कसौली: जिला सोलन की सबसे हॉट सीट इस बार कसौली है, कसौली विधानसभा क्षेत्र में आज तक 10 इलेक्शन हुए जिसमें पांच बार कांग्रेस, चार बार भाजपा और एक बार निर्दलीय जीता है. इस सीट पर आज तक हैट्रिक दो विधायक लगा चुके हैं, लेकिन जीत का चौका कोई भी नहीं लगा पाया है. वहीं, इस बार जयराम सरकार में स्वास्थ्य मंत्री राजीव सैजल के ऊपर सबकी नजर टिकी हुई है. इस बार चौथी मर्तबा कसौली सीट से सैजल चुनावी मैदान में हैं. यहां उनके सामने एक बार फिर तीसरी मर्तबा पूर्व सांसद केडी सुल्तानपुरी के बेटे विनोद सुल्तानपुरी हैं. (kasauli assembly seat ground report) (Congress candidate from Kasauli Vinod Sultanpuri) (BJP candidate from Kasauli Rajiv Saizal)
कसौली विधानसभा सीट पर तीसरी बार राजीव सैजल और विनोद सुल्तानपुरी चुनावी मैदान में आमने सामने है. आंकड़ों पर नजर डालें तो यहां पर 1977 में चमन लाल गाचली जनता पार्टी से चुनकर विधायक बने,उसके बाद 1982,1985 में रघुराज ने यहां कांग्रेस की तरफ से चुनाव लड़ा और सीट जीती. फिर 1990 में सत्यपाल कम्बोज भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ा और सीट जीती. उसके बाद रघुराज ने फिर वापसी की और साल 1993, 1998, 2003 में कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़कर कसौली सीट जीती. फिर 2007,2012,2017 में यहां डॉ. राजीव सैजल आए और जीत की हैट्रिक लगाई. (bjp and congress candidate from kasauli)
कसौली विधानसभा क्षेत्र में कुल 71,563 मतदाता है जिसमे पुरूष मतदाता 37,331 और महिला मतदाता 34,230 है वहीं 2 मतदाता यहां थर्ड जेंडर है. कसौली विधानसभा क्षेत्र की अगर बात की जाये तो यहां पर चुनावो में करीब 67% मतदान हर बार होता है. कसौली विधानसभा क्षेत्र में इस बार दिलचस्प मुकाबला है क्योंकि भाजपा और कांग्रेस को यहां अंदरूनी डेमेज होने का खतरा है. (Kasauli Assembly Constituency) (kasauli assembly seat political equation )
कौन हैं राजीव सैजल: 51 वर्षीय राजीव सैजल हिमाचल प्रदेश सरकार में परिवार कल्याण, स्वास्थ्य और आयुर्वेद मंत्री हैं. सैजल का जन्म 11 जुलाई 1971 सिरमौर के हरिपुर खोल क्षेत्र में हुआ को बाद में उन्होंने आयुर्वेदिक चिकित्सा में डिग्री हासिल की, उस दौरान वे भाजपा के छात्र विंग एबीवीपी से जुड़े और उन्हें कैंपस अध्यक्ष नियुक्त किया गया. पदाधिकारी के रूप में लोकप्रिय राजीव सैजल इस क्षेत्र में अपने सामाजिक कार्यों के लिए जाने जाने लगे. (bjp and congress candidate from kasauli)
राजीव सैजल बाद में भाजपा सोलन की जिला इकाई के सदस्य बन गए. अपनी लोकप्रियता के कारण सैजल जल्द ही पार्टी के सोलन जिला अध्यक्ष बन गए. वह 2007 में वे राज्य विधानसभा के लिए चुने गए और 2012 में फिर से चुने गए. 2008 और 2012 के बीच, वे राज्य की सामान्य विकास और ग्रामीण योजना समितियों के सदस्य बने रहे. विधायक के रूप में अपने तीसरे कार्यकाल के दौरान राजीव सैजल को 27 दिसंबर, 2017 को सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री के रूप में अतिरिक्त सहयोग विभाग के साथ मंत्रिपरिषद में शामिल किया गया था. उनकी शैक्षिक पृष्ठभूमि को देखते हुए उन्हें बाद में स्वास्थ्य और आयुर्वेद चिकित्सा मंत्रालय दिया गया.
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