कसौली/सोलन: कालका-शिमला राष्ट्रीय राजमार्ग पांच पर फोरलेन का पहला वायाडक्ट ब्रिज बनकर तैयार हो गया है. परवाणू से सोलन फोरलेन में टीटीआर में लगभग 16 करोड़ रुपये की लागत से बने इस वायाडक्ट ब्रिज को सोमवार से वाहनों की आवाजाही के लिए खोल दिया जाएगा. वाहनों की आवाजाही से पहले फोरलेन निर्माता कंपनी की ओर से सुंदरकांड पाठ करवाया जाएगा.
विधिवत पूजा होने के बाद ब्रिज पर से वाहन दौड़ पाएंगे. वायाडक्ट ब्रिज करीब डेढ़ साल में बनकर तैयार हुआ है. ब्रिज के तैयार होने के बाद टीटीआर में लगने वाले जाम से भी वाहनों को छुटकारा मिल जाएगा. वहीं, दुर्घटनाओं से भी कुछ हद तक कम होने की संभावनाएं हैं.
सोमवार को होगा सुंदरकांड पाठ- फोरलेन निर्माता कंपनी के प्रोजेक्ट डारेक्टर ई. बलविंदर सिंह ने बताया कि कंपनी की ओर से ब्रिज की शुरुआत करने के लिए सुंदरकांड पाठ सोमवार को करवाया जा रहा है. इसके बाद ही इस ब्रिज को खोला जाएगा. बेहतर तकनीक के इस्तेमाल से ब्रिज का निर्माण किया गया है.
एक पिलर पर बना है वायाडक्ट ब्रिज- वायाडक्ट का निर्माण उस जगह पर होता है जहां पर खाई होती है. इसके निर्माण के लिए जमीन से ऊपर आरसीसी के पिलर खड़े किए गए हैं. टीटीआर में भी इसी तरह की भूमि फोरलेन निर्माण के लिए मिली थी. जहां पर फोरलेन निर्माता कंपनी की ओर से वायाडक्ट ब्रिज का निर्माण करने का फैसला लिया. खास बात यह है कि ब्रिज बनाने के लिए केवल एक पिलर बनाया गया है.
लोहे और स्टील का हुआ है पूरा इस्तेमाल- वायाडक्ट ब्रिज निर्माण करने के लिए लोहे और स्टील का इस्तेमाल किया गया है. दोनों छोर को स्टील गार्डर से मिलाया गया है और उस पर सीमेंट कंक्रीट का स्लैब डाला गया है. वायाडक्ट ब्रिज निर्माण के लिए हाईटेक पुश टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया गया है. यह ब्रिज 160 से 165 मीटर लंबा, 12 मीटर चौड़ा और 1000 टन से भी अधिक वजन है. इस पर से शिमला से चंडीगढ़ जाने वाले छोटे-बड़े वाहन ही गुजर पाएंगे.
ब्रिज से दिखेगी पहाड़ों की सुंदरता- वायाडक्ट ब्रिज बेसमेंट से 25 मीटर की ऊंचाई पर बनाया गया है. इस ब्रिज से जहां चंडीमंदिर के आसपास का नजारा दिखेगा. वहीं, कौशल्या डैम की झलक लोगों को देखने को मिलेगी. इसी के साथ हिमाचल की मनोरम पहाड़ियों की सुंदरता भी पर्यटक निहार सकेंगे.
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