सोलन: हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले की मनाली की बेटी रवीना ठाकुर आज प्रदेश की महिलाओं के लिए प्रेरणा बन चुकी है. इन्होंने कुछ ऐसा कर दिखाया है जिसकी चर्चा आज पूरे हिमाचल में हो रही है. रवीना ठाकुर को प्रदेश सरकार द्वारा साल 2021 में शिमला में आयोजित कार्यक्रम में नारी शक्ति सम्मान पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है. रवीना ठाकुर शुक्रवार को सोलन पहुंची. इस दौरान उन्होंने मीडिया से बातचीत भी की. (Taxi Driver Raveena Thakur of Manali).
रवीना ठाकुर की उम्र अभी पच्चीस साल है, लेकिन उसके सपने ऊंचे हैं. रवीना बताती हैं कि उन्होंने टैक्सी चलाने का फैसला परिवार की देखरेख करने के लिए लिया था. रवीना के पिता भी पहले ड्राइविंग ट्रेनर थे, जिनका आठ साल पहले निधन हो गया था. पिता के देहांत के बाद रवीना के घर में टैक्सी बिना इस्तेमाल किए हुए ही रखी थी. (Raveena Thakur in Solan) (Himachal first woman taxi driver Raveena Thakur)
पिता का दिया हुनर आया काम: रवीना ने कहा कि जब मेरे पिता मुझे ड्राइविंग सिखा रहे थे, तब मुझे लगा नहीं था कि ये कभी हमारे जीवन-यापन का जरिया बनेगा. रवीना बताती है कि मेरी मां मेरे टैक्सी चलाने के फैसले के साथ हैं. रवीना ठाकुर ने बताया कि आज तक वह हिमाचल के अलावा पंजाब, हरियाणा और वृंदावन, दिल्ली जा चुकी हैं. (Taxi Driver Raveena Thakur) (Raveena Thakur of Manali).
आर्थिक स्थिति ने नहीं किया कमजोर: रवीना दिल्ली, चंडीगढ़, पंजाब वृंदावन और मनाली के आसपास सवारियां ले जा चुकी हैं. रवीना का पैतृक गांव जोगिंदरनगर है. रवीना कहती हैं कि 'हमारे घर की आर्थिक स्थिति ने मुझे कभी कमजोर नहीं किया और टैक्सी ड्राइविंग ने मुझे और बोल्ड और बहादुर बनाया है. उन्होंने बताया कि महिला सुरक्षा को लेकर हमेशा एक डर उनके मन में रहता है, लेकिन लोगों से उन्हें काफी सपोर्ट मिलता है.
अपने सपनों को दें उड़ान: रवीना कहती हैं कि उनकी इच्छाशक्ति इतनी मजबूत है कि घर-परिवार और समाज के विरोध के बावजूद उन्होंने इस काम को करने का फैसला लिया है. रवीना कहती है कि इस काम को शुरू करने से पहले आस-पास के लोगों और रिश्तेदारों ने काफी विरोध किया था. उन्होंने महिलाओं को संदेश देते हुए कहा कि कोई भी काम छोटा बड़ा नहीं होता. मजबूरी इंसान से क्या कुछ करा दे ये किसी को भी नहीं पता है. ऐसे में अपने काम को करने के लिए और अपने सपनों को पूरा करने के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए. (Raveena Thakur of Manali inspirational story)
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