सोलन: शहर में आम आदमी को अपनी गाड़ी से सफर करना भारी पड़ रहा है. शहर के अधिकतर क्षेत्रों में पार्किंग की सुविधा नहीं है. शहर में पार्किंग के अभाव की वजह से लोगों के पास सड़क के किनारे गाड़ी खड़ी करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है जिसके कारण अब उनके चालान कट रहे हैं.
बता दें कि ट्रैफिक पुलिस सोलन ने पिछले तीन महीने में सोलन शहर में यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों के कुल 17591 चालान काटे हैं. इनमें से 8,340 चालान आइडल पार्किंग के हैं. आइडल पार्किंग के चालान से ही पुलिस प्रशासन को करीब 7 लाख रुपये की आय हुई है, लेकिन एक सवाल यह भी उठता है कि चालान से कट रही आम आदमी के जेब के लिए आखिर किसे जिम्मेदार ठहराना चाहिए.
सोलन की जनता का कहना है कि प्रशासन और नगर परिषद ने शहर के लोगों को बेबस बना दिया है. स्थानीय लोगों की माने तो सोलन शहर में दो पहिया व कारों की संख्या करीब 25 हजार के आस पास है, लेकिन पार्किंग केवल 500 वाहनों के लिए ही उपलब्ध है.
लोगों की बेबसी को न तो जिला प्रशासन समझ रहा है और ना ही नगर परिषद सोलन. शहर में दो पहिया व कारों की संख्या करीब 25 हजार के आस पास है लेकिन पार्किंग केवल 500 वाहनों के लिए ही उपलब्ध है. ऐसी स्थिति में लोगों के पास सड़क पर गाड़ी खड़ी करने के अलावा और कोई विकल्प नहीं रहता.
लोगों का कहना है कि शहर में पार्किंग निर्माण की जिम्मेदारी नगर परिषद सोलन की है, लेकिन परिषद इसमें असफल साबित हुआ है. पिछले 8 वर्षों में नगर परिषद शहर में केवल एक या दो पार्किंग का निर्माण करने में ही कामयाब हुआ है. जबकि इस दौरान वाहनों की संख्या में कई अधिक वृद्धि हुई है.