सोलन: सोलन शहर को नगर निगम में शामिल करने को लेकर लगातार राजनीति देखने को मिल रही है. एक और बीजेपी नगर निगम बनाने पर जोर दे रहे हैं. वहीं, दूसरी ओर ग्रामीण गांव को नगर निगम सोलन में शामिल न करने का विरोध कर रहे है. इसके लिए ग्रामीणों ने ग्रामीण संघर्ष समिति का गठन किया है, जिसके माध्यम से ग्रामीण क्षेत्र को नगर निगम में शामिल करने का विरोध किया जा रहा है.
सोमवार को ग्रामीण संघर्ष समिति सोलन की ओर से धरना प्रदर्शन किया गया, जिसमें सरकार मुर्दाबाद के नारे भी लगाए गए. ग्रामीण संघर्ष समिति ने कहा कि वे लोग सरकार के साथ है. सरकार ग्रामीण लोगों के हित में काम करेगी. नगर निगम संघर्ष समिति के अध्यक्ष कांतिस्वरूप का कहना है कि सोमवार को नगर निगम के विरोध में नारेबाजी की गई, लेकिन सरकार के खिलाफ बीजेपी समर्थित लोगों ने नारेबाजी नहीं की. नारेबाजी करने वालों में कांग्रेस और वामपंथी दल के लोग शामिल थे.
ग्रामीण संघर्ष समिति के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष ने कहा कि सोमवार को उन लोगों ने डीसी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ग्रामीण क्षेत्रों को नगर निगम सोलन में शामिल करने के विरोध में ज्ञापन सौंपा, लेकिन उसके बाद बाहर ग्रामीणों को उकसा कर कुछ अन्य दलों के नेता ने नारेबाजी कर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया.
अध्यक्ष ने कहा कि बीजेपी समर्थित किसी भी प्रधान ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी नहीं की. वे लोग सरकार के फैसले का स्वागत करते हैं. उन्होंने कहा कि वे लोग नगर निगम के विरोध में नहीं है, सिर्फ ग्रामीण क्षेत्रों को नगर निगम में शामिल करने के विरोध में है. लोग सरकार से अपील कर रहे हैं और इसके लिए वे सरकार के साथ बातचीत भी कर चुके हैं. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर उन्हें आश्वासन दे चुके हैं कि वे लोग ग्रामीण क्षेत्रों को शहरी करण में शामिल नहीं करेंगे.