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...जब कालका-शिमला ट्रैक पर दौड़ी जेसीबी! जानिए पूरा मामला - शिमला

बता दें कि रेल पटरी के आसपास गिरे मलबे को उठाने के लिए जेसीबी की मदद ली गई थी. बारिश के चलते मलबा ट्रैक के आसपास गिर गया था जोकि हादसों को न्यौता दे रहा था. रेलवे विभाग ने जेसीबी की मदद से ट्रैक से मलबा हटाया.

improvement work in kalka shimla track
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Published : Jul 7, 2019, 9:14 PM IST

सोलन: विश्व धरोहर कालका-शिमला ट्रैक पर आपने अलग-अलग तरह के कोच के साथ चलने वाली रेल के बारे में तो सुना होगा, लेकिन रविवार को ट्रैक में जेसीबी दौड़ती दिखी. ट्रैक पर जेसीबी को दौड़ता देख एक पल के लिए तो लोग हैरान हो गए.


बता दें कि रेल पटरी के आसपास गिरे मलबे को उठाने के लिए जेसीबी की मदद ली गई थी. बारिश के चलते मलबा ट्रैक के आसपास गिर गया था जोकि हादसों को न्यौता दे रहा था. रेलवे विभाग ने जेसीबी की मदद से ट्रैक से मलबा हटाया.

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रेलवे के अधिकारियों की माने तो बरसात में ट्रैक साफ रखने व मिट्टी उठाने के लिए यही एक मात्र माध्यम है और मलबा अधिक होने पर कामगारों के माध्यम से उठाना संभव नहीं है. मलबा हटाने के बाद ट्रैक की पूरी जांच की जाती है और उसके बाद आवाजाही के लिए अनुमति मिलती है.


बता दें कि सोलन में पिछले दिनों हुई बारिश से पटरी के आसपास कई स्थानों पर मलबा आ गया था. सोलन स्टेशन से लेकर बड़ोग स्टेशन तक मलबा विभाग द्वारा हटा दिया गया है.

सोलन: विश्व धरोहर कालका-शिमला ट्रैक पर आपने अलग-अलग तरह के कोच के साथ चलने वाली रेल के बारे में तो सुना होगा, लेकिन रविवार को ट्रैक में जेसीबी दौड़ती दिखी. ट्रैक पर जेसीबी को दौड़ता देख एक पल के लिए तो लोग हैरान हो गए.


बता दें कि रेल पटरी के आसपास गिरे मलबे को उठाने के लिए जेसीबी की मदद ली गई थी. बारिश के चलते मलबा ट्रैक के आसपास गिर गया था जोकि हादसों को न्यौता दे रहा था. रेलवे विभाग ने जेसीबी की मदद से ट्रैक से मलबा हटाया.

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रेलवे के अधिकारियों की माने तो बरसात में ट्रैक साफ रखने व मिट्टी उठाने के लिए यही एक मात्र माध्यम है और मलबा अधिक होने पर कामगारों के माध्यम से उठाना संभव नहीं है. मलबा हटाने के बाद ट्रैक की पूरी जांच की जाती है और उसके बाद आवाजाही के लिए अनुमति मिलती है.


बता दें कि सोलन में पिछले दिनों हुई बारिश से पटरी के आसपास कई स्थानों पर मलबा आ गया था. सोलन स्टेशन से लेकर बड़ोग स्टेशन तक मलबा विभाग द्वारा हटा दिया गया है.

Intro:कालका-शिमला ट्रैक पर छुक छुक ट्रेन नहीं दौड़ी जेसीबी, देखने वाले भी हुए हैरान

:-रेल पटरी के आसपास गिरे मलबे को उठाने के लिए ली जेसीबी की मदद

सोलन।

रेल ट्रैक पर आपने छुक छुक करते ट्रेन तो दौड़ती देखी होगी, क्या जेसीबी भी दौड़ती देखी या कभी सुनी है। जी हां हम आपको बताते हैं रेल ट्रैक पर दौड़ती जेसीबी की कहानी। यह मामला कालका-शिमला विश्व धरोहर रेल ट्रैक का हैBody:
ट्रैक पर जेसीबी को दौड़ता देख एक पल के लिए तो लोग हैरान हो गए। बता दें कि रेल पटरी के आसपास गिरे मलबे को उठाने के लिए जेसीबी की मदद ली गई थी। बारिश के चलते मलबा ट्रैक के आसपास गिर गया था जोकि हादसों को न्यौता दे रहा था। इसे हटाने के लिए रेलवे विभाग ने जेसीबी की मदद लेने की योजना बनाई और ट्रैक पर जेसीबी दौड़ाई।

रेलवे के अधिकारियों ने कैमरे पर तो कुछ नहीं कहा, लेकिन ऑफ कैमरा बताया कि रेल की पटरी को बरसात में साफ रखने व मिट्टी उठाने के लिए यही एक मात्र माध्यम है। कामगारों से साफ-सफाई तक तो ठीक है, लेकिन अधिक मिट्टी का मलबा तुरंत उठाना इंसानों से संभव नहीं है।Conclusion:सोलन में पिछले दिनों हुई बारिश से पटरी के आसपास कई स्थानों पर अधिक मलबे को हटाने का कार्य सोलन स्टेशन से लेकर बड़ोग स्टेशन तक किया गया।

माना जाता है कि रेल की पटरी पर खासा ऐतिहात बरतना पड़ता है। जरा सी चूक किसी बड़े हादसे का कारण बन सकती है। बरसात के दिनों में पटरी पर मिट्टी काटने वाली मशीन दिखना आम बात है।


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