सोलन: हिमाचल प्रदेश में बारिश होने से नुकसान इस बार ज्यादा देखने को मिला है. सरकार दावा कर रही है कि 10,000 करोड़ से ज्यादा का नुकसान हिमाचल प्रदेश में अभी तो हो चुका है, लेकिन अब जमीन धंसने के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले के औद्योगिक क्षेत्र बीबीएन में भी लगातार हो रही बारिश के चलते यहां पर जमीन धंसने के मामले सामने आ रहे हैं. जिस कारण नदी की ओर पहाड़ खिसकते हुए दिखाई दे रहे हैं.
जिला प्रशासन ने इन सभी जगह को देखते हुए यहां पर बसे गांव को खाली करवा दिया है और लोगों को रहने की सुविधा की गई है. करीबन 100 फीट पहाड़ नदी की ओर खिसकते हुए नजर आ रहे हैं. जिला सोलन के औद्योगिक क्षेत्र बीबीएन को भी खतरा होने लगा है. अभी तक जिला सोलन में नुकसान का आंकड़ा करीबन 625 करोड़ पहुंच चुका है. जिले में जमीन धंसने के कारण अभी तक करीब 122 गांवों को जिला प्रशासन खाली करवा चुका है, क्योंकि यहां पर लगातार जमीन धंस रही है और लोगों के घरों में दरारें आ रही हैं.
एहतियात के तौर पर प्रशासन इन सभी गांव को खाली करवा रहा है. प्रशासन द्वारा जारी किए गए आंकड़े के अनुसार जमीन व पहाड़ धंसने के कारण 122 गांव के 1000 से ज्यादा मकान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुके हैं. जिसमें से 952 परिवार बेघर हुए हैं. वहीं, करीब 8400 लोग इससे प्रभावित हुए हैं. यह आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है. सोलन उपमंडल में भारी बारिश के कारण शामती सहित 18 गांव में 121 मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं. इस कारण 142 परिवार बेघर हुए हैं. इस त्रासदी से इन मकानों में रहने वाले 4230 लोग प्रभावित हुए हैं. वहीं, नालागढ़ उपमंडल में रामशहर से लेकर पट्टा तक पहाड़ धंसता जा रहा है. इस कारण वहां पर 7 मकानों को खाली किया गया है.
दून व नालागढ़ विधानसभा क्षेत्र में करीब 15 पंचायतों के 39 गांव में 338 मकानों को नुकसान पहुंचा है. नालागढ़ उपमंडल में 340 परिवार अभी तक बेघर हो चुके हैं. वहीं, अर्की उपमंडल में भी जमीन धंसने के कारण 9 गांव प्रभावित हुए हैं. अर्की में 212 मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं. इसी के साथ कसौली उपमंडल में सबसे अधिक 55 गांव प्रभावित हुए हैं. इसमें कई गांव दून निर्वाचन क्षेत्र के भी शामिल हैं. वहीं, कसौली में 254 मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं.
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