सोलन: हिमाचल प्रदेश में मटर का सीजन लगभग समाप्ति की ओर है. जिस तरह से मटर के दाम सीजन की शुरुआत इस बार हुई उससे किसान भी खुश दिखाई दे रहे थे, लेकिन अब बारिश और ओलावृष्टि की वजह से मटर की फसल को खासा नुकसान पहुंचा है. ग्रेडिंग के हिसाब से अब किसानों को मटर के दाम मिल रहे हैं. बारिश और ओलावृष्टि की वजह से दाग नुमा मटर सब्जी मंडी में पहुंच रहा है. इसे ए, बी और सी ग्रेड के हिसाब से सब्जी मंडी में लिया जा रहा है.
बेमौसमी बारिश से बेहतर दाम नहीं मिल रहे: हालांकि बाहरी राज्यों में अब महाराष्ट्र का मटर पहुंच रहा है, लेकिन अभी भी हिमाचल के मटर की डिमांड बाहरी राज्यों की बड़ी मंडियों में राजस्थान, मुंबई-दिल्ली,हरियाणा, पंजाब और दिल्ली में हैं. इन दिनों सब्जी मंडी सोलन में सिरमौर, कुल्लू, मंडी, ठियोग का मटर पहुंच रहा है. जिसके किसानों को ₹20 से ₹40 प्रति किलो तक दाम मिल रहे हैं. शुरुआती सीजन में जहां सूखे की वजह से किसानों को इस बार मटर के दामों में उतार चढ़ाव देखने को मिला तो वहीं, बेमौसम बारिश की वजह से किसानों को अब इसके दाम बेहतर नहीं मिल पा रहे हैं.
बारिश और ओलावृष्टि की वजह से मटर का दाना खराब हो चुका है. जिससे मटर में दाग लगा हुआ है. सब्जी मंडी सोलन में आढ़तियों का मानना है कि मटर तो बढ़िया है, लेकिन दाग नुमा होने के कारण बाहरी राज्यों में आढ़ती इसे कम ले रहे हैं. हालांकि किसानों को अभी भी 20 से ₹40 प्रति किलो तक दाम मिल रहे हैं.
दाग के कारण दाम मिल रहे कम: सब्जी मंडी सोलन के आढ़तियों का मानना है कि मटर तो आ रहा है और इसकी डिमांड भी बाहरी राज्य में है, लेकिन दाग नुमा होने के कारण इसके दाम पहले जैसे किसानों को नहीं मिल रहे हैं. ग्रेडिंग करके ही मटर अब सब्जी मंडी सोलन में लिया जा रहा है. आढ़तियों का कहना है कि बाहरी राज्यों में महाराष्ट्र का मटर भी शुरू हुआ है. लेकिन लोकल मटर जो बढ़िया क्वालिटी का है उसको लेकर किसान को भी बेहतर दाम किसानों को मिल रहे हैं.
'इस बार मटर के दाम किसानों को बेहतर मिले': सब्जी मंडी सोलन के सचिव रविंद्र शर्मा का कहना है कि 1 अप्रैल से 1 मई तक सब्जी मंडी सोलन में 8800 क्विंटल मटर पहुंचा है. जिसके तहत करीब 3 करोड़ का व्यापार 1 महीने में किया गया है. उन्होंने कहा कि अभी भी मटर चल रहा है. ऐसे में यह नहीं कहा जा सकता है कि मटर का सीजन समाप्त हो चुका है. उन्होंने कहा कि इस बार मटर के दाम किसानों को बेहतर मिले हैं, लेकिन बारिश और ओलावृष्टि का असर भी अब मटर के दामों पर देखने को मिल रहा है.