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सोलन मंडी में बंपर मात्रा में पहुंच रहा सेब, इस वजह से आढ़ती-बागवान परेशान

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Published : Aug 14, 2019, 10:05 PM IST

हिमाचल की सबसे बड़ी मंडियों परवाणु और सोलन में सेब की फसल ने दस्कत दे दी है. खरीददार भारत के कोने-कोने से सोलन का रुख करने लगे हैं. शुरूआती दौर में बागवानों को सेब के दाम अच्छे मिल रहे थे, लेकिन अब बागवानों के चेहरे मायूस दिखने लगे है.

Gardeners bringing apples

सोलनः पूरा हिंदुस्तान जहां एक और पानी के हाहाकार से परेशान है. वहीं, इसका खामियाजा हिमाचल के बागवानों को भी झेलना पड़ रहा है. यही चीज सोलन की मंडियों में आजकल देखने को मिल रही है. जहां अपर हिमाचल के बागवान हर साल अपनी सेब की फसल के लिए खुश दिखाई देते थे, लेकिन इस बार लगातार हो रही बारिश के कारण बागवानों और विभिन्न प्रदेशों से आए आढ़तियों को नुकसान उठाना पड़ रहा है.

वीडियो

हालांकि सोलन की सेब मंडी में परवाणु के तुलना में पचास प्रतिशत सेब की पेटियां कम पहुंची है, लेकिन हर साल के मुकाबले इस बार बागवान और आढ़ती बारिश के कारण परेशान है. न बागवानों को अच्छा दाम मिल रहा है और न ही आढ़ती इस बार अच्छी कमाई कर पा रहे है.

वहीं, बागवान भी इस बार मायूस दिखाई दे रहे हैं. बागवानों का कहना है कि जहां इस बार डबल मात्रा में सेब की पैदावार हुई है वहीं. इसके चलते सेब का साइज छोटा आ रहा है. जिस कारण उन्हें पर्याप्त मात्रा में सेब की पेटी का दाम नहीं मिल पा रहा है.

बागवानों का कहना है कि जहां शुरुआती सीजन में प्रति पेटी 2500 तक मिल रही थी वहीं, अब प्रति पेटी दाम 500 से 1200 के बीच मिल रहा है. बागवानों का कहना है कि इस बार जिस तरह से दाम मिल रहा है. उससे वो मेहनताना भी अपनी लेबर को नहीं दे पा रहे हैं. बागवानों ने बताया कि ईद होने के कारण मुस्लिम समुदाय मंडियों का रुख नहीं कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि सबसे ज्यादा मुस्लिम हमारी सेब की खेप ले जाते हैं.

बता दें कि सोलन फल सब्जी मंडी में किन्नौर, शिमला, ठियोग, रामपुर और चौपाल से ज्यादा मात्रा में सेब आता है. विभिन्न प्रदेशों से आए आढ़ती खरीददारों का कहना है कि पूरे हिंदुस्तान में पानी ही पानी है. जिस कारण सभी मंडियों में काम मंदा चला है. समय से सेब की खेप नहीं पहुंच पा रही है.

उनका कहना है कि इस बार हिमाचल में सेब की पैदावार ज्यादा हुई है. पिछले 2 सालों के मुकाबले इस बार सेब की खेप आ तो रही है, लेकिन सेब का साइज छोटा आ रहा है. जिस कारण उन्हें भी आगे बेचने में दिक्कते आ रही है. बता दें कि सोलन मंडी में इस बार जामनगर, यूपी, उड़ीसा, झारखंड, चंडीगढ़ और पंजाब से आढ़ती खरीददार सेब की खेप लेने पहुंच रहे है.

सोलनः पूरा हिंदुस्तान जहां एक और पानी के हाहाकार से परेशान है. वहीं, इसका खामियाजा हिमाचल के बागवानों को भी झेलना पड़ रहा है. यही चीज सोलन की मंडियों में आजकल देखने को मिल रही है. जहां अपर हिमाचल के बागवान हर साल अपनी सेब की फसल के लिए खुश दिखाई देते थे, लेकिन इस बार लगातार हो रही बारिश के कारण बागवानों और विभिन्न प्रदेशों से आए आढ़तियों को नुकसान उठाना पड़ रहा है.

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हालांकि सोलन की सेब मंडी में परवाणु के तुलना में पचास प्रतिशत सेब की पेटियां कम पहुंची है, लेकिन हर साल के मुकाबले इस बार बागवान और आढ़ती बारिश के कारण परेशान है. न बागवानों को अच्छा दाम मिल रहा है और न ही आढ़ती इस बार अच्छी कमाई कर पा रहे है.

वहीं, बागवान भी इस बार मायूस दिखाई दे रहे हैं. बागवानों का कहना है कि जहां इस बार डबल मात्रा में सेब की पैदावार हुई है वहीं. इसके चलते सेब का साइज छोटा आ रहा है. जिस कारण उन्हें पर्याप्त मात्रा में सेब की पेटी का दाम नहीं मिल पा रहा है.

बागवानों का कहना है कि जहां शुरुआती सीजन में प्रति पेटी 2500 तक मिल रही थी वहीं, अब प्रति पेटी दाम 500 से 1200 के बीच मिल रहा है. बागवानों का कहना है कि इस बार जिस तरह से दाम मिल रहा है. उससे वो मेहनताना भी अपनी लेबर को नहीं दे पा रहे हैं. बागवानों ने बताया कि ईद होने के कारण मुस्लिम समुदाय मंडियों का रुख नहीं कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि सबसे ज्यादा मुस्लिम हमारी सेब की खेप ले जाते हैं.

बता दें कि सोलन फल सब्जी मंडी में किन्नौर, शिमला, ठियोग, रामपुर और चौपाल से ज्यादा मात्रा में सेब आता है. विभिन्न प्रदेशों से आए आढ़ती खरीददारों का कहना है कि पूरे हिंदुस्तान में पानी ही पानी है. जिस कारण सभी मंडियों में काम मंदा चला है. समय से सेब की खेप नहीं पहुंच पा रही है.

उनका कहना है कि इस बार हिमाचल में सेब की पैदावार ज्यादा हुई है. पिछले 2 सालों के मुकाबले इस बार सेब की खेप आ तो रही है, लेकिन सेब का साइज छोटा आ रहा है. जिस कारण उन्हें भी आगे बेचने में दिक्कते आ रही है. बता दें कि सोलन मंडी में इस बार जामनगर, यूपी, उड़ीसा, झारखंड, चंडीगढ़ और पंजाब से आढ़ती खरीददार सेब की खेप लेने पहुंच रहे है.

Intro:Assignment specail story:-सोलन सब्जी मंडी में क्या हालात है, सेब के बागवानों के ????


सेब से गुलजार है सोलन शहर, लेकिन आढ़ती बागवान परेशान, आखिर क्यों ??.....
:-बारिश का असर,हिमाचल का किसान परेशान
:-2 सालों के मुकाबले इस साल हुई अछि पैदावार, लेकिन दाम नही मिल रहे ठीक
:-बागवान तो बागवान,प्रदेशों से आये आढ़ती भी परेशान


पूरा हिंदुस्तान जहां एक और पानी में डूबा है वही इसका खामियाजा हिमाचल के बागवानों को भी झेलना पड़ रहा है यही बात सोलन की मंडियों में आजकल देखने को मिल रही है जहां अपर हिमाचल के बागवान हर साल अपनी सेब की फसल के लिए खुश दिखाई देते थे लेकिन इस बार लगातार हो रही बारिश के कारण बागवानों और विभिन्न प्रदेशों से आये आढ़तियों को नुकसान का सामना करना पड़ रहा है।



V/O
हिमाचल की सबसे बड़ी मंडियों परवाणु और सोलन में सेब ने दस्कत दे दी है। खरीददार भारत के कोने-कोने से सोलन का रुख करने लगे है। शुरूआती दौर में बागबानों को सेब के दाम अच्छे मिल रहे थे, लेकिन अब बागवानों के चेहरे मायूस दिखने लगे है,हालांकि सोलन की सेब मंडी में परवाणु के तुलना में पचास प्रतिशत सेब की पेटियां कम पहुंची है। लेकिन हर साल के मुकाबले इस बार बागवान और आढ़ती भारत वर्ष में हो रही बारिश के कारण जिस तरह से बाढ़ के हालात बने है उस कारण सभी परेशान है। ना बागवान को अच्छा दाम मिल रहा है ना ही आढ़ती इस बार कमा पा रहे है।
Body:वहीं बागवान इस बार मायूस दिखाई दे रहे है,बागवानों का कहना है कि जहां इस बार डबल मात्रा में सेब की पैदावार हुई है,जिसके चलते सेब का साइज छोटा आ रहा है जिस कारण उन्हें पर्याप्त मात्रा में सेब की पेटी का दाम नही मिल पा रहा है,बागवानों का कहना है कि जहां शुरुआती सीज़न में प्रति पेटी 2500 तक मिल रही थी वहीं अब प्रति पेटी दाम 500- 1200 के बीच मिल रहा है, बागवानों का कहना है कि इस बार जिस तरह से दाम मिल रहा है उससे वो मेहनताना भी अपनी लेबर को दे पा रहे है
वहीं बागवानों ने बताया कि ईद होने के कारण मोमडन मंडियों का रुख नही कर रहे है, उन्होंने बताया है सबसे ज्यादा मोमडन हमारी सेब की खेप ले जाते है।
बता दें कि सोलन फल सब्जी मंडी में किन्नौर ,शिमला ठेयोग, रामपुर ,चौपाल से ज्यादा मात्रा में सेब आता है।
Byte:-बागवान
Conclusion:वहीं विभिन्न प्रदेशों से आये आढ़ती खरीददारों का कहना है कि पूरे हिंदुस्तान में पानी ही पानी है जिस कारण सभी मंडियों में मंदा चला है,जिस कारण समय से सेब की खेप नहीं पहुंच पा रही है ,वहीं उनका कहना है कि इस बार हिमाचल में सेब की पैदावार ज्यादा हुई है पिछले 2 सालों के मुकाबले इस बार सेब की खेप आ तो रही है लेकिन सेब का साइज छोटा आ रहा है जिस कारण उन्हें भी आगे बेचने में दिक्कते आ रही है,बता दें कि सोलन मंडियों में इस बार जामनगर, यूपी,उड़ीसा,झारखंड,चंडीगढ़, पँजाब से आढ़ती खरीददार सेब की खेप लेने पहुंच रहे है।
byte:-आढ़ती खरीददार( विभिन्न प्रदेशों से आये हुए)

शॉट:-सोलन सब्जी मंडी में सेब की खेप,
Byte:-बागवान
Byte:-आढ़ती
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