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सोलन में कृषि कानूनों के खिलाफ किसान सगंठनों का धरना प्रदर्शन, मोदी सरकार पर लगाए गंभीर आरोप - किसान आंदोलन बदनाम

सोलन में हिमाचल किसान सभा जिला कमेटी सोलन ने अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के आह्वान पर पुराने डीसी ऑफिस के बाहर शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन किया गया. हिमाचल किसान सभा के सदस्य नीतीश ठाकुर का कहना है कि दिल्ली बॉर्डर पर पिछले 73 दिनों से किसान शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन मोदी सरकार किसानों की बात सुनने को तैयार नहीं हो रही है.

Demonstration against agricultural laws in Solan
सोलन में कृषि कानूनों के खिलाफ धरना-प्रदर्शन
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Published : Feb 6, 2021, 5:35 PM IST

सोलनः किसानों के समर्थन में कृषि कानूनों के खिलाफ आज देश भर में किसान संगठनों ने चक्का जाम किया था. सोलन में भी आज हिमाचल किसान सभा जिला कमेटी सोलन ने अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के आह्वान पर पुराने डीसी ऑफिस के बाहर शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन किया. धरना-प्रदर्शन के दौरान चक्का जाम न हो इसके लिए पुलिस बल भी भारी संख्या में तैनात किया गया था.

'कृषि कानूनों से पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाना चाहती है सरकार'

हिमाचल किसान सभा के सदस्य मोहित ठाकुर ने कहा कि केंद्र सरकार ने अलोकतांत्रिक तरीके से कानून लाए हैं. इसका मुख्य उद्देश्य किसानों को नहीं बल्कि पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाना है. इन कानूनों से कृषि का निजीकरण कर सरकार भारत के बड़े पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाना चाहती है. दिल्ली बॉर्डर पर हजारों की संख्या में किसान पिछले 73 दिनों से आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन केंद्र सरकार किसानों का आंदोलन को दबाने का प्रयास कर रही है.

वीडियो.

'किसान आंदोलन को बदनाम कर रही सरकार'

हिमाचल किसान सभा के सदस्य नीतीश ठाकुर का कहना है कि दिल्ली बॉर्डर पर पिछले 73 दिनों से किसान शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. अभी तक करीब 150 से ज्यादा किसान इस आंदोलन में जान गंवा चुके हैं.

उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन को बदनाम करने के लिए 26 जनवरी को कुछ बीजेपी समर्थित लोगों से लाल किले पर हिंसा करवाई गई. नीतीश ठाकुर ने कहा कि सरकार किसानों पर झूठे मुकदमे करवा रही है. सरकार किसान आंदोलन को दबाने की कोशिश कर रही है, लेकिन वो किसी भी हाल सरकार को इसमें कामयाब नहीं होने देंगे.

ये भी पढ़े: बिलासपुर में कांग्रेस ने केंद्र सरकार के खिलाफ बोला हल्ला, कृषि कानून वापस लेने की मांग

सोलनः किसानों के समर्थन में कृषि कानूनों के खिलाफ आज देश भर में किसान संगठनों ने चक्का जाम किया था. सोलन में भी आज हिमाचल किसान सभा जिला कमेटी सोलन ने अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के आह्वान पर पुराने डीसी ऑफिस के बाहर शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन किया. धरना-प्रदर्शन के दौरान चक्का जाम न हो इसके लिए पुलिस बल भी भारी संख्या में तैनात किया गया था.

'कृषि कानूनों से पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाना चाहती है सरकार'

हिमाचल किसान सभा के सदस्य मोहित ठाकुर ने कहा कि केंद्र सरकार ने अलोकतांत्रिक तरीके से कानून लाए हैं. इसका मुख्य उद्देश्य किसानों को नहीं बल्कि पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाना है. इन कानूनों से कृषि का निजीकरण कर सरकार भारत के बड़े पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाना चाहती है. दिल्ली बॉर्डर पर हजारों की संख्या में किसान पिछले 73 दिनों से आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन केंद्र सरकार किसानों का आंदोलन को दबाने का प्रयास कर रही है.

वीडियो.

'किसान आंदोलन को बदनाम कर रही सरकार'

हिमाचल किसान सभा के सदस्य नीतीश ठाकुर का कहना है कि दिल्ली बॉर्डर पर पिछले 73 दिनों से किसान शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. अभी तक करीब 150 से ज्यादा किसान इस आंदोलन में जान गंवा चुके हैं.

उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन को बदनाम करने के लिए 26 जनवरी को कुछ बीजेपी समर्थित लोगों से लाल किले पर हिंसा करवाई गई. नीतीश ठाकुर ने कहा कि सरकार किसानों पर झूठे मुकदमे करवा रही है. सरकार किसान आंदोलन को दबाने की कोशिश कर रही है, लेकिन वो किसी भी हाल सरकार को इसमें कामयाब नहीं होने देंगे.

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