सोलनः परवाणु से शिमला NH 5 तक फोरलेन पर सफर करना इन दिनों खतरों से खाली नहीं है. यह बात हम नहीं तस्वीरें बयां कर रही हैं कि किस तरह से फोरलेन निर्माण के लिए काटी गई पहाड़ी पर से मलबा धीरे-धीरे सड़क पर उतर रहा है.
इन दिनों सोलन बाईपास पर फोरलेन निर्माता कंपनी पहाड़ी पर बने घरों को तोड़कर अंडरपास ब्रिज बनाने में लगी है, लेकिन बीते दिनों हुई बारिश और बर्फबारी के कारण पहाड़ी से मलबा गिरना शुरू हो गया है. हैरानी की बात यह है कि जहां पर पहाड़ी दरक रही है वहां से ना मलबा हटाया गया है ना ही नुकीले सरिए. प्रशासन और फोरलेन निर्माता कंपनी की ओर से किसी भी तरह का सुरक्षा घेरा वहां पर नहीं बनाया गया है.
ईटीवी भारत की टीम ने मौके का लिया जायजा
आज भी जब ईटीवी भारत की टीम मौके पर पहुंची तो उस समय पहाड़ी से पत्थरों के गिरने का सिलसिला जारी था. वाहनों की लंबी कतारें भी इस दौरान देखने को मिली. फोरलेन निर्माता कंपनी ने 2 कर्मचारियों को वहां पर गाड़ियों को रोकने के लिए तैनात कर रखा था. इन कर्मचारियों के अलावा न तो वहां पर प्रशासन की ओर से कोई मौजूद था और ना ही कोई फोरलेन निर्माता कंपनी का बड़ा अधिकारी मौजूद था.
चंडीगढ़ से शिमला और सिरमौर को जोड़ता है ये चौक
बता दें कि सोलन बाईपास से जाने वाला रोड़ चंडीगढ़ से शिमला और सिरमौर को आपस मे जोड़ता है. बता दें कि इन दिनों प्रदेश में पर्यटकों की आवाजाही बढ़ने लगी है, लेकिन इस तरह से प्रशासन और फोरलेन निर्माता कंपनी की लापरवाही लोगों की जानमाल को खतरा पैदा कर सकती है.
पहाड़ दरकने से पहले हो चुके हैं हादसे
बता दें कि इससे पहले भी कालका शिमला नेशनल हाईवे 5 परवाणु से चंबाघाट तक बन रहे फोरलेन निर्माण में पहाड़ी दरकने के मामले सामने आ चुके हैं जिससे लोगों के घरों और वाहनों को क्षति भी पहुंच चुकी है.
बैरिकेड से नहीं रुक रहा मलबा
वहीं हाईवे पर मलबा गिरने से पैदा हुए खतरे को देखते हुए फोरलेन निर्माता कंपनी ने बैरिकेड लगाए हैं, लेकिन इन बैरिकेड से मलबा नहीं रुक रहा है. इस कारण एनएच पर वाहनों की लंबी कतारें भी लग रही हैं और वाहन चालकों में डर भी देखा जा रहा है कि कब पहाड़ी दरक जाए.
बहरहाल प्रशासन की ये चूक लोगों पर भारी पड़ सकती है अब देखना होगा कि प्रशासन किस तरह से पहाड़ी से दरक रहे पत्थरों को रोकने में कामयाब हो पाता है.
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