परेशानियां कम नहीं हो रही है. कभी पहाड़ों से मलबा गिर रहा है तो कभी पानी की निकासी न होने के कारण पानी सड़क पर ही इकट्ठा हो जाता है.

इससे पहले भी बारिश में फोरलेन कार्य के चलते लोगों के घरों में पानी और मलबा आया है और लोगों को इससे परेशानी का सामना भी करना पड़ा है. फोरलेन निर्माता जीआर इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी के सेफ्टी मैनेजर संदीप तोमर का कहना है कि तेज बारिश के कारण पानी के साथ अधिक मिट्टी आई है और ब्लॉकेज हुई है. मिट्टी को हटाने के लिए कंपनी की टीमें लगी हुई हैं. अगर किसी जगह पानी काफी दिन सड़क पर खड़ा रहता है तो मौके का निरीक्षण किया जाएगा.

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