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पार्किंग के आभाव में सड़क किनारे गाड़ी खड़ी करने को मजबूर सोलनवासी, 3 महीनों में कटे 7 लाख के चालान

सोलन शहर में पार्किंग की समस्या होने के चलते लोग सड़क किनारे गाड़ियां खड़ी करने को मजबूर हैं.वहीं, पुलिस सड़क किनारे खड़ी गाड़ियों के धड़ा-धड़ चालान काट रही है. बीते तीन महीनों में पुलिस ने कुल सात लाख रुपये के चालान काटे हैं.

सोलन शहर
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Published : Nov 22, 2019, 11:19 AM IST

सोलन: शहर में आम आदमी को अपनी गाड़ी से सफर करना भारी पड़ रहा है. शहर के अधिकतर क्षेत्रों में पार्किंग की सुविधा नहीं है. शहर में पार्किंग के अभाव की वजह से लोगों के पास सड़क के किनारे गाड़ी खड़ी करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है जिसके कारण अब उनके चालान कट रहे हैं.

बता दें कि ट्रैफिक पुलिस सोलन ने पिछले तीन महीने में सोलन शहर में यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों के कुल 17591 चालान काटे हैं. इनमें से 8,340 चालान आइडल पार्किंग के हैं. आइडल पार्किंग के चालान से ही पुलिस प्रशासन को करीब 7 लाख रुपये की आय हुई है, लेकिन एक सवाल यह भी उठता है कि चालान से कट रही आम आदमी के जेब के लिए आखिर किसे जिम्मेदार ठहराना चाहिए.

वीडियो रिपोर्ट

सोलन की जनता का कहना है कि प्रशासन और नगर परिषद ने शहर के लोगों को बेबस बना दिया है. स्थानीय लोगों की माने तो सोलन शहर में दो पहिया व कारों की संख्या करीब 25 हजार के आस पास है, लेकिन पार्किंग केवल 500 वाहनों के लिए ही उपलब्ध है.

लोगों की बेबसी को न तो जिला प्रशासन समझ रहा है और ना ही नगर परिषद सोलन. शहर में दो पहिया व कारों की संख्या करीब 25 हजार के आस पास है लेकिन पार्किंग केवल 500 वाहनों के लिए ही उपलब्ध है. ऐसी स्थिति में लोगों के पास सड़क पर गाड़ी खड़ी करने के अलावा और कोई विकल्प नहीं रहता.

लोगों का कहना है कि शहर में पार्किंग निर्माण की जिम्मेदारी नगर परिषद सोलन की है, लेकिन परिषद इसमें असफल साबित हुआ है. पिछले 8 वर्षों में नगर परिषद शहर में केवल एक या दो पार्किंग का निर्माण करने में ही कामयाब हुआ है. जबकि इस दौरान वाहनों की संख्या में कई अधिक वृद्धि हुई है.

सोलन: शहर में आम आदमी को अपनी गाड़ी से सफर करना भारी पड़ रहा है. शहर के अधिकतर क्षेत्रों में पार्किंग की सुविधा नहीं है. शहर में पार्किंग के अभाव की वजह से लोगों के पास सड़क के किनारे गाड़ी खड़ी करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है जिसके कारण अब उनके चालान कट रहे हैं.

बता दें कि ट्रैफिक पुलिस सोलन ने पिछले तीन महीने में सोलन शहर में यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों के कुल 17591 चालान काटे हैं. इनमें से 8,340 चालान आइडल पार्किंग के हैं. आइडल पार्किंग के चालान से ही पुलिस प्रशासन को करीब 7 लाख रुपये की आय हुई है, लेकिन एक सवाल यह भी उठता है कि चालान से कट रही आम आदमी के जेब के लिए आखिर किसे जिम्मेदार ठहराना चाहिए.

वीडियो रिपोर्ट

सोलन की जनता का कहना है कि प्रशासन और नगर परिषद ने शहर के लोगों को बेबस बना दिया है. स्थानीय लोगों की माने तो सोलन शहर में दो पहिया व कारों की संख्या करीब 25 हजार के आस पास है, लेकिन पार्किंग केवल 500 वाहनों के लिए ही उपलब्ध है.

लोगों की बेबसी को न तो जिला प्रशासन समझ रहा है और ना ही नगर परिषद सोलन. शहर में दो पहिया व कारों की संख्या करीब 25 हजार के आस पास है लेकिन पार्किंग केवल 500 वाहनों के लिए ही उपलब्ध है. ऐसी स्थिति में लोगों के पास सड़क पर गाड़ी खड़ी करने के अलावा और कोई विकल्प नहीं रहता.

लोगों का कहना है कि शहर में पार्किंग निर्माण की जिम्मेदारी नगर परिषद सोलन की है, लेकिन परिषद इसमें असफल साबित हुआ है. पिछले 8 वर्षों में नगर परिषद शहर में केवल एक या दो पार्किंग का निर्माण करने में ही कामयाब हुआ है. जबकि इस दौरान वाहनों की संख्या में कई अधिक वृद्धि हुई है.

Intro:Etv bharat special story...शहर में पार्किंग की समस्या बनी लोगों के लिए सरदर्दी......पार्किंग ना होने से लोगों की जेबें हो रही खाली......


:-सोलन में आम आदमी को तीन माह में लगी 7 लाख रुपए की चपत...तीन महीने में पुलिस ने आइडल पार्किंग के किए 8340 चालान

:-कांग्रेस व भाजपा दोनों सरकारों ने अपने - अपने समय में सोलन में पार्किंग के नाम पर पीटा है खूब ढिंढोरा


तेजी से विकसित हो रहे सोलन शहर में आम आदमी को अपनी गाड़ी करना अब मुश्किल हो गया है। शहर में पार्किंग का अभाव इस कदर हो गया है कि लोगों को सड़क के किनारे गाड़ी खड़ी करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। इसके कारण अब उनके चालान कट रहे है।

आंकड़ों पर नजर दौड़ाई जाए तो चालान से पिछले
तीन महीने में आम आदमी को 7 लाख रुपए की चपत लग चुकी है। ट्रैफिक पुलिस ने पिछले तीन महीने में सोलन शहर में यातायात नियमों के उल्लंघन के कुल 17591 चालान काटे है। इसमें 8,340 चालान आइडल पार्किंग के है। आइडल पार्किंग के चालान से ही पुलिस को करीब 7 लाख रुपए की आय हुई है। चालान से कट रही आम आदमी के जेब के लिए जिमेवार कौन है। ट्रैफिक पुलिस तो अपना काम कर रही है। नो पार्किंग जोन या फिर ऐसी जगह पर सड़क के किनारे खड़ी गाडिय़ों के चालान कर रही है जिसके कारण यातायात अवरुद्ध हो रहा है।Body:वहीं सोलन की जनता का कहना है कि.... लोगों की बेबसी को ना तो प्रशासन समझ रहा है और न ही नगर परिषद । शहर में दो पहिया व कारों की संख्या करीब 25 हजार के आस पास है लेकिन पार्किंग केवल 500 वाहनों के लिए ही उपलब्ध है। ऐसी स्थिति में लोग अपने वाहनों को सड़क के किनारे खड़ा नहीं करेंंगे तो और कहां लेकर जाए। शहर में पार्किंग निर्माण की जिमेवारी नगर परिषद की है लेकिन परिषद इसमें फिसड्डी ही साबित हुई है। पिछले करीब 7 -8 वर्षों में नगर परिषद शहर में केवल एक या दो पार्किंग का निर्माण करने में ही कामयाब हुई जबकि इस दौरान वाहनों की संया कई गुणा बढ़ गई।

कांग्रेस व भाजपा दोनों सरकारों ने अपने - अपने समय में सोलन में विकास का खूब ढिंढोरा पीटा लेकिन इस शहर में विकास का पैमाने बनी पार्किंग के मामले में सभी विफल साबित हुए है। आम आदमी आइडल पार्किंग के चालान से अब दुु:खी हो गया है। अब वह दिन दूर नहीं है जब लोग पार्किंग की सुविधा की मांग को लेकर सड़कों पर उतर कर आंदोलन करेंगे। लगता है कि इसके बाद ही सरकार व प्रशासन हरकत में आएंगे।
वहीं लोगों ने इस का जिम्मेवार नगर परिषद और जिला प्रशासन माना है....

बाइट......सोलन की जनता


Conclusion:सोलन में वर्तमान में कहां है पार्किंग.....
सोलन शहर व इसके आस पास के क्षेत्रों में वर्तमान में कचहरी, नगर परिषद कार्यालय, सर्किट हाउस, सपरूनगुरुद्वारा साहिब, पुराना बस अड्डा, सन्नी साइट व कोटलानाला में पार्किंग है। इनमें करीब 500 गाड़ी खड़ी करने की क्षमता है।



सोलन शहर में पिछले तीन महीनों में आइडल पार्किंग के 8,340 चालान से सरकारी खजाने में करीब 7 लाख रुपए जमा हुए। ट्रैफिक पुलिस केवल नो पार्किंग जोन या फिर उन स्थानों पर यह चालान कर रही है जिसके कारण यातायात अवरुद्ध हो रहा हो ।


राकेश गुलेरिया ट्रैफिक इंचार्ज... सोलन




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