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नौणी विश्वविद्यालय और FRI देहरादून के बीच समझौते पर हस्ताक्षर, अनुसंधान और सहयोग में आएगी तेजी - नौणी विश्वविद्यालय और आईसीएफआरई के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर

डॉ. यशवंत सिंह परमार औदयानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी और वन अनुसंधान संस्थान देहरादून ने एक एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं. नौणी विश्वविद्यालय के क्षेत्रीय अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र धौलाकुआं में कार्यरत प्रधान वैज्ञानिक डॉ. प्रियंका ठाकुर ने इस बैठक के दौरान एफआरआई में विश्वविद्यालय का प्रतिनिधित्व किया.

mou signed between Nauni University and FRI Dehradun
नौणी विश्वविद्यालय और FRI देहरादून के बीच समझौते पर हस्ताक्षर
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Published : Feb 19, 2021, 9:13 PM IST

सोलनः डॉ. यशवंत सिंह परमार वानिकी विश्वविद्यालय नौणी और वन अनुसंधान संस्थान देहरादून ने एक एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं. इस समझौते से एफआरआई और नौणी विश्वविद्यालाय के बीच अनुसंधान और सहयोग में तेजी आएगी और दोनों विश्वविद्यालयों के बीच छात्रों के आदान-प्रदान होगा.

नौणी विश्वविद्यालय और आईसीएफआरई के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर

वन अनुसंधान संस्थान, देहरादून भारतीय वानिकी अनुसंधान और शिक्षा परिषद के अंतर्गत प्रमुख संस्थानों में से एक है. नौणी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. परविंदर कौशल और आईसीएफआरई के महानिदेशक डॉ. ए.एस. रावत के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए. इस संबंध में ऑनलाइन बैठक गुरुवार को आयोजित की गई.

डॉ. प्रियंका ठाकुर ने किया विश्वविद्यालय का प्रतिनिधित्व

नौणी विश्वविद्यालय के क्षेत्रीय अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र धौलाकुआं में कार्यरत प्रधान वैज्ञानिक डॉ. प्रियंका ठाकुर ने इस बैठक के दौरान एफआरआई में विश्वविद्यालय का प्रतिनिधित्व किया. इस अवसर पर डॉ. परविंदर कौशल ने कहा कि इस साझेदारी का उद्देश्य एक ढांचा प्रदान करना है, जिसके लिए दोनों विश्वविद्यालय एक साथ संयुक्त गतिविधियों का संचालन कर सके. दोनों संस्थान मानव संसाधन विकास के लिए स्कोलर्स के सहयोगात्मक अनुसंधान, शिक्षण और साझाकरण का काम करेंगे और सहयोगी अनुसंधान के प्रभाव को बढ़ाएंगे.

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रोपण सामग्री के आदान-प्रदान की दिशा में करेंगे काम

डॉ. परविंदर कौशल ने कहा कि इस समझौते के तहत दोनों संस्थान संबंधित स्थानों पर परीक्षण और मूल्यांकन के लिए रोपण सामग्री के आदान-प्रदान की दिशा में काम करेंगे. इसके अलावा दोनों पक्ष पीजी छात्रों की सलाहकार समितियों में सह-मार्गदर्शक सदस्य के रूप में वैज्ञानिकों को शामिल करने और शोधकर्ताओं को विशेष प्रशिक्षण भी प्रदान करेंगे.

शिक्षा का माहौल होगा उपलब्ध

दोनों विश्वविद्यालय अपनी प्रयोगशालाएं, पुस्तकालय सुविधाएं को साझा करेंगे और वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं और एक-दूसरे संस्थानों के छात्रों को सहायता प्रदान करेंगे. डॉ. कौशल ने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि विश्वविद्यालय इस तरह के संस्थानों का सहयोग मजबूत करेगा और छात्रों को समग्र शिक्षा का माहौल उपलब्ध कराएगा.

ये भी पढ़ें: वीडियो कॉलिंग पर रहें सावधान, नहीं तो हो सकते हैं ठगी के शिकार

सोलनः डॉ. यशवंत सिंह परमार वानिकी विश्वविद्यालय नौणी और वन अनुसंधान संस्थान देहरादून ने एक एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं. इस समझौते से एफआरआई और नौणी विश्वविद्यालाय के बीच अनुसंधान और सहयोग में तेजी आएगी और दोनों विश्वविद्यालयों के बीच छात्रों के आदान-प्रदान होगा.

नौणी विश्वविद्यालय और आईसीएफआरई के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर

वन अनुसंधान संस्थान, देहरादून भारतीय वानिकी अनुसंधान और शिक्षा परिषद के अंतर्गत प्रमुख संस्थानों में से एक है. नौणी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. परविंदर कौशल और आईसीएफआरई के महानिदेशक डॉ. ए.एस. रावत के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए. इस संबंध में ऑनलाइन बैठक गुरुवार को आयोजित की गई.

डॉ. प्रियंका ठाकुर ने किया विश्वविद्यालय का प्रतिनिधित्व

नौणी विश्वविद्यालय के क्षेत्रीय अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र धौलाकुआं में कार्यरत प्रधान वैज्ञानिक डॉ. प्रियंका ठाकुर ने इस बैठक के दौरान एफआरआई में विश्वविद्यालय का प्रतिनिधित्व किया. इस अवसर पर डॉ. परविंदर कौशल ने कहा कि इस साझेदारी का उद्देश्य एक ढांचा प्रदान करना है, जिसके लिए दोनों विश्वविद्यालय एक साथ संयुक्त गतिविधियों का संचालन कर सके. दोनों संस्थान मानव संसाधन विकास के लिए स्कोलर्स के सहयोगात्मक अनुसंधान, शिक्षण और साझाकरण का काम करेंगे और सहयोगी अनुसंधान के प्रभाव को बढ़ाएंगे.

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रोपण सामग्री के आदान-प्रदान की दिशा में करेंगे काम

डॉ. परविंदर कौशल ने कहा कि इस समझौते के तहत दोनों संस्थान संबंधित स्थानों पर परीक्षण और मूल्यांकन के लिए रोपण सामग्री के आदान-प्रदान की दिशा में काम करेंगे. इसके अलावा दोनों पक्ष पीजी छात्रों की सलाहकार समितियों में सह-मार्गदर्शक सदस्य के रूप में वैज्ञानिकों को शामिल करने और शोधकर्ताओं को विशेष प्रशिक्षण भी प्रदान करेंगे.

शिक्षा का माहौल होगा उपलब्ध

दोनों विश्वविद्यालय अपनी प्रयोगशालाएं, पुस्तकालय सुविधाएं को साझा करेंगे और वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं और एक-दूसरे संस्थानों के छात्रों को सहायता प्रदान करेंगे. डॉ. कौशल ने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि विश्वविद्यालय इस तरह के संस्थानों का सहयोग मजबूत करेगा और छात्रों को समग्र शिक्षा का माहौल उपलब्ध कराएगा.

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