कसौली: हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले के औद्योगिक क्षेत्र परवाणू में नशा मुक्ति केंद्र पर स्टेट मेंटल हेल्थ अथॉरिटी ने बड़ी कार्रवाई की है. दरअसल, नशा मुक्ति केंद्र में नियमों की पालना न होने पर मान्यता रद्द हो गई है. बता दें कि कुछ दिन पहले इस नशा मुक्ति केंद्र से 14 युवतियां शीशा तोड़कर भाग गई थी और युवतियों ने भोजन में नशा मिलाना समेत कई प्रकार के आरोप लगाए थे. जिसके बाद नशा मुक्ति केंद्र की जांच कर कार्रवाई की गई है.
जानकारी के अनुसार, उच्चाधिकारियों ने पुलिस के साथ मिलकर नशा मुक्ति केंद्र की विस्तृत रिपोर्ट तैयार की. वहीं, मौके पर खामियां भी पाई गई. इस रिपोर्ट के आधार पर नशा मुक्ति केंद्र को बंद कर दिया गया है. पुलिस अधीक्षक गौरव सिंह ने बताया कि मामला संज्ञान में आने के बाद जिला जांच कमेटी ने नशा मुक्ति केंद्र की रिपोर्ट स्टेट मेंटल हेल्थ अथॉरिटी को सौंपी. जिसके बाद परवाणू के नारी सेवा फाउंडेशन के नशा मुक्ति केंद्र की मान्यता को रद्द कर दिया है और केंद्र को बंद करने के आदेश दे दिया गया है.
जांच के लिए टीम का किया गया था गठन: बता दें कि मामले में जांच करने के लिए मेंटल हेल्थकेयर Act 2017 के तहत जिला जांच कमेटी का गठन किया गया. इस टीम में मुख्य चिकित्सा अधिकारी सोलन डॉ. राजन उप्पल, उपमंडलाधिकारी कसौली, डीएसपी परवाणू प्रणव चौहान और अन्य मेडिकल आफिसर शामिल थे.
नहीं किया जाता था निर्धारित मापदण्डों का पालन: निरीक्षण के दौरान पाया गया कि इस केंद्र में कानून द्वारा निर्धारित मापदण्डों की पालना नहीं की गई थी. वहीं, नशा पीड़ितों की रेगुलर चिकित्सक जांच भी नहीं होती थी. साथ ही नशा पीड़ितों का रिकॉर्ड, सेंटर में अच्छी सिक्योरिटी व्यवस्था का न होना आदि पाया गया.
क्या है पूरा मामला: जानकारी के अनुसार, परवाणू स्थित नशा मुक्ति केंद्र में पड़ोसी राज्य पंजाब की 17 लड़कियां उपचाराधीन थी. युवतियों ने शनिवार देर रात नशा मुक्ति केंद्र का शीशा तोड़ा. इसके बाद सभी 14 लड़कियां भाग निकली. जैसे ही लोगों ने लड़कियों की आवाज सुनी तो उन्होंने पुलिस को बताया. जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और कारण पूछा. इसके बाद पुलिस को युवतियों ने आपबीती सुनाई और नशा मुक्ति केंद्र से भागने का कारण बताया. पुलिस ने युवतियों को परिजनों के सुपुर्द कर कार्रवाई शुरू की थी.
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